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June 17, 2017
अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए भले ही सरकार और अस्पताल प्रशासन कितने ही बड़े दावे करते रहे लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है इसकी बानगी आज उस वक्त देखी गई जब दरगाह थाना इलाके में रहने वाले एक शख्स ने उसके इलाज के लिए अस्पताल के वार्ड में बेड नहीं होने के कारण गले में तहमद से फंदा लगाकर अपनी जीवनलीला को सलाम कर दिया जानकारी के मुताबिक गोरे गरीबों कब्रिस्तान के निकट रहने वाले शकील उद्दीन का शव कब्रिस्तान के निकट एक पेड़ पर फांसी के फंदे से लटका हुआ नजर आया पेड़ पर शुभ लड़का होने की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची गंज थाना पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया और शिनाख्ती के लिए नीचे रख लिया शव शिनाख्त के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भिजवाया गया मामले की सूचना मिलते ही अस्पताल पहुंचे मृतक के परिजनों ने अस्पताल में उसकी मौत पर हाहाकार मचा दिया परिजनों ने आरोप लगाया कि पिछले 1 माह से मृतक भर्ती होने के लिए अस्पताल के चक्कर काट रहा था लेकिन कोई भी चिकित्सक उसके उपचार को लेकर गंभीर नहीं था उसे उपचार के नाम पर सिर्फ ग्लूकोस चढ़ाने के लिए एक इंजेक्शन ही लगाया गया था अपने इस व्यथा से दुखी शकील उद्दीन ने फांसी का फंदा लगाकर अपनी जीवनलीला को समाप्त कर लिया परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में उसका उपचार नहीं होने से उसे इस तरह का कदम उठाना पड़ा फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है। मृतक की जेब से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है जिसमें उसने कलेक्टर को पत्र लिखते हुए कहा है कि वह अपनी बीमारी से परेशान होकर अपने जीवन को समाप्त कर रहा है।
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