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February 18, 2021
अजमेर में हो सकता है कोरोना का महाविस्फोट
ज़िला प्रशासन शहर को बनाने में लगा है स्मार्ट -सिटी और शहर में कोरोना तैयार है आतंकवादी हमले के लिए_
महाराष्ट्र और केरल से आए हुए हैं कोरोना केरियर्स,उर्स के बाद बिगड़ सकते हैं हालात_
ज़िला प्रशासन ,चिकित्सा विभाग और जनता को सावधान होने की ज़रूरत_
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
केरल और महाराष्ट्र में कोरोना ने फिर मौत का तांडव शुरू कर दिया है।वहाँ वायरस 72% सक्रिय हो गया है। अजमेर के लोग अभी भी पहले की ही तरह सोच रहे हैं। महाराष्ट्र और केरल में सक्रिय हुआ वायरस अजमेर के लोगों का क्या टेढ़ा कर लेगा ! नादान अजमेरिये यह नहीं जानते कि जब चाइना से चल कर वायरस अजमेर पहुंच सकता है तो केरल और महाराष्ट्र से आने में कितनी देर लगेगी !
अजमेर में उर्स परवान पर है। हज़ारों ज़ायरीन रोज़ अजमेर आ रहे हैं ।इनमें केरल और महाराष्ट्र के लोग भी बड़ी संख्या में अजमेर आ रहे हैं।
अजमेर आने वाले ज़ायरीन की रेंडम चेकिंग या सैंपलिंग प्रशासन कितनी कर रहा है, यह सर्वविदित है। कोरोना की जाँचें लगभग बंद पड़ी हैं।कोरोना वार्ड ख़ाली कर दिए गए हैं। अजमेर से कोरोना जा चुका है ,यह मानकर ज़िला प्रशासन ही नहीं, आम जनता भी चैन से चैन की नींद सोई हुई है ।
कोरोना का डर सिर्फ़ मोदी जी को लग रहा है ।अभी भी वे जब तक दवाई नहीं ,तब तक ढिलाई नहीं का नारा लगा रहे हैं। वैक्सीन ज़िले में जिस तरह हेय दृष्टि से देखी जा रही है उसे देखते हुए लग रहा है कि वैक्सीन के प्रति लोग उत्साहित नहीं।
लोग समझ रहे हैं कि भार्गव जी का राधे काढ़ा ही पार लगा देगा। माना कि काढ़ा बेहद शानदार है, इसके परिणाम भी बहुत सुखद रहे हैं। मगर पूरे ज़िले को तो काढ़ा भी तो सप्लाई नहीं हो रहा । ऐसे में लोगों को वैक्सीन तो लगानी ही होगी ।
ऐसे लोग जो यह सोच रहे हैं कि बिना वैक्सीन के कोरोना को कुश्ती में पछाड़ देंगे उन्हें मैं बता दूं कि इस बार कोरोना का भयंकर विस्फोट अजमेर से ही होने वाला है ।
हमारे व्यवहार में जो कोताही आ गई है वही हमारे लिए प्राणघातक सिद्ध होगी।
आज मेरी बात आपको भले ही अटपटी लगे ,मगर मैं दावे के साथ कह रहा हूँ कि यदि चिकित्सा विभाग ईमानदारी से फिर से 5000 सेम्पलिंग रोज़ शुरू कर दे तो फिर से अजमेर जिले में रोज़ 500 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव सामने आ सकते हैं। उर्स के बाद यह संख्या और भी बढ़ सकती है।
शहर के सरकारी व निजी अस्पतालों में सांस लेने में तक़लीफ के मरीज अभी भी तेजी से बढ़ रहे हैं। यह बात अलग है कि बिना जांच के उन्हें कोरोना पॉजिटिव नहीं माना जा रहा।
केकड़ी के हालात ये हैं कि लोगों ने मास्क लगाना बिल्कुल बंद कर दिया है । ब्यावर , बिजयनगर, पुष्कर, किशनगढ़ , नसीराबाद में भी यही हाल हैं। लोग हाथ मिलाने और गले लगने से नहीं चूक रहे। रैलियों और प्रदर्शन में लोग बिना कोरोना की चिंता किए हिस्सा ले रहे हैं। बार-बार हाथ धोने और हाथ सेनेटाइज करने की बात अब कहीं नज़र नहीं आ रही ।यह सब बातें कितनी महंगी पड़ने वाली है हम अभी नहीं समझ रहे ।
केरल और महाराष्ट्र में जो हुआ वैसा ही हम कर रहे हैं और यही असावधानी अब हमारे दरवाज़े पर मौत लेकर आ खड़ी होगी।
ज़िला प्रशासन शहर को स्मार्ट बनाने में लगा हुआ है ।ऐसा नहीं कि उसे कोरोना के फिर से शहर में लौटने की जानकारी न हो ,लेकिन वह भी शायद किसी महा -विस्फोट का इंतज़ार कर रहा है ।कोरोना काल में जैसा विस्फोट भीलवाड़ा में हुआ था जब तक वैसा विस्फोट अजमेर में नहीं होगा ,तब तक प्रशासन की आंखें नहीं खुलेगी ।
अजमेर का चिकित्सा विभाग पूरी तरह चैन की नींद सोया हुआ है। यदि यही हाल रहा तो मैं अभी से बता देता हूं कि अस्पतालों में कोरोना वार्ड फिर से खुल जाएंगे ।फिर से अस्पतालों में भारी भीड़ इलाज़ के लिए भर्ती होगी। फिर से डॉक्टर पी पी ई किट पहनने लगेंगे ।फिर से मुर्दे पॉलीथिन में पैक होकर श्मशान में पहुंचने लगेंगे। फिर से कोरोना का हाहाकार शुरू हो जाएगा। फिर से लॉक डाउन की व्यवस्था करनी होगी।
जिला प्रशासन को अभी से कमर कस लेनी चाहिए। महाराष्ट्र के लोग बड़ी संख्या में अजमेर आ रहे हैं। अजमेर से भी लोग मुंबई से बराबर आ जा रहे हैं ।कौन ऐसे में तवर्रुख या प्रसाद बांट जाए ये कहा नहीं जा सकता। सावधानी हटी कि दुर्घटना घटी ।
अब प्रशासन को फिर से सैंपलिंग की रफ्तार बढ़ा देनी चाहिए ताकि समय पर कोरोना के आक्रमण पर काबू पाया जा सके ।
अजमेर जिले के लोगों से मेरी हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि वे लापरवाही नहीं बरतें ।कोरोना इस जिले से अलविदा नहीं हुआ है ।कोरोना केरियर्स अजमेर में बड़ी संख्या में आए हुए हैं। मास्क लगाएं। दूरी बनाकर रखें। हाथ बराबर साबुन से धोते रहें।गर्म पानी का सेवन करें। सैनिटाइजर का उपयोग करें । काढ़ा पीते रहें। रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर ना होने दें ।
बच्चों को स्कूल भेजें मगर पूरी तरह प्रशिक्षित करके। वैक्सीन लगाने में पीछे न हटें। बिना वैक्सीन आप हो सकता है जिंदा तो बच जाएँ मगर फिर भी वैक्सीन से दूर ना भागें।अफ़वाहों पर ध्यान न दें।उसे लगाने में ही आपकी भलाई है ।
......और हां मुझे आपकी जान की चिंता है इसलिए यह सब कह रहा हूं ।मैं किसी वैक्सिंग कंपनी का जनसंपर्क अधिकारी या मार्केटिंग मैनेजर नहीं।
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