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February 12, 2018
अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन के कार्यकाल को 2 साल पूरे हुए हैं। इस मौके पर जिला कांग्रेस कमेटी ने 2 साल बेमिसाल नाम का कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें विजय जैन व उनकी टीम ने जैन के 2 साल के कार्यकाल की सफलताएं और उनके उपलब्धियों को लेकर जश्न मनाया, पर इस जश्न में कांग्रेस के वरिष्ठ चेहरे बिल्कुल नदारद रहे। इसके पीछे अकेले विजय जैन जिम्मेदार नहीं है। ऐसा नहीं है कि जैन की छवि कार्यकर्ताओं के बीच कमजोर है। या विजय जैन का व्यवहार कार्यकर्ताओं से घुल-मिलकर चलने वाला नहीं है । बल्कि मैं तो यह कहूंगा कि आज तक जितना जमीनी जुड़ाव और सरल व्यक्तित्व विजय जैन का रहा है उतना किसी भी अध्यक्ष का आज तक नहीं रहा । अन्य जितने भी अध्यक्ष आज से पहले आए हैं वह सब अपनी अपनी भारी राजनीतिक प्रोफाइल की वजह से भले आम जनता के बीच में मजबूत साबित होते रहे हो , परंतु कार्यकर्ताओं तक उनकी सुलभ पहुंच बिल्कुल भी नहीं रही है। अब सवाल उठता है कि अगर यदि विजय जैन वाकई इतने व्यवहार कुशल और जमीनी व्यक्ति है तो उनके इस 2 साल बेमिसाल उत्सव में ज्यादा भीड़ क्यों नहीं दिखाई दी ? शेक्सपियर की एक बहुत अच्छी पंक्ति है जिसके अनुसार उन्होंने कहा है की THE HONEST WILL ALWAYS STAND ALONE यानी कि सच्चा और सरल व्यक्ति हमेशा अकेला खड़ा ही दिखाई देगा । तो कुछ ऐसा ही हुआ है विजय जैन के साथ भी। इस समारोह में ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने को यह मैसेज न लिया जाए कि विजय जैन के नेतृत्व में कोई कमी है । अपितु इससे यह साफ दिखाई देता है कि जितने भी बड़े राजनीतिक चेहरे हैं वह विजय जैन को स्वीकार नहीं कर रहे हैं क्योंकि कहीं ना कहीं उन्हें यह खतरा है की विजय जैन की व्यवहार कुशलता बड़े राजनीतिक चेहरों की लोकप्रियता के आड़े न आ जाये। निसंदेह जैन राजनीतिक तौर पर केवल सचिन पायलट की वजह से अजमेर शहर के कांग्रेस अध्यक्ष बने हुए हैं। परंतु यह बात माननी पड़ेगी कि वह पिछले सभी अध्यक्षों के मुकाबले आम कार्यकर्ताओं के बीच सुलभ और सरल रूप से उपलब्ध दिखाई देते हैं । और यही जैन की सबसे बड़ी खूबी है और एक तरह से राजनीतिक दृष्टिकोण से कमी भी है क्योंकि स्वाभाविक बात है यदि आप एक निर्धारित दूरी अपने और लोगों के बीच एक दायरे के रूप में नहीं बनाएंगे तो यह सभी लोग आपको अपने बराबर मानकर हल्के में लेंगे। अमूमन देखा गया है कि कांग्रेस के सार्वजनिक मंच पर भी विजय जैन अपने शर्मीले स्वभाव की वजह से अपने अध्यक्षीय प्रोफाइल में उस बिंदास तरह तरह से नहीं बैठे मिलते हैं, जिस तरह से पूर्व अध्यक्ष लोग बैठे हुए दिखाई देते रहे हैं । यह जैन की जरूरत से ज्यादा शालीनता और व्यवहार कुशलता ही है जो उनके रुतबे को कायम करने के बीच आ गई है । उस पर इतने सारे दिग्गजों को दरकिनार कर अध्यक्ष पद पर आए जैन का अब तक का अधिकांश समय इन दिग्गजों की नाराजगी मैनेज करने में ही निकल गया है।इसी कारण वह अब तक भी 2 साल के अंदर अपने आपको कांग्रेस का एक स्वच्छंद चेहरा बना कर पेश नहीं कर पाए हैं।
परंतु क्योंकि वह अध्यक्ष जैसे पद पर विराजमान हैं तो स्वाभाविक तौर पर सिर्फ कांग्रेस जन ही नहीं शहर के आम लोग भी कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी की तरफ जब देखते हैं तो वह यह उम्मीद करते हैं कि वह बिंदास और मजबूत व्यक्तित्व देखें। यह सब करने में विजय जैन को अभी थोड़ा वक्त और लगेगा परंतु अभी इतनी देर नहीं हुई है कि यह मान लिया जाए कि विजय जैन एक कमजोर अध्यक्ष है।
तो विश्वास रखिये पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त
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