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July 19, 2017
अजमेर। शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि प्रदेश के सभी विद्यालयों में आगामी 31 जुलाई तक अक्षय पेटिकाएं रखे जाने का कार्य पूर्ण कर लिया जाए। उन्होनं कहा कि अक्षय पेटिकाएं इसीलिए विद्यालयों में रखी जा रही है कि स्थानीय जन विद्या दान के लिए प्रेरित हो सके। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों से अपने अपने क्षेत्रा के दानदाताओं से वैयक्तिक संपर्क कर बच्चों की बेहतर शिक्षा और विद्यालय विकास के लिए ‘अक्षय पेटिकाओं’ में सहयोग लेने पर जोर दिया है। उन्होंने अभिभावक-शिक्षक बैठकों में भी भी इस संबंध में प्रेरित किए जाने पर जोर दिया।
देवनानी बुधवार को शासन सचिवालय के समिति कक्ष में राज्य के जिला शिक्षा अधिकारियों के साथ हुई विडियो काॅन्फ्रेन्स में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करे कि प्रदेश के सभी जिलों में कहीं भी 6 से 14 आयु वर्ग का कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित नहीं रहे। शत-प्रतिशत नामांकन के साथ ही उन्होंने जिलेवार विद्यालयों में आधारभुत सुविधाओं के विकास, निर्माण कार्यो आदि के बारे में भी जानकारी ली।
उन्होंने राज्य के जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे विद्यालय जहां चार दीवारी नहीं है, उनके संबंध में आगामी तीन दिनों के अंदर प्रस्ताव तैयार कर भिजवाए। ताकि मनरेगा के तहत पंचायती राज विभाग से इस संबंध में स्वीकृति प्राप्त कर जल्द से जल्द वहां कार्य प्रारंभ हो सके। उन्होंने मनरेगा के तहत विद्यालयों में बनने वाले खेल मैदान कार्यो के प्रस्ताव भी आवश्यकतानुसार भिजवाने के निर्देश दिए।
उन्होंने जिलेवार विद्यालयों में नामांकन वृद्धि की प्रगति समीक्षा भी की तथा कहा कि 31 जुलाई तक सभी जिला शिक्षा अधिकारी आवश्यक रूप से नामांकन वृद्धि की जानकारी शाला दर्पण और शाला दर्शन पोर्टल पर अपलोड कर दे। उन्होंने कहा कि सितम्बर माह में विद्यालयों में कक्षा, 3, 5 एवं 8 में अध्ययनरत विद्यार्थियों की भारत सरकार द्वारा मूल्यांकन परीक्षा होनी है, इस संबंध में विद्यालयों में सुव्यवस्थित तैयारी विद्यार्थियों की कराई जाए ताकि मूल्यांकन परीक्षा में राजस्थान का देशभर में बेहतर परीक्षा परिणाम रहे।
शिक्षा राज्य मंत्री ने आंगनबाड़ी केन्द्रों का विद्यालयों के साथ समन्वय किए जाने के बारे में भी शिक्षा अधिकारियों से जानकारी ली तथा कहा कि इस संबंध में सभी स्तरों पर कार्य किया जाए। साथ ही उन्होंने पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा विद्यालयों की प्रभावी मोनिटरिंग किए जाने, विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षा की प्रगति, सभी सैकण्डरी और सीनियर सैकण्डरी विद्यालयों में आईसीटी लैब की स्थापना किए जाने के संबंध में भी निर्देश दिए।
देवनानी ने कहा कि प्रदेश में आदर्श एवं उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना इसीलिए की गई है कि ग्राम पंचायतों में शिक्षा का प्रभावी रूप में प्रसार हो सके। प्रयास यह भी किया जाना चाहिए कि राज्य के सभी विद्यालय आदर्श एवं उत्कृष्ट हों।
बैठक में शिक्षा विभाग के शासन सचिव श्री नरेशपाल गंगवार ने विद्यालयों के विकास से संबंधित गतिविधियों की प्रगति के बारे में जिलेवार जानकारी ली। शिक्षा विभाग के विशिष्ट शासन सचिव असलम मेहर, सर्व शिक्षा आयुक्त जोगाराम, रमसा की राज्य परियोजना निदेशक आनंदी सहित बड़ी संख्या में विडिया काॅन्फ्रेन्स में अधिकारियों ने जिलेवार शिक्षा अधिकारियों से संवाद किया।
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