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June 23, 2017
शहर कांग्रेस टीम की घोषणा, 19 पार्षद, कई पूर्व पदाधिकारी तो कई नए चेहरे, कई दिज्गजों को नहीं मिला स्थान, 5 चेहरे ऐसे जो विधानसभा टिकट के प्रबल दावेदार।
रजनीश रोहिल्ला। अजमेर
आखिरकार डेढ़ साल बाद शहर कांग्रेस की कार्यकारिणी घोषित हो ही गई। अध्यक्ष विजय जैन ने शहर कार्यकारिणी की घोषणा की तो बड़ी संख्या में कांग्रेसियों के चेहरे पर रौनक आ गई। वहीं कुछ चेहरे मुरझा भी गए।
कांग्रेस की गठजोड़ वाली यह कार्यकारिणी नेताओं के गुटों में संतुलन स्थापति करने का बड़ा प्रयास है। अगले साल विधानसभा चुनाव होने है। उसी को ध्यान में रखते हुए सभी गुटों को तरजीह दी गई है। इस कार्यकारिणी से यह भी साफ हो गया है कि प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट अजमेर को गुटबाजी से उभारकर सब नेताओं को एक जाजम पर बैठाना चाहते है। जिससे कांग्रेस मजबूत दिखे और बने।
70 चेहरों की भारी भरकम कार्यकारिणी में 20 पूर्व और वर्तमान पार्षदों को स्थान मिला है। कार्यकारिणी में पूर्व अध्यक्ष महेंद्रसिंह रलावता, वर्तमान अध्यक्ष विजय जैन, पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती, पूर्व विधायक राजकुमार जयपाल, पूर्व विधायक ललित भाटी, कांग्रेस नेता हेमंत भाटी के गुटों से जुड़े लोगों को स्थान मिला है।
कार्यकारिणी में आए चेहरों पर नजर डाले तो सबसे अधिक 24 चेहरे सचिन पायलट से सीधे जुड़े हुए हैं। वहीं विजय जैन के खेमे से 18 चेहरों ने स्थान बनाया है। डॉ श्रीगोपाल बाहेती खेमे से 10 चेहरे, रलावता खेमे से 5, डॉ. राजकुमार जयपाल खेमे से 5, ललित भाटी खेमे से 3, हेमंत भाटी खेमे से 5 चेहरे सीधे जुड़े हुए हैं। यूं तो हर चेहरा दो तीन नेताओं के खेमों में अपना वजूद रखता है।
4 चेहरे विधानसभा टिकट के प्रबल दावेदार
70 चेहरों की कार्यकारिणी में दक्षिण और उत्तर विधानसभा सीट से चुनाव लडऩे के इच्छुक कई दावेदार है। लेकिन उत्तर विधानसभा क्षेत्र से 5 लोगों की दावेदारी प्रबल मानी जा रही है। इनमें सिंधी समाज से वरिष्ठ पत्रकार गिरधर तेजवानी, व्यवसायी दीपक हासानी, रश्मि हिंगोरानी और पूर्व विधायक डॉ श्रीगोपाल बाहेती का नाम है। वहीं दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से हेमंत भाटी, ललित भाटी, राजकुमार जयपाल, प्रताप यादव की दावेदारी प्रबल रहेगी।
गुटबाजी हावी रही है कांग्रेस पर
उल्लेखनीय है कि विगत चुनाव में जहां मोदी लहर चुनाव पर भारी थी वहीं कांग्रेस की बड़ी हार का बड़ा कारण नेताओं की गुटबाजी भी थी। उससे पहले हुए सांसद के चुनाव में भी खुद सचिन पायलट के लिए भी नेताओं की गुटबाजी सिरदर्द बन गई थी। इसी गुटबाजी से पार्टी को उभारने के लिए सचिन पायलट ने एक ऐसे चेहरे को शहर अध्यक्ष बनाया जो गुटबाजी और विवादों से दूर था। विजय जैन ने भी सबको साथ लेकर चलने का भ्रसक प्रयास किया। बावजूद उसके सभी नेता एक जाजम पर नहीं बैठ सके। कांग्रेस के अधिकांश आंदोलन और कार्यक्रमों से किसी न किसी नेता ने दूरी बनाई रखी।
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