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February 23, 2018
जन कल्याण छोड़कर भूतियापे पर बहस
नरेश राघानी
राजस्थान प्रदेश की सबसे बड़ी भूत गाह राजस्थान के विधानसभा भवन में विधायकों द्वारा भूतों के होने का अंदेशा है , इस बात पर विधानसभा में चर्चा हो रही है। मतलब कुछ भी !!!! हद है भाई , जनता को बिजली पानी सड़क रोज़गार की बात गयी भाड़ में। अब बस यही बच गया है बात करने को। लगभग हर जिम्मेदार विधायक इस बात पर बोलता हुआ नजर आया। हबीबुर्रहमान ने तो यह तक कह दिया कि जहां विधानसभा भवन बना है , वहां पर पहले कब्रिस्तान या श्मशान था ।और जब भवन बन रहा था तब के तत्कालीन मुख्य-मंत्री भैरोंसिंह शेखावत को इस बात से आगाह भी किया गया था।
अब बताओ भाई !!! अगर विधायकों को यह लगने लगा है कि राजस्थान विधानसभा के भवन में भूत है तो इसमें कौन सी डरने वाली बात है ? सभी विधायक खुद क्या किसी भूत से कम है ? भूत का काम भी भटकते रहना है और बेचारे विधायकों का काम भी सुबह शाम दिन रात लोगों के बीच में भटकते रहना है । भूत से भी बेवजह लोग डरते हैं और और नेताओं से भी बेवजह लोग डरते हैं। भूत भी अपनी किसी अधूरी आस को लेकर भटकते है और नेताओं की तो कभी कोई आस पूरी ही नहीं होती तो भटकना लाज़मी है।भूत बिना किसी बाबा के काबू में नहीं आते और नेता .. नेता किसी के बाप से भी काबू में नहीं आते सिवाए उनके आका के।
*अब राजस्थान का विधानसभा भवन जब पहले से ही इतने सारे भूतियाओं से घिरा हुआ है तो इस बात की चिंता करना कि इसमें और भी कोई भूत है बिल्कुल फ़िज़ूल होगा।
*फिर अगर उसके अंदर कोई और पौराणिक भूत होगा तो वह इस भूतियापंती को देख कर अपना सर पकड़ कर बैठ गया होगा।* *और सोच में पड़ गया होगा कि कमबख्त किन भूतियाओं के बीच में आकर फस गया हूं । जो बजाए प्रदेश की जनता के कल्याण के विषय में सोचने के विधानसभा भवन के भूतियापे पर बात बहस कर रहे है* । सच बात तो यह है कि वर्तमान परिपेक्ष्य में इस दुनियां को ज़िंदा लोगों से ज्यादा डर लगना चाहिए क्योंकि इन्ही ज़िंदाओं ने लाखों लोगों की ज़िंदगी खराब कर रखी है। मरे हुओं से किस बात का डरना भाई !!!वह बेचारे तो खुद ही अधूरी आशाओं को लेकर भटके हुए हैं ,किसी को तंग नहीं करते और इन ज़िंदा भूतों की तुलना में बहुत अच्छे हैं।
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