Post Views 1121
October 23, 2017
द एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने राजस्थान सरकार से हानिकारक अध्यादेश को वापस लेने की मांग की है. यह अध्यादेश लोकसेवकों, न्यायाधीशों और मजिस्ट्रेटों के खिलाफ आरोपों पर उसकी मंजूरी के बिना रिपोर्टिंग करने से मीडिया को रोकता है.
गिल्ड ने रविवार रात एक बयान में कहा कि यह अध्यादेश मीडिया को परेशान करने वाला एक खतरनाक यंत्र है. इसमें कहा गया है, ऐसा दिख रहा है कि राज्य सरकार का पिछले महीने जारी अध्यादेश बजाहिर फर्जी प्राथमिकी से न्यायपालिका और नौकरशाही की रक्षा करने के लिए लाया गया है. लेकिन वास्तव में यह मीडिया को परेशान करने का एक घातक साधन है, जो सरकारी कर्मियों के गलत कृत्यों को छुपाता है और भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त प्रेस की स्वतंत्रता पर नाटकीय ढंग से रोक लगाता है.
राजस्थान सरकार ने पिछले महीने आपराधिक कानून (राजस्थान संशोधन) अध्यादेश, 2017 जारी किया था जिसमें राज्य के सेवानिवृत्त एवं सेवारत न्यायाधीशों, मजिस्ट्रेटों और लोकसेवकों के खिलाफ ड्यूटी के दौरान किसी कार्रवाई को लेकर सरकार की पूर्व अनुमति के बिना जांच से उन्हें संरक्षण देने की बात की गई है. इसमें मीडिया पर प्रतिबंध लगाया गया है कि वह जांच को लेकर सरकार की मंजूरी मिलने तक इस प्रकार के आरोपों पर रिपोर्ट प्रकाशित या प्रसारित नहीं कर सकती.
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved