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November 11, 2021
अपने देश के लिए कुछ भी कर गुजरने की चाहत किस के दिल में नहीं होती? मैं एक भारतवासी हूँ और इस बात का मुझे गर्व है। मैं ऐसे वीरों को हृदय से नमन करती हूँ जिन्होंने अपने प्राणों की परवाह किए बिना देश के स्वाभिमान की रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाली और वक्त पड़ने पर न्यौछावर भी कर दी।
ऐसी ही हिम्मत और हौसले की कहानी है , विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमन ...
विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमन भारतीय वायुसेना के पायलट है। कमांडर अभिनंदन को मैं अपना आदर्श मानती हूँ। क्योंकि दुश्मन की धरती पर वायुयान दुर्घटनाग्रस्त होकर गिर जाने के बावजूद, उन्होंने जिस तरह से पाकिस्तान के फौजी अफसरों के सामने बैठकर अपनी बात कही वह अपने आप मे एक इतिहास है |
पाकिस्तानी अफसरों से मुखर रूप से अपनी बात कहने का वह दृश्य कैमरे में कैद किया गया। और इंटरनेट पर प्रचारित होने के बाद बहुत लोकप्रिय भी हुआ। वह वीडियो जब मैंने देखा तो वाकई यकीन नहीं हो रहा था कि - कोई मौत के इतना करीब खड़े होकर भी इतने संयम और समझदारी से कैसे अपना फर्ज निभा सकता है ??
विंग कमांडर अभिनंदन का यह तेवर इतिहास में सदा याद रखा जाएगा |
उनका यह तेवर यह सिखाता है कि –
आपके पास केवल एक ही जिंदगी है। आप मरते भी सिर्फ एक ही बार हैं। और ये सबके साथ होना है।जब ऐसा है तो फिर डर कैसा ? और अपने देश के स्वाभिमान और अस्मत के साथ समझौता क्यों ??
देश की सुरक्षा में अदम्य साहस का प्रदर्शन कर सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों को हर साल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। जिनमें परम वीर चक्र , महावीर चक्र , कीर्ति चक्र , वीर चक्र , अशोक चक्र ,शौर्य चक्र और विशिष्ट सेना मैडल शामिल है।
विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमन को भी उनकी हिम्मत, हौसले और देश के स्वाभिमान की रक्षा के लिए भारत सरकार द्वारा 2019 में वीर चक्र प्रदान किया गया है।
यदि उन्ही की तरह मुझे भी देश की सेवा का मौका मिला , तो मैं गौरान्वित महसूस करूँगी। और यदि मुझे उनकी तरह वीर चक्र प्राप्त हुआ तो, मैं उस पुरस्कार राशि से हमारे जिले के सबसे पिछड़े हुए गांव में वीर अभिनंदन एनडीए कोचिंग अकादमी खोलूंगी। जिसमें फौजी बनने का सपना संजोने वाले किसी भी इच्छुक छात्र को यह कोचिंग निशुल्क प्रदान की जाएगी।
ताकि विंग कमांडर अभिनंदन जैसे वीरों की कहानी सुन कर गांव के हर बच्चे के अंतर्मन में मातृभूमि पर मर मिटने का जज्बा क़ायम रह सके। और देश सेवा का यह जज्बा मन में लिए गाँव का बच्चा-बच्चा अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर , निस्वार्थ भाव से देश के लिए अपना योगदान देने में कभी पीछे न हटे। क्यूँकि मेरा मानना है कि –
जो कौम का नहीं वो किसी काम का नहीं
अवसर मिला तो मैं जिले के बहादुर बच्चों के लिए विंग कमांडर अभिनंदन वीरता पुरस्कार भी शुरू करना चाहूँगी। ताकि आने वाली पीढ़ी कभी भी हिम्मत और हौसले की इस कहानी को भुला न पाए। सदैव इस से प्रेरित रहे और यह बात अपने ध्यान में रखें की -
वो जीवन ही बस जीवन है जो देश के लिए काम आए
वो मौत नहीं वो मुक्ति है जब हँसते हँसते प्राण जाए
-मिशा नरेश
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