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August 14, 2020
‼जनता जाए भाड़ में, हम तो कुर्सी की आड़ में
भाजपा और कोंग्रेस दोनों खो चुकी हैं जनता का विश्वास: सदन में भले ही कर लें विश्वास प्राप्त
अजमेर में मास्टर -मास्टरनियां करेंगी पी टी परेड, मटकाएगें कूल्हे कमर
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। कांग्रेश विश्वासमत प्राप्त करेगी। दो ज़िद्दी राजनेताओं का भरत मिलाप हो गया है। सोनिया गांधी ने संदेश दिया है कि कोई भी कांग्रेसी पोस्टमार्टम ना करें। राजस्थान में कोरोना खलनायक बना हुआ है और हम स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं।अध्यापिकाएं डांस कर रही हैं। मास्टर जी व्यायाम । ऐसा लग रहा है हम एक सस्ती और घटिया फिल्म देख रहे हैं।
राजस्थान के सारे नेताओं की बोलियां बदल गई हैं। बाड़ों में बंद बकरों का मिमियाना बंद हो चुका है।सचिन पायलट अशोक गहलोत की शरण में आ चुके हैं। गहलोत फॉरगेट एंड फॉरगिव का नारा लगा रहे हैं। वसुंधरा राजे भाजपा के प्रति अपने समर्पण भाव का इज़हार कर रही हैं। एक महीने से बोली जा रही गालियां अब विधानसभा में दुबक गई हैं
सच कहूं तो राजस्थान की जनता के ख़िलाफ़ दोनों पार्टी के राजनेताओं द्वारा अविश्वास का प्रस्ताव कब का आ चुका है। दोनों पार्टियां जनता का विश्वास खो चुकी हैं।
सोनिया गांधी ने कोरोना से मरे लोगों का पोस्टमार्टम कर दिया है भले ही वे अपने चिलगोजों से कहती रहें कि वे पोस्टमार्टम न करें।
जनता दोनों ही पार्टियों से ठगा हुआ महसूस कर रही है। महंगाई चरम पर है। भ्रष्टाचार का बोलबाला है। माफिया फिर सर उठा चुके हैं। अपराधियों के हौसले सातवें आसमान पर हैं। नौकरशाहों की तूती बोल रही है। कोरोना अंतिम यात्रा में प्रवेश कर चुका है।
राजस्थान में राजनेताओं ने मिलकर जितनी बर्बादी करनी थी कर ली है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की खाल में भूसा भरा हुआ है। यह जनता को दिखाई पड़ चुका है। दोनों ही पार्टियों का चाल चरित्र बदबू मार रहा है। लोगों को राजनेताओं के नाम से नफरत हो गई है।
विधानसभा में भले ही भाजपा अविश्वाक्स प्रस्ताव पेश कर दे। कांग्रेस विश्वास मत हासिल कर ले, मगर जनता का विश्वास मत कोई भी पार्टी अब हासिल नहीं कर सकती।
जनता के जख्मों पर दोनों ही पार्टियां नमक छिड़क चुकी हैं। जनता का वश नहीं चल रहा वरना इन नकारा नेताओं को सड़क पर घसीट लाये और जूते मारे।अपने कर्मों से कालिख पुतवा चुके ये मंत्री , यह विधायक , ये पदाधिकारी सभी जनता का विश्वास खो चुके हैं। सरकार कोरोना के आगे घुटने टेक चुकी है। लोग अपनी ताक़त से जिंदा है और अपनी कमजोरी से ही मर रहे हैं। सरकार का जनता से कोई लेना-देना शेष नहीं बचा है।
राजस्थान की बर्बादी का जिक्र करते हुए आइए हम अजमेर लौट आएं। यहां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। अब तक स्वतंत्रता दिवस ब्लॉक स्तर पर मनाया जाता था। अब भी मनाया जा रहा है। फर्क इतना है कि पहले बच्चे पी टी परेड करते थे। नाचते कूदते थे। अब सरकार ने कोरोना काल को देखते हुए बच्चों को तो घर बैठा दिया है। मास्टर मास्टरनियों को पकड़ लिया है जो हाथ पैर ऊँचे नीचे करेंगे।कूल्हे और कमर मटकाएँगे
अजमेर जिला प्रशासन द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय को इस हेतु निर्देशित किया गया है कि स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम धूमधाम से मनाए जाने के लिए व्यवस्था करें और जिला शिक्षा अधिकारी ने इसकी व्यवस्था करते हुए अजमेर शहर के अध्यापक अध्यापिकाओं और शारीरिक शिक्षक व शिक्षिकाओं को पी.टी. करने के लिए पाबंद कर दिया है। इसका संयोजक सावित्री विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती लीलामणि को संयोजक बनाकर उनके जिम्मे किया गया है। इसके चलते पिछले 6 अगस्त से सावित्री विद्यालय के तत्वाधान में यह अध्यापिका व शारीरिक शिक्षिका पीटी की तैयारी कर रही हैं।
इन्हीं दिनों में राज्य सरकार के निर्देश पर एक कार्यक्रम और चल रहा है अगस्त क्रांति समारोह इसमें विभिन्न स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं । विभिन्न ब्लॉक पर और जिला स्तर पर कभी वृक्षारोपण कभी सफाई कर्मियों का स्वागत कभी चिकित्सा कर्मियों का स्वागत आदि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में इस समिति द्वारा 15 अगस्त की शाम सूचना केंद्र में सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन रखा गया है जिसमे जिले के राजनेता शामिल होंगे और मास्टरनियों का चमत्कारिक नृत्य देख कर भाव विभोर हो सकेंगे।
इसी सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए श्रीनगर रोड बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती ममता सोनगरा को संयोजक बनाकर उन्हें इसकी जिम्मेदारी दी गई है।साथ में दो दो अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी इन के निरीक्षण के लिए भी लगा दिए गए हैं।
श्रीमती ममता सोनगरा ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की जिम्मेदारी लेते हुए कई बालिका विद्यालय के प्रधानाचार्य को यह निर्देश जारी कर दिए हैं कि आपके विद्यालय से दो-दो सामूहिक गीत और सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति अनिवार्यता दी जानी है । जैसे ही आदेश संबंधित संस्था प्रधानों के पास पहुंचे उन्होंने अपनी अध्यापिकाओं को बुलाकर सामूहिक गीत व सामूहिक नृत्य तैयार करने के निर्देश दिए ।अध्यापिका इसको सुनकर हतप्रभ रह गईं। उनमे इस बात को लेकर असमंजस और नाराज़गी रही कि हम यहां पर पढ़ाने या नौकरी करने के लिए आते हैं या नाचने गाने की नौकरी करने ।
कई शिक्षिकाओ के घरवालों ने भी इस पर आपत्ति जताई है और स्पष्ट रूप से नाचने गाने को मना कर दिया है। ऐसी स्थिति में उन अध्यापिकाओं के सामने धर्म संकट की स्थिति खड़ी हो गई है। अगर वे संस्था प्रधान का कहना नहीं मानते हैं तो उनको राज के आदेशों की अवहेलना की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा और अगर हम संस्था प्रधान का कहना मानते हैं तो हमारे घर में सर फूटने की स्थिति बनेगी.
देखने वाली बात यह है कि क्या स्वतन्त्रता दिवस कार्यक्रम या अगस्त क्रांति कार्यक्रम बिना अध्यापक अध्यापिकाओं के नाचने गाने से संभव नहीं हो सकता ।
विश्व गुरु भारत में गुरु का दर्जा प्राप्त शिक्षक शिक्षिकाओं को क्या नाचने गाने के लिए राजनेताओं के सामने प्रस्तुत किया जाना उचित है
क्या बिना अध्यापक अध्यापिकाओं के इस प्रकार किये मान मर्दन के ये राजकीय कार्यक्रम पूरा नहीं हो सकता
हमने पिछले महीनों में देखा है कि किस प्रकार से अध्यापक अध्यापिकाओं को गैर शैक्षणिक कामों में उनके मान-सम्मान को ठेस पहुंचाकर राज्य सरकार द्वारा लगाया गया है
ऐसे में इस वर्ग द्वारा अब इस प्रकार के कार्यों में लगाए जाने पर ज्वालामुखी का लावा तैयार हो रहा है। देखना यह होगा कि जिला प्रशासन द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को जब इस बाबत निर्देश दिए गए तो क्यों नहीं जिला शिक्षा अधिकारी स्तर के अधिकारी द्वारा अपने वर्ग के मान को बचाने के लिए जिला कलेक्टर महोदय को यह निवेदन किया गया कि यह कार्य शिक्षक शिक्षिकाओं से कराना उचित नहीं होगा।
यहाँ मज़ेदार बात ये है कि संयोजक श्रीमती लीलामणि गुप्ता व सांस्कृतिक कार्यक्रम की संयोजक श्रीमती ममता सोनगरा दोनों ही भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस पृष्ठभूमि की मानी जाती हैं , ऐसे में वर्तमान कांग्रेस सरकार के समय जब उनको ये अवसर दिया गया है तो इन्होंने भी आगे बढ़कर इस अवसर को दबोचते हुए अपने स्थानीय कांग्रेसी नेताओं के सामने नम्बर बढ़ाने के लिए इस कार्यक्रम को बढ़-चढ़कर सफल बनाना उचित समझा है।
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