For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 102396976
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण. योग, जागरूकता तथा वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित |  Ajmer Breaking News: 44 करोड़ से होगा नालों का निर्माण , जल निकासी व्यवस्था होगी सुदृढ़ ,गुलाब बाड़ी एवं आसपास के निचले क्षेत्रों को जलभराव से मिलेगी निजात  , |  Ajmer Breaking News: 16 अप्रैल को राजस्थान पुलिस ने मनाया अपना स्थापना दिवस,  |  Ajmer Breaking News: मंगलवार रात जॉन्सगंज स्थित रेलवे के समपार फाटक के टूटने से फाटक के दोनों और लगा जाम, |  Ajmer Breaking News: मार्बल माइंस में काम आने वाली पोकलेन मशीन को किराए पर लेकर खुर्द बुर्द करने वाला आरोपी को सिविल लाइंस थाना पुलिस ने किया गिरफ्तार, |  Ajmer Breaking News: अजमेर के व्यस्ततम नला बाजार में ई-रिक्शा चालक और उसके साथियों ने दुकान में घुसकर दुकानदार से की गाली गलौज और मारपीट, |  Ajmer Breaking News: अजमेर स्मार्ट सिटी में हुए भ्रष्टाचार और घोटाले के खिलाफ युवा कांग्रेस का अनोखा प्रदर्शन, आगरा गेट गणेश मंदिर से ई-रिक्शा रूपी रथ का पूजा अर्चना के साथ किया शुभारंभ, |  Ajmer Breaking News: राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा जी के अजमेर आगमन पर अजमेर शहर युवा कांग्रेस द्वारा आदर्श नगर थाने के पास मंच बना कर जोरदार स्वागत किया ।  |  Ajmer Breaking News: देश के सत्ताधीश कर रहे संविधान को तोड़ मरोड़ कर  हमले-राठौड़ |  Ajmer Breaking News: राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस के अवसर पर अग्निशमन विभाग ने निकाली प्रभात फेरी,1944 में मुंबई में लगी भीषण अग्निकांड में शहीद हुए अधिकारी और जवानों को दी श्रद्धांजलि | 
madhukarkhin

#मधुकर कहिन: दो मंत्री, दो सांसद के होते पानी को तरस रहा है शहर

Post Views 1111

June 22, 2017

इसे अजमेर के लोगों का दुर्भागय ही कहेंगे। राजस्थान सरकार में अजमेर से दो विधायक मंत्री हैं। लोकसभा और राज्य सभा में सांसद भी अजमेर से है। इन सबके बावजूद शहर के कई हिस्सों के लोग पानी को तरस रहे हैं। इसे राजनैतिक इच्छा शक्ति की कमी या फिर जनता के प्रति संवेदनहीनता नहीं तो और क्या कहेंगे। 

शहर के कई हिस्सों में पिछले तीन दिनों से पानी की सामान्य सप्लाई नहीं हो रही है। लोगों को निजी स्तर पर पानी के टेंकर मंगवाकर अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है। पानी टेंकरों की मनमानी भी लोगों को भारी पड़ रही है। जलदाय विभाग पूरी तरह नाकाम सा साबित हो रहा है।

बीसलपुर के होते हुए देखने पड़ रहे हैं ऐसे दिन

बीसलपुर बांध से जब अजमेर को जोड़ा गया था तो शहरवासियों को लगा था कि पानी नियमित होने का उनका सपना सच हो गया है। सरकार कांग्रेस थी, लेकिन पानी वहीं तीन चार दिन के अंतराल पर आता था। जब भी बीजेपी विपक्ष में होती। पानी उसका बड़ा मुद्दा होता। भाजपा नेता कभी कलेक्ट्रेट तो कभी जलदाय विभाग के बाहर पानी के मटके फोडक़र प्रदर्शन करते नजर आते। 24 घंटें में पानी की मांग को लेकर शहरवासियों ने भाजपा और कांगेस दोनों पार्टियों के कई बड़े आंदोलन देखे। लेकिन वो आंदोलन अब छलावे से लगते हैं। 

सत्ता की दहलीज पर पहुंचने के बाद जैसे जनता की समस्या तो कोई समस्या रह ही नहीं जाती है। पिछले तीन दिनों से अजमेर उत्तर और दक्षिण विधानसभा के कई इलाके पानी की समस्या से जूझ रहे है। दोनों मंत्री शिविर और उद्घाटनों के कार्यक्रमों में किरदार अदा कर रहे हैं। वहीं लोग पानी की प्यास लिए उन्हें कोस रहे हैं।

कांग्रेस की खामोशी भी हैरान करने वाली

बिजली निजीकरण पर कई दिनों तक शोर मचाने वाली कांग्रेस भी पानी के मुद्दे पर खामोशी थामे हुए है। राजनीति करने और जनता से जुडऩे का कांग्रेस का पास बड़ा मौका है। लेकिन किसान आंदोलन के समर्थन में एक दिन धरने पर बैठकर कांग्रेसी नेता मानों जनता की सारी समस्याओं के प्रति संवदेना जता चुके हैं। 

विधायक और मंत्री वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल ने शहर के लोगों से 24 घंटे में एक बार पानी दिलाने का वादा किया था। लोग सवाल उठा रहे हैं। आखिर उस वादे का हुआ क्या। क्या वो केवल राजनैतिक वादा था। अगर नहीं, तो फिर हर 24 घंटें में पानी क्यूं नहीं मिल रहा है। क्या मंत्रियों का जलदाय विभाग के महकमें पर कोई नियनत्रण नहीं है। क्या शट डाउन ऐसा रोग हो चुका है जो हमेशा किसी न किसी कारण बना रहेगा। 

फिर सवाल जयपुर का भी है। जयपुर को पानी देने के लिए हमसे बड़ी पाइप लाइन है। बड़े लोगों के लिए बड़ी पाइप लाइन। जयपुर को पानी मिले। इसमें कोई दो राय नहीं। लेकिन अजमेर के हक को मारकर पानी दिया जाए। यह जनता कैसे स्वीकार करेगी। शहर का राजनैतिक नेतृत्व कुशल और चतुर हो सकता है लेकिन ऐसी कुशलता और चतुरता किस काम की जिसमें कमजोरी नीहित हो। 

जब सरकार सो रही हो तो विपक्ष की जिम्मेदारी है कि वो जनता की आवाज बने। लेकिन जब विपक्ष ही खामोशी थाम ले तो फिर जनता क्या करे। सवाल बड़ा है तो जवाब भी बड़ा होना चाहिए। ऐसे नेताओं को घेरा जाना चाहिए। जन क्रांति होनी चाहिए। जन आंदोलन होना चाहिए। किसी खामोशी के साथ या फिर पूरे आक्रोश के साथ। जो जनप्रतिनिधी जनता को अपनी जेब के वोट मात्र समझते हैं, उन्हें अहसास दिलाया जाना चाहिए कि चुनाव ज्यादा दूर नहीं है। 

ठीक से समझ लें जन प्रतिनिधि, अब ये वो बीस साल पुरानी जनता नहीं जो हर बात से महरूम होती थी। अब ये जनता डिजिटल युग की मतदाता हो चुकी है। जिसके पास हर पल की जानकारी है। जो जानती है और समझती है कि उसके द्वारा चुने हुए नेता, उसकी कितनी समस्यों के प्रति गंभीर और संवेदनशील है। डिजिटल युग की यह जनता पानी के लिए चुनाव से पहले भी मतदान करने की ताकत रखती है।


ajmer news , rajasthan news , horizon , horizon hind
ajmer news , rajasthan news , horizon , horizon hind
ajmer news , rajasthan news , horizon , horizon hind

© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved