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July 7, 2025
कोटड़ा राजकीय स्कूल के जर्जर भवन के चलते लगभग ढाई सौ बच्चों को रामनगर राजकीय स्कूल में किया मर्ज,
स्कूल की प्रिंसिपल ताला लगाकर निकली तो बच्चों को बरामदे में बैठकर करनी पड़ी पढ़ाई, दोनों ही स्कूल की प्रिंसिपल से नहीं हुआ संपर्क, डीईओ ने दिए कार्रवाई के निर्देश
सोमवार को अजमेर में शिक्षा विभाग की लापरवाही का खामियाजा स्कूली विद्यार्थियों को भुगतना पड़ा। बिना रखरखाव के विद्यालय भवन जर्जर होने पर सरकारी स्कूल के बच्चों को बिना परिजनों को बताए दूसरी स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया, जहां बिना शिक्षा विभाग के आदेश के विद्यालय दो पारियों में संचालित करने का निर्णय स्कूल की प्रिंसिपल ने ही ले लिया लेकिन स्कूल प्रिंसिपल अपनी शिफ्ट खत्म होते ही कमरों में ताला लगाकर चली गई। मामला अजमेर के कोटड़ा और रामनगर में संचालित दो सरकारी स्कूलों का है। हालांकि अफसरों के निर्देश के बाद एक से दूसरे स्कूल पहुंचे करीब ढाई सौ बच्चों ने बरामदे में बैठकर पढ़ाई की।
कोटड़ा में संचालित राजकीय सीनियर सैकंडरी स्कूल की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को लेकर अनहोनी होने की आशंका के चलते बच्चों को रामनगर स्थित राजकीय सीनियर सैकंडरी स्कूल में शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए, जहां करीब 7 से 8 कमरे है। दूसरी शिफ्ट में कोटड़ा के बच्चों की पढ़ाई निर्धारित की गई रामनगर के स्कूल में पहली शिफ्ट में छठीं से 12वीं के विद्यार्थी पढ़ते है। वहीं दूसरी शिफ्ट में पहली से पांचवीं तक के विद्यार्थी की शिफ्ट चलती है। अधिकारियों के निर्देश के बाद जब कोटड़ा के बच्चों को रामनगर के स्कूल में शिफ्ट किया गया, तब रामनगर स्कूल के बच्चों की पढ़ाई दो शिफ्ट से घटाकर पहली शिफ्ट में ही कर दी गई। दूसरी शिफ्ट कोटड़ा स्कूल के बच्चों के लिए फिक्स की गई।
सोमवार को कोटड़ा सरकारी स्कूल के बच्चे निर्धारित समय साढ़े 12 बजे रामनगर के सरकारी स्कूल पहुंचे तो कमरों पर ताले मिले। प्रिंसिपल शिफ्ट खत्म होने के बाद ताला लगा कर जा चुकी थी। ऐसे में कोटड़ा से आए बच्चों को बरामदे में बैठकर ही पढ़ाई करनी पड़ी। इसके बाद परिजनों ने नाराजगी जताई। वहीं कांग्रेसी नेताओं ने भी शिक्षा विभाग की कार्य शैली पर रोष जताया । हालांकि शाम होते होते रामनगर स्कूल में बच्चों के लिए एक कमरा खोल दिया गया।
ब्लॉक कांग्रेस नेता और अभिभावक ओमप्रकाश मंडावर ने बताया कि आधी-अधूरी तैयारियों के बीच स्कूल को शिफ्ट किया गया। एक से 12वीं तक के बच्चे है और ये देश के भविष्य है। बरामदे में बच्चों को बैठा रखा है। यहां भी रिपेयर का काम चल रहा है। खाली नाम बदलने से सुधार नहीं होता काम किया हो तो दिखना चाहिए।सरकार और प्रशासन को बच्चों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं करनी चाहिए। वहीं स्कूल की बालिकाओं ने बताया कि यहां भी काम ही चल रहा है और कोई व्यवस्था नहीं। 2 किलोमीटर दूर से बच्चों को आना पड़ता है, जिससे काफी परेशानी हो रही है।
कोटड़ा स्कूल की प्रिंसिपल उषा खत्री और रामनगर स्कूल की प्रिंसिपल रचना शेखावत से संपर्क करने के प्रयास किए गए लेकिन दोनों ही उपलब्ध नहीं हो पाई। वहीं डीईओ उषा कच्छावा ने जल्द मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
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