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August 22, 2020
कोरोना फेस्टिवल पर सरकार अब जाकर हुई गंभीर
नागौर और बीकानेर में आंशिक लॉक डाउन, एक बेहतर फ़ैसला
लखावत जी पर गहलोत का प्यार क्यों उमड़ा
सचिन का दिल्ली डेरा क्यों
कटारिया की कटार का मतलब
✒सुरेन्द्र चतुर्वेदी
कोरोना संकट को लेकर नागौर और बीकानेर में अंशकालीन लॉकडाउन लगा दिया गया है। अन्य जिलों में भी तैयारियां चल रही हैं।
लॉकडाउन लगाने में राज्य के कई जिला कलेक्टर शायद डरे हुए हैं। यह सोच कर कि ऐसा करने से अनावश्यक रूप से इंतजामों के लिए रणनीति बनानी पड़ जाएगी।कई तरह की व्यवस्थाएं करनी पड़ेंगी । विभागों में तालमेल रखने के लिए मॉनिटरिंग जो करनी पड़ जाएगी ।
नागौर के युवा कलेक्टर जितेंद्र सोनी ने ऐसा करते हुए आंशिक लॉकडाउन नागौर में लगा दिया है। बीकानेर में आज शाम 6:00 बजे से 36 घंटे तक बाजार बंद रहेंगे ।यह शुभ संकेत है ।
अजमेर में स्थिति विकट है, लेकिन यहां लॉकडाउन नहीं लगेगा। क्योंकि ये चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा का गृह जिला जो है। यहां ही अगर लॉक डाउन हो गया तो उनकी छवि पर विपरीत प्रहार जो होगा ।इसमें कोई दो राय नहीं कि चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा पूरे राज्य की ओवरऑल व्यवस्थाओं में जुटे हुए हैं। सिर्फ अजमेर ही तो उनकी नज़र में नहीं। वह सर्वव्यापी होकर सोच रहे हैं और यह एक बहुत अच्छी बात है ।ये भी तो सच है कि वह जितना कर रहे हैं उतना उनकी सरकार का कोई और मंत्री नहीं कर रहा ।
कल विधानसभा में विधायकों मंत्रियों के बीच जमकर भिड़ंत हुई। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ व कालीचरण सराफ से कांग्रेसियों ने जमकर लोहा लिया।
गहलोत जी ने तो कल अजमेर के हेड मास्टर साहब ओंकार सिंह लखावत जी की मुक्त कंठ से प्रशंसा कर दी। हेड मास्टर जी की भी बांछें खिल गई हैं। वसुंधरा राजे के चिलगोजों की प्रशंसा करके गहलोत क्या जताना चाहते हैं। अब यह बात समझ में आने लगी है।
उधर सचिन पायलट को लग रहा है कि उनके गुर्गों को बहुत ज्यादा तरज़ीह मिलने वाली नहीं । ना ही उनको गहलोत के राज में बहुत ज्यादा उठा पटक करने का अवसर मिलेगा। इस बात पर वे फिर दिल्ली कूंच कर गए हैं। कुछ दिन वही रहेंगे। हाईकमान के कान भरेंगे।
जादूगर गहलोत जानते हैं कि उन्हें यदि हाईकमान पर अपना दबाव बनाए रखना है तो कुछ ना कुछ टेढ़ा मेढ़ा करना होगा। उन्होंने लखावत जी की प्रशंसा करके कुछ संकेत दिल्ली भिजवा दिए हैं ।
इधर वसुंधरा जी भी सक्रिय हो उठी हैं । उनका सक्रिय होना और छैला बाबू संगठन महामंत्री जी से मिलना। कई घण्टों अलग से बातें करना यह दर्शा रहा है कि उनकी वापसी प्रभावशाली होने वाली है।
राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया सहमे हुए हैं। सबके सामने तो कुछ नहीं हो रहा मगर इशारे में कांग्रेस व भाजपा दोनों के बीच बहुत कुछ चल रहा है ।चतुर कैलाश मेघवाल जिस तरह वसुंधरा जी की जुबान बन जाते हैं उसी तरह शांति धारीवाल और प्रताप खाचरियावास गहलोत जी की।
राजस्थान की राजनीति अभी और घटिया होगी। इस बीच दो बातें मैं अपने पाठकों से साझा करना चाहूंगा। एक तो यह कि भाजपा के दिग्गज नेता गुलाबचंद कटारिया ने कल पहली बार बेहद शानदार बात कही ।उन्होंने कांग्रेस और भाजपा को कोरोना के मुद्दे पर साथ लड़ाई लड़ने की ज़रूरत बताई।
मैं उन्हें बधाई देता हूँ।जो बात प्रदेश की पूरी जनता कह रही है वो उन्होंने कह दी। उन्होंने जो कहा मैं यहां बताना भी इसलिए ज़रूरी समझता हूं कि इस बुरे वक्त में उनका कहा यदि मुमकिन हो जाए तो कोरोना से लड़ना आसान हो सकता है ।
क्या कहा उन्होंने ज़रा सुनिए। पत्थर फेंकने से कुछ नहीं होगा। सभी मिलकर इस लड़ाई को लड़ सकते हैं। 10 हज़ार लोग दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं ।इसकी तुलना में कोरोना से ज्यादा मौतें नहीं हो रहीं। बस भय ज्यादा व्याप्त है। इसे दूर करने की आवश्यकता है। बीमारी से उपजे मानसिक तनाव को दूर करने का सभी राजनेता संयुक्त प्रयास करें। जो कोविड सेंटर बनाए गए हैं उनकी व्यवस्थाएं ठीक नहीं। यदि व्यवस्थायें सुधार दी जाएं तो ही काफी कुछ हो सकता है । रोगियों के सामने खाना फेंक दिया जाता है । एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई जानी चाहिए जो व्यवस्थाएं देखें। मरीजों में आत्मविश्वास पैदा हो तो वह निश्चित रूप से दवाइयों से कहीं ज्यादा लाभदायक होगा। जांचें बहुत कम हो रही हैं। मात्र 18000 रोज़, जबकि जांच की क्षमता 50,000 रोज़ है । सरकार को संक्रमण के आंकड़े बढ़ने से नहीं डरना चाहिए। कम से कम पॉजिटिव आने वालों का पता लगने पर उसका इलाज़ तो हो सकेगा। समाज के लिए वे खतरा तो नहीं बनेंगे। जांच रिपोर्ट तेजी से आनी चाहिए। रिपोर्ट देरी से आने पर संक्रमण का प्रसार तेजी से बढ़ता रहता है और रिपोर्ट आने तक आंकड़े कई गुना जुड़ चुके होते हैं। इसे रोका जाना चाहिए ।जांच रिपोर्ट मोबाइल पर भेजी जानी चाहिए ।प्राइवेट अस्पतालों में लूट मची हुई है।इस पर नियंत्रण होना चाहिए। कटारिया जी ने जो कहा उसका सरकार यदि संज्ञान ले ले तो अभी भी कोरोना पर नकेल कसी जा सकती है । उसकी रफ्तार कम की जा सकती है।
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