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August 21, 2020
‼अजमेर में कोरोना ने बनाई डबल सेंचुरी: ज़िले की सरकार को बधाई‼
बॉल बाउंडरी के पार: हर बॉल पर सिक्सर! ज़िले की सरकार भी बनी सिक्सर !!
जादुई मशीन से ही भागेगा कोरोना: भूल जाइए लॉक डाउन
✒सुरेन्द्र चतुर्वेदी
करोना ने अजमेर में डबल सेंचुरी बना ली है । जिला कलेक्टर साहब को तो पता होगा ही। चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा के गृह जिले में कोरोना कमाल की क्रिकेट खेल रहा है ।गहलोत जी कोरोना के विरुद्ध अधिकारियों और मंत्रियों को फील्डिंग पर बैठा रहे हैं। यह एक बेहतरीन रणनीति है । मौखिक क्रांति। कोरोना की मीडिया ट्रायल । यह प्रचार कि कोरोना की मारक क्षमता कम हो रही है। लोग पहले से ज्यादा ठीक होकर लौट रहे हैं। जनजीवन सामान्य हो रहा है,या कि ऐसी बातें जो सुनने में अच्छी लगें.... मगर राज्य के शत-प्रतिशत जिले डरे हुए हैं। हर जिले में कोरोना के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती चली जा रही है।
मैं अजमेर को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते करते मानसिक रूप से विक्षिप्त होने के मुहाने पर आ खड़ा हुआ हूँ। कल के ब्लॉग में तो मैंने साफ ही कह दिया था कि आप मरना चाहते हैं और मैं बेवकूफ आप को बचाना चाहता हूँ।
जिला कलेक्टर श्री प्रकाश राजपुरोहित 200 का आंकड़ा पार होने के बाद भी प्रकाशमयी नहीं हो रहे ।पता नहीं वह कौन से आंकड़े का इंतजार कर रहे हैं। शायद 500 का, 700 का या 1000 का। पता नहीं हर रोज़ कितने कोरोना पॉजिटिव आएंगे तब जिला कलेक्टर प्रकाश जी प्रकाशित होंगे ।
आत्मा से कह रहा हूँ कि मैं जिले में लॉक डाउन की वकालत नहीं कर रहा मगर हालात बद से बदतर होते चले जाएं तो कौन सा रास्ता शेष बचता है यह मुझे कोई बता दें कोई बता दें कि कौन सी कंपनी का मास्क जनता लगाए कौन सी कम्पनी के साबुन से हाथ धोएं कितने किलोमीटर दूर रहकर डिस्टेंसिंग का पालन करे
कोरोना चैन बनाते हुए बढ़ता है यह बात पहले दिन से कही जाती रही है । जागरूकता अभियान चलाते हुए 5 महीने बीत चुके हैं । लोगों ने पूरी उम्र में शौचालय जाने के बाद उतनी बार हाथ नहीं धोए होंगे जितने पिछले 5 महीने में वे विभिन्न प्रजातियों के साबुन से धो चुके हैं। साबुन कंपनियाँ निहाल हो गई हैं और कोरोना अब भी लोगों के हाथों से चिपका हुआ है।
अजमेर जिले के लोग या तो मूर्ख और पागल किस्म के हैं या अतुलित बलशाली, पराक्रमी और बाहुबली। कोरोना से दूर रहने के लिए कुछ कर ही नहीं रहे।
हालात बेकाबू हो चुके हैं। अभी और भी होंगे। इतने होंगे कि लोग दरवाजा खोलेंगे और कोरोना अंदर आ जाएगा। लोग बाहर निकलेंगे और कोरोना "बाबूजी धीरे चलना , ज़रा संभलना, बड़े धोखे हैं इस यार में " वाला गाना गाएगा।
जिला प्रशासन कुछ भी नहीं कर रहा यह मैं नहीं कह रहा । बहुत कुछ कर रहा है ।सरकार भी इतना कर रही है कि कोई कर नहीं सकता मगर कहां क्या कुछ हो रहा है नज़र नहीं आ रहा। शायद अदृश्य शक्तियां काम कर रही हैं। अद्भुत प्रणालियां विकसित की जा रही हैं। अज्ञात तरीके से कोरोना की चेन तोड़ी जा रही है।
जिला कलेक्टर बहुत बड़े गणितज्ञ हैं इसलिए हो सकता है वे कोई फार्मूला ऐसा बना रहे होंगे कि कोरोना चेन अपने आप टूट जाए। जैसे मोटरसाइकिल पर सवार होकर उचक्के रास्ते जाती महिलाओं की चेन तोड़कर चंपत हो जाते हैं।
शासन के पास ज़रूर ऐसा कोई होम्योपैथी फार्मूला होगा जिसकी एक डोज़ से रोग पहले तो तेजी से बढ़ेगा , फिर मारा जाएगा । वैसे ही जैसे आनंदपाल एनकाउंटर में मारा गया था।
मित्रों!! इंतजार करो!! प्रशासन से कोरोना का कोई बाल फ़िलहाल टेढ़ा नहीं हो पा रहा हो मगर इसका बाल टेढ़ा करने की मशीन जिला प्रशासन बहुत सोच समझकर बना रहा है। जल्द ही वह मशीन काम करेगी और कोरोना गंजा हो जाएगा।
कुछ दिनों आप अपने फैफड़ों को सर्कस करने दीजिए। आप क्वॉरेंटाइन होते रहिए । कोम्बिफ्लेम, क्रोसिन, सेटराज़ीन और ऐसी ही कई दवाएं लेते रहिए! ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाइए! गर्म पानी पीजिए! प्राणायाम कीजिए ! नीम गिलोय का सेवन कीजिए! सब ठीक हो जाएगा।
कहा जा रहा है कि राज्य में कोरोना के मरीज़ तेजी से ठीक हो रहे हैं ।कोरोना के हमले में लोगों का मरना कम हुआ है ,तो यकीन कीजिए सही ही कहा जा रहा होगा ।
यदि सही कहा जा रहा है तो सरकार के अंडर गारमेंट्स फटे क्यों जा रहे हैं ।खोल दीजिए स्कूल, खोल दीजिए मंदिर, मस्जिद , गुरुद्वारा और चर्च । चलने दीजिए ट्रेन और बस। कर दीजिए ना पूरी तरह अनलॉक ।
दोस्तों !! हमें क्या बनाया जा रहा है उस शब्द का उच्चारण करूं तो आप फिर कहेंगे मैं भाषा का संयम खो देता हूँ मगर असलियत यही है कि सरकार और प्रशासन हमें दो तिया , तीन तिया, चार तिया बना रहे हैं।
कोरोना का अब तक कोई बाल बांका नहीं कर पाया है । ना आगे हो पायेगा बल्कि तीतर के बाल की तरह वो ज्यादा हार्ड होते जा रहा हैं। अभी और होंगा।
प्लीज़ !! सरकार या प्रशासन के भरोसे बिल्कुल मत रहिए। चेन का हिस्सा बनने से खुद बचिए! सैर सपाटा ,मौज-मस्ती बाद में ही कर लेना!! दोस्तों मौसम फिर से आएंगे!!और बेहतर आएंगे !! आती रहेंगी बहारें ,जाती रहेंगी बहारें !! अपने आप को जैसे भी हो सावधानी से बचा लीजिए !! कोरोना शरीर का क्या हाल करता है ? कितना तड़पना पड़ता है ? प्लीज कुत्ते की मौत मरने का अनुभव मत प्राप्त कीजिए !! आपसे हाथ जोड़कर विनती है कि एडवाइजरी का पालन कीजिए! प्लीज! प्लीज! प्लीज!!
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