Post Views 821
March 5, 2018
कैंची रह गयी मंत्री अनिता भदेल के हाथ में और वासुदेव देवनानी ने रिबिन की गांठ खोल कर दिया पासपोर्ट सेवा केंद्र का उद्घाटन
नरेश राघानी
आज सुबह से अजमेर के पासपोर्ट सेवा केंद्र का उद्घाटन जबरदस्त चर्चा का विषय बना हुआ है। जब सेवा केंद्र के प्रभारी अधिकारीयों के सामने डॉ रघु शर्मा और उनके समर्थक उद्घाटन करने पहुंचे परंतु वहां पर मंत्री वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल और मेयर धर्मेंद्र गहलोत पहले से ही मौजूद दिखे।
गौरतलब है कि इस सेवा केंद्र का उद्घाटन पहले 27 तारीख को तय किया गया था जिसमें प्रोटोकॉल के अनुसार सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत यदि संबंधित विभाग के केंद्रीय मंत्री की अनुपस्थिति हो तो उस जिले के सांसद को प्रथम आमंत्रण देकर समय लेना और सांसद के हाथों ही उद्घाटन करवाना इंगित है। सूत्रों की माने तो विभाग ने इस गाइड लाइन का बखूबी पालन करते हुए डॉक्टर रघु शर्मा से कुछ दिनों पहले समय तय किया और तब तक उद्घाटन नव निर्वाचित सांसद डॉक्टर रघु शर्मा द्वारा ही किया जाना था। परंतु आज डॉक्टर रघु शर्मा ने खुल कर कहा कि - उन्हें अंधेरे में रखकर इसकी तारीख बदल दी गई यह कहकर कि केंद्रीय मंत्री वीके सिंह इस कार्यक्रम का उद्घाटन करने आ रहे हैं।रघु शर्मा का यह आरोप है कि यह सब एक सुनियोजित योजना के तहत किया गया है ताकि उन्हें इस उद्घाटन से दूर रखा जा सके। शर्मा ने यह भी आरोप लगाया है की यह सांसद के नहीं जानता के विशेषाधिकार का हनन है। और शर्मा लोकसभा के स्पीकर को चिट्ठी लिखकर अपनी शिकायत दर्ज करेंगे।
प्रत्यक्षदर्शियों अनुसार रघु शर्मा मंत्री वासुदेव देवनानी अनिता भदेल और मेहर धर्मेंद्र गहलोत सभी की मौजूदगी एक साथ पासपोर्ट केंद्र में रही परंतु डॉ रघु शर्मा द्वारा यह सवाल उठाए जाने पर कि आखिर किस गाइडलाइन के तहत शहर के दोनों मंत्रियों को वहां बुला कर उन्हें तवज्जो देते हुए उनके हाथ से उद्घाटन करवाया जा रहा है ? तब वहां मौजूद अधिकारियों की स्थिति बड़ी विकट हो गई और वह कुछ भी नहीं बोल पाए । इस पर रघु शर्मा बाकी सब नेताओं के साथ उठकर उद्घाटन स्थल तक जाने के लिए उठे तो सही परंतु उद्घाटन स्थल पर नही गए और सीधा अपनी गाड़ी में बैठ कर वहां से चले गए।
*गौरतलब बात है कि कुछ समय पूर्व अलवर के भी पासपोर्ट सेवा केंद्र का इसी तरह से उद्घाटन किया गया था जिसमें अलवर में उद्घाटन केंद्रीय मंत्री वीके सिंह की अनुपस्थिति में नवनिर्वाचित सांसद डॉक्टर करण सिंह द्वारा करवाया गया था । जो कि प्रोटोकॉल वॉइस बिल्कुल सही कदम था । परंतु अजमेर में मंत्री वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल ,मेयर धर्मेंद्र गहलोत मिलकर यह उद्घाटन हाइजैक करने में सफल रहे* ।
लेकिन यह सब अपने आप में अजमेर के 18 लाख मतदाताओं के तिरस्कार जैसा नज़र आ रहा है । वैसे तो जीतने के बाद जनप्रतिनिधि केवल जनता का ही होता है और किसी पार्टी विशेष का नहीं परंतु हमारे नेताओं को यह बात कौन समझाए कि भैया यह जनता के अधिकार का मामला है कोई उनके पार्टी के अंदर की प्रतिस्पर्धा नहीं , जहां पर उद्घाटन उद्घाटन खेलना और श्रेय लूटने की रेस चल रही हो।
*एक प्रत्यक्षदर्शियों बोला - मंत्री देवनानी के उतावलेपन की हद तो देखिए कि जब किसी ने फीता काटने के लिए कैंची अनिता भदेल के हाथ में रख दी तो देवनानी हंसकर बोलो यार कैंची हाथ में मत दो रिबिन की गांठें ही में खोल देता हूं । कहते हुए जहां से फीता बंधा हुआ था वहीं से गांठ खोलकर देवनानी ने उद्घाटन कर दिया और कैंची अनिता भदेल के हाथों में ही धारी रह गयी* ।
वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल अपने अंतर्मन की गांठे खोलने में भले ही असफल रहे हों परंतु दोनों इस उद्घाटन समारोह को मिलकर हाईजैक करने में ज़रूर कामयाब हो गए । जिसका परिणाम यदि डॉ रघु शर्मा यह बात सदन में उठाते हैं तो विभाग के अधिकारियों को आने वाले समय में भुगतना पड़ सकता है , क्योंकि प्रोटोकाल और गाईड लाइन अनुसार कार्यक्रम करवाने की ज़िम्मेदारी आखिर में आ कर अधिकारियों के सिर पर ही टिका दी जाएगी। फिर सवाल यह भी है कि केंद्रीय मंत्री वी के सिंह का कोई कार्यक्रम तय था भी या नहीं ? और था तो क्या कारण रहा उनके आखरी वक़्त में कार्यक्रम में न आ पाने का ?
*छोटी सी उद्घाटन की कैंची चलाने की होड़ में लगे नेता लोग यह नहीं सोचते कि उनकी छवि पर इस तरह की बातों का जनता के बीच क्या प्रभाव जा रहा है जिसका ख्याल रखना बहुत आवश्यक है। आखिर राजनीति का यह सारा खेल छवि का ही तो है* ।
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved