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February 15, 2018
तो डॉक्टर सुरेश गर्ग ने संभाल ली है शहर में कच्ची बस्तियों के कल्याण की कमान
नरेश राघानी
शहर भर में आवासीय कॉलोनियों के किनारे की वन भूमि पर कई वर्षों से लोग कच्ची बस्तियां और मकान बनाकर बसे हुए हैं । जिन्हें लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने अपने वोट बैंक की तरह इस्तेमाल कर के सालों तक इस भ्रम में रखा है कि उनके कच्चे मकानों को पक्के पट्टे दे दिए जाएंगे। केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल होकर राजनीतिक पार्टियों के वादों के विश्वास पर चलते चलते वह लोग अब थक चुके हैं। आज उन लोगों की पीड़ा कांग्रेस जन भावना मंच के अध्यक्ष डॉक्टर सुरेश गर्ग ने समझी और सैकड़ों कच्ची बस्ती के लोगों को लेकर कलेक्टर के कार्यालय पर इन बस्तियों के नियमन की मांग लेकर पहुंचे। गौरतलब है कि डॉक्टर सुरेश गर्ग खुद नगर निगम से सेवानिवृत्त अधिकारी है और कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं । जिससे उन्हें सरकारी तंत्र और रेवेन्यू रिकॉर्ड का बखूबी ज्ञान है। इस ज्ञान का लाभ की वजह से गर्ग लोगों को पट्टे दिलवाने में सक्षम भी नज़र आते हैं। अब तक क्योंकि जिस किसी ने भी कच्ची बस्ती के लोगों के हित की लड़ाई लड़ी है वह केवल भीड़तंत्र के माध्यम से लड़ी है। परंतु पहली बार सरकारी क्षेत्र के मंझे हुए खिलाड़ी और जनप्रतिनिधि के हाथ में यह कमान आई है , तो स्वभाविक है इससे कच्ची बस्ती के लोगों को पट्टे मिलने और सालों से चल रही लड़ाई में सफल होने के अपार संभावनाएं उत्पन्न हुई है।
डॉ सुरेश गर्ग सहित गणेश चौहान, रंजीत मलिक, डॉ.एस.डी.मिश्रा,महेन्द्र सिंह ललाना,अशोक बिन्दल,साकेत गर्ग,नितेश कंनोजिया,सुवालाल,हरी वर्मा,शिवचरण जयपाल भी इस जनहित की लड़ाई में शामिल है।
ईश्वर इन सभी को शक्ति प्रदान करे ताकि सालों से पीड़ित कच्ची बस्ती के लोगों का कल्याण हो सके।
जय श्री कृष्णा
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