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December 21, 2017
राजस्थान में भ्रूण लिंग चयन प्रतिषेध (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम के तहत संचालित सोनोग्राफी मशीनों की निगरानी के लिए लगाए गए एक्टिव ट्रेकर डिवाइसों को अब तकनीकी रूप से और अपडेट किया जाएगा.
अपडेट एक्टिव ट्रेकर के माध्यम से समस्त पंजीकृत सोनोग्राफी मशीनों के बारे में आवश्यक विस्तृत जानकारियां मिलेंगी एवं निगरानी तंत्र और मजबूत होगा. राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी के अध्यक्ष एवं मिशन निदेशक एनएचएम नवीन जैन ने बताया कि मैगनम उप्स और एडवांस बायोमेडिक आईटी फर्मों के इंजीनियरों के साथ जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयकों से प्राप्त सुझाव लेकर एक्टिव ट्रेकर्स में आवश्यक अपडेशन किया जाएगा.
जैन ने जिलों में संचालित की जा रही पीसीपीएनडीटी गतिविधियों की जिलावार समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने प्रेगनेंसी एंड चाइल्ड ट्रेकिंग सिस्टम (पीसीटीएस) द्वारा तैयार रिपोर्ट का प्रत्येक जिले के अधिकारियों द्वारा आवश्यकरूप से विश्लेषण करके आवश्यकतानुसार कार्यवाही करने पर बल दिया. उन्होंने बताया कि पीसीटीएस में प्रत्येक गर्भवती महिला का प्रसवपूर्व जांचे प्रारंभ होते ही रिकार्ड संधारित किया जाता है एवं प्रसव पश्चात् संबंधित महिलाओं के प्रसव की स्थिति जानकर लिंगानुपात नियंत्रण की गतिविधियां की जानी चाहिए.
बैठक में परियोजना निदेशक पीसीपीएनडीटी रघुवीर सिंह, एसआरकेपीएस संस्थान के राजन चौधरी, सभी जिलों के पीसीपीएनडीटी समन्वयक और संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे.
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