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March 6, 2021
कोरोना फिर आपका एक और साल निगलने के मूड में, संभल जाओ दोस्तो
वेक़सीन से डर कर काम नहीं चलने वाला,जून जुलाई तक पहुंचने के बाद वेक़सीन ही बनेगा आपका रक्षा कवच
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
वैक्सीन की रफ्तार तेज़ होने से कुछ नहीं होगा। दूसरी डोज़ एक महीने बाद लगेगी। तब तक कोरोना का ख़तरा मंडराता रहेगा ।मैंने जैसे 20 दिन पहले लिखा था वैसा अब सामने नज़र आने लगा है।
प्रशासन को मैंने आगाह किया था कि बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और किशनगढ़ एयरपोर्ट पर कठोरता से रैंडम जांच की व्यवस्था की जाए,मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ ।बाहर से संक्रमित लोग बराबर अजमेर आ रहे हैं। कोरोना की चैन टूटने की जगह कड़ी से कड़ी मिलाकर आगे बढ़ रही है ।रफ्तार रुकने की जगह अभी और बढ़ेगी ।
कोरोना सिर्फ़ शहरों में ही नहीं अब गाँवों की ओर भी तेज़ी से बढ़ रहा है ।ज़िले के ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले 72 घंटे में 15 कोरोना पॉजिटिव सामने आए हैं ।बाहर से आने वाले लोग कोरोना लेकर जिले भर में सामने आ रहे हैं ।
हम इधर स्मार्ट सिटी बनाने में लगे हुए हैं उधर कोरोना हमसे ज्यादा स्मार्ट होकर घुसपैठ कर रहा है। जहां तक बाहर से आने वाले लोगों की रेंडम चेकिंग का सवाल है प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। पहाड़गंज, सिंधु बाड़ी ,वैशाली नगर, पंचशील, गणेश गुवाड़ी में कोरोना का हमला जारी है ।ब्यावर में साकेत नगर और किशनगढ़ में रामनेर की ढाणी ,खोड़ा गणेश रोड ,आजाद नगर में कोरोना शहर वासियों के दरवाज़े खटखटा रहा है ।
लापरवाह प्रशासन ही नहीं लोग भी हैं। प्रशासन यदि समय रहते अपनी जिम्मेदारी निभाने में सक्रिय नहीं हुआ तो हालात बद से बदतर होते देर नहीं लगेगी।सामान्य लगने वाले हालात सागवाड़ा और उदयपुर जैसे होने में देर नहीं लगाएंगे।उदयपुर के स्कूलों में 25 बच्चे संक्रमित पाए जाने की ख़बर से मेरा मन कांपा हुआ है ।स्कूलों के खुलने का क्रम यहां भी जारी है। एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है। लोग बड़ी संख्या में अपने बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं ।निजी स्कूलों में कोरोना के बचाव के लिए थोड़ी बहुत सावधानियां ज़रूर रखी जा रही हैं मगर सरकारी स्कूलों में तो बचाव जैसी कोई व्यवस्था नहीं। बच्चे ही नहीं अध्यापक भी बिना मास्क स्कूल आ रहे हैं ।शहर के प्रमुख बाज़ारों में लोग बिना मास्क घूमते देखे जा रहे हैं ।मॉल्स और बाज़ारों में दो गज की दूरी का फार्मूला सिर्फ कागजी नसीहत बना हुआ है।
समझ में नहीं आता लोग पिछला पूरा एक साल बर्बाद करने के बाद भी समझ क्यों नहीं पा रहे ।यदि यही हाल रहा तो मई जून और जुलाई तक पहुंचते- पहुंचते हम फिर नए और दूसरे लंबे लॉकडाउन तक पहुंच जाएंगे ।इस तरह हमारा वर्तमान दूसरा साल भी बर्बाद हो जाएगा ।
वैक्सीन में राजस्थान नंबर वन पर है ।अच्छी बात है ,मगर मित्रों !! वैक्सीन लगाते ही रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा नहीं होती ,इसके लिए हमें वैक्सिंन के साथ-साथ अन्य तरीकों से भी अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी होगी ।काढ़े का उपयोग लगातार करना होगा ।इसके साथ ही खान पीन में पूरा ध्यान रखना होगा।
वैक्सीन लगाने से लोग अभी भी डरे हुए हैं ।अखबारों में आने वाली खबरों को पढ़कर लोगों को लग रहा है कि कोरोना से मरें या ना मरें वैक्सीन लगवाने से पैदा होने वाले साइड इफेक्ट से ज़रूर मारे जाएंगे ।
मैं ऐसे डरपोक लोगों को बता दूं कि वैक्सीन 99 फ़ीसदी कोई साइड इफेक्ट नहीं करती ।मीडिया और सोशल मीडिया में जो भ्रामक सूचनाएं प्रसारित होती हैं उन पर ध्यान ना दें ।मौत का कारण सिर्फ कोरोना या वैक्सीन ही नहीं होता। वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की चिंता ना करें ।कुछ लोगों को मामूली बुखार ज़रूर आता है मगर यह भी हर किसी को नहीं। सौ में से दो चार लोगों को आता है ।वैक्सीन देने के बाद अस्पतालों में आपको आधा घंटा इसीलिए बिठाया जाता है कि यदि कोई रिएक्शन हो तो उस पर काबू पाया जा सके।
वैक्सीन के प्रति लापरवाही ना बरतें। यदि आपने मार्च-अप्रैल में वैक्सिंग नहीं ली तो जुलाई तक पहुंचते-पहुंचते बहुत देर हो चुकी होगी ।आने वाला समय कोरोना के लिए बहुत बुरा होगा। यह मानकर चलें। बुरे समय का इंतज़ार ना करें। अभी से वैक्सीन लगवा कर बुरे समय को हराने के लिए तैयार हो जाएं ।
एक बार फिर आपसे आग्रह है कि ज़रूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें। लोगों से 2 गज की दूरी बनाकर चलें ।हाथ मिलाने से बेहतर होगा दूर से नमस्ते कर लें।हाथ बराबर साबुन से धोते रहें।ज़रूरत पड़ने पर भाप लें ।ऑपरेशन कराना यदि बहुत ही ज़रूरी हो तो ही कराएं ।शरीर के साथ चीर फाड़ ना हो, इस बात की कोशिश करें ।खान-पान में संयम बरतें ।
हमेशा की तरह मैं तो सिर्फ़ आग्रह ही कर सकता हूँ फिर भी आप यदि चाहें तो अपने आप को बाहुबली मानकर जो करना चाहे करें।
कोरोना आप की तलाश में है।वह झपट्टा मारेगा।तय है। बचना तो आपको ही पड़ेगा।
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