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June 29, 2017
जयपुर। जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल की अध्यक्षता में नीति निर्धारण समिति की 199वीं बैठक सम्पन्न हुई। गोयल ने कहा कि सरकार दूसरे छोर तक बैठे आमजन तक स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की हर संभव कोशिश कर रही है और इसमें काफी हद तक कामयाब भी रही है। शासन सचिवालय परिसर में बुधवार को सम्पन्न हुई इस बैठक में प्रदेश के कई गांवों में पेयजल योजनाओं के वर्तमान स्वरूप से उन्नत स्वरूप मेें परिवर्तित करने का नीतिगत निर्णय लिया गया। बैठक में दौसा जिले में पेयजल समस्या के समाधान के लिए ईसरदा बांध से 4 कस्बे तथा 1079 गांंवाें को लाभान्वित करने के लिए बांंध निर्माण की संशोधित राशि 1038.65 करोड रूपए की वित्तीय राशि स्वीकृत जारी की गई।
इसके अलावा उदयपुर जिले की झाडोल तहसील के 30 गांवों को मानसीवाकल बांध से पानी देने, बूंदी जिले की तालेडा तहसील के 59 गांवाें को चम्बल भीलवाडा परियोजना के विस्तार के लिए, बूंदी क्लस्टर परियोजना में 80.80 करोड रूपए, बूंदी जिले के 2 कस्बे इन्दरगढ एवं सुमेरगंजमण्डी तथा 51 गांवों को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए चाखण बांध से जल प्रदाय परियोजना इन्दरगढ 73.93 करोड रूपए, जिला बारां की अन्ता तहसील एवं मांगरोल के कुल 54 गांवाें और सोनवा गांव के समीप एनीकट से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 105.15 करोड रूपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति की सहमति जारी की गई।
गोयल ने बताया कि बैठक में 59 हैंडपंप योजनाओं को पंप एवं टैंक योजनाओं में 36 करोड रूपए, घर-घर जल सम्बन्ध देने के लिए 42 हैंडपंप योजनाओं तथा पम्प एवं टैंक योजनाओं को पाइप्ड योजनाओं में 103 करोड रूपए की राशि के द्वारा उन्नयन करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि पेयजल समस्या के स्थाई समाधान के लिए राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के कुल 26 गांवों को लाभान्वित करने के लिए 11 हैंडपंप योजनाओं को क्षेत्रीय योजनाओं में 32.76 करोड की राशि खर्च कर उन्नयन किया जाएगा।
जलदाय मंत्री ने बताया कि विभागीय मापदंडाें के अनुसार राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पानी उपलब्ध कराने के लिए 4 जल योजनाओं पर 49.05 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति जारी करते हुए संवर्धन करने का निर्णय लिया गया। इन सभी उन्नत और परिपर्तित योजनाओं की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियांं शेड्यूल ऑफ पावर के अन्र्तविष्ट शक्तियों के अनुसार सक्षम स्तर पर जारी की सकेगी। गोयल ने बताया कि शहरी जल प्रदाय योजना डीडवाना के पुनर्गठन के लिए फेज-ा एवं फेज-ाा के लिए कुल राशि रू. 32.03 करोड की प्रशासनिक स्वीकृित जारी की गई है। इसी तरह जयपुर शहर की शहरी जल प्रदाय योजना मंगल विहार एवं पास की कॉलोनियो के लिए 5.94 करोड रूपए की प्रशासनिक स्वीकृित जारी करते हुए संवर्धन करने का निर्णय लिया गया। जयपुर शहर की शहरी जल प्रदाय योजना निर्माण नगर के पुनर्गठन के लिए 12.88 करोड रूपए की प्रशासनिक स्वीकृित जारी करने का निर्णय लिया गया।
इसके अलावा कोटा जिले की तहसील रामगंजमंडी की शहरी जल प्रदाय योजना सुकेत के पुनर्गठन के लिए 15.45 करोड रूपए की प्रशासनिक स्वीकृित जारी करने का निर्णय लिया गया। साथ ही यूआईटी कोटा के द्वारा विकसित जल योजनाओं के संचालन एवं संधारण विभाग द्वारा करने का नीतिगत निर्णय लिया गया। इन सबके अलावा जोधपुर शहर में बढते भूजल समस्या के समाधान के लिए 31.54 करोड रूपए की संशोधित राशि की सहमति जारी करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जेसी महान्ति, विशिष्ट सचिव महेश शर्मा और अन्य विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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