For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 109229691
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: पुष्कर में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की प्रेसवार्ता, बोले– मोदी सरकार ने भारत की आर्थिक और सामरिक स्थिति मजबूत की |  Ajmer Breaking News: राजस्थान शिक्षक संघ लोकतांत्रिक द्वारा हिंदू पर्वों के दौरान प्रतियोगी परीक्षा कराने के फरमान से उपजा रोष, सैकड़ो की संख्या में शिक्षकों ने जिला कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन, |  Ajmer Breaking News: सोफिया कॉलेज एवं NOLOW के सहयोग से 16 सितंबर 2025 मंगलवार को आत्महत्या जागरूकता और रोकथाम पर एक स्वास्थ्य रैली का आयोजन किया गया। |  Ajmer Breaking News: 83 आरएएफ बटालियन के द्वारा 16 से 20 सितंबर तक अजमेर शहर में अलग-अलग थाना क्षेत्र की डेमोग्राफी चेक करने के लिए निकाला जा रहा है फ्लैग मार्च, |  Ajmer Breaking News: अग्रसेन जयंती महोत्सव के दूसरे दिन महाराजा अग्रसेन क्रिकेट प्रतियोगिता व कैरम प्रतियोगिता का हुआ आयोजन |  Ajmer Breaking News: RTE दाखिला विवाद पर संयुक्त अभिभावक संघ का आरोप : अजमेर के निजी स्कूलों की मनमानी जारी |  Ajmer Breaking News: सरकार द्वारा घोषित लैटरल एंट्री के विरोध में राजस्थान मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन का धरना पांचवें दिन भी जारी,  |  Ajmer Breaking News: विधानसभा में लगवाए गए कैमरों को लेकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के बयान से भाजपा हुई आक्रामक, |  Ajmer Breaking News: अजमेर के बोराज गांव में पैंथर न गाय के बच्चे पर किया हमला, रविवार रात जानवरो के बाड़े में घुसा पैंथर |  Ajmer Breaking News: सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में हिंदी विभाग द्वारा हिंदी दिवस समारोह का आयोजन  | 

विशेष: करवा चौथ की कथा ,महत्व , पूजनविधि एवम आरती

Post Views 11

October 27, 2020

इस दिन सुहागन स्त्री अपने पतियों की दीर्घ आयु व मंगल की कामना से व्रत रखती हैं


करवा चौथ की कथा


महत्व- 


 कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष को चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को करवा चौथ या कर कहते हैं, इस दिन सुहागन स्त्री अपने पतियों की दीर्घ आयु व मंगल की कामना से व्रत रखती हैं | इसी दिन दीवार पर शिव- पार्वती, चंद्रमा, गणेश और कार्तिकेय आदि के प्रतीक के चित्र बनाकर उनका रोली अक्षत गुड़ आदि से पूजन किया जाता है

 पूजन विधान-

 व्रत रखने वाली स्त्रियां एक पटरे  पर चीनी मिट्टी का अनाज से भरा करवा व जल से भरा एक लोटा रखकर उन पर सतिया  बनाएं |  करवा  में सुहाग की  प्रतीक कुछ बिंदियाऐं  व श्रद्धा के अनुसार बायने के रूप में कुछ रूपए पैसे रखें फिर, दाएं हाथ में अनाज के कुछ दाने  लेकर करवा चौथ व्रत की कथा सुने, कथा सुनने के बाद चीनी मिट्टी का करवा और जल का लोटा पवित्र स्थान पर रख दें, रात्रि में जब चंद्रोदय हो तब चंद्रमा को लौटे के जल से अर्घ्य देकर करवा, सास, ननंद अथवा ब्राह्मणी को दें और व्रत खोल लें 

करवा चौथ की कथा


 किसी नगर में एक सेठ के साथ बेटे वह एक बेटी थी, बेटी का विवाह 1 वर्ष पूर्व भी हुआ था , अतः करवा चौथ का पहला व्रत उसने मायके में ही किया , इस प्रकार सेठानी उसकी बेटी और बहू में उस दिन व्रती थी , सेठ  के बेटे जब भोजन करने बैठे तो उन्होंने बहन को भी भोजन करने के लिए कहा इस पर वह बोली भैया मैं तो चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करूंगी ,  इकलौती  होने से भाई उसे बहुत प्यार करते थे,  उन्होंने सोचा की बहन को भूख लग रही होगी तो उन्होंने नगर के बाहर अग्नि जला दी और घर आकर छलनी से अग्नि का प्रकाश दिखाते हुए बोले बहन चंद्रमा निकल आया जल्दी से अर्घ्य देकर भोजन कर लो,  बहन ने अपनी भाभियों से भी कहा कि चलो चंद्रमा को अर्घ्य दे लो, उसकी भाभियों ने अपने पतियों की करतूतों को जान गई थी  वे  बोली बाई जी चंद्रमा तो अभी नहीं निकला है ,तुम्हारे भाई तो तुम्हें छलनी से अग्नि का प्रकाश दिखा रहे हैं , लेकिन उसने भाभियों की बात को अनसुना कर  उस प्रकाश को ही अर्घ्य  देकर झटपट भोजन कर लिया |  इससे गणेश जी उससे अप्रसन्न  हो गए, फल स्वरुप

उसकापति बीमार हो गया बीमार ऐसी थी कि ठीक होने का नाम नहीं ले रही थी, इस प्रकार 1 वर्ष का समय उसने बड़े कष्ट से व्यतीत किया , अगले वर्ष  जब करवा चौथ  आई तब उसने श्रद्धाभक्ति से  करवा चौथ का व्रत किया,  व्रत के प्रभाव से गणेश जी उत्पन्न हो गए और उसके सारे दुख दूर हो गए अब पति भी स्वस्थ हो चुका था और धन-  धान्य की भी दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि होने लगी थी   एक अन्य कथा के अनुसार जब पांडवो पर विपदा पड़ी  तब श्री कृष्ण के कहने पर द्रौपदी ने भी इस व्रत को किया था  ,इस तरह एक बार पार्वती ने भी महादेव जी से कष्ट निवारण का कोई उपाय पूछा तो उन्होंने भी करवा चौथ को विघ्नों का नाश करने वाला बतलाया था​​​​​​​

 करवा चौथ व्रत की उद्यापन विधि 

करवा चौथ व्रत का उद्यापन करने के लिए एक थाली में 4 -4 पूड़ियो पर थोड़ा-थोड़ा हलवा रखकर एक साड़ी ब्लाउज व  श्रद्धा अनुसार भेंट रोली अक्षत से उस थाली को ब्राह्मणों को भोजन करा कर उन्हें सुहाग  की चीजें व दक्षिणा देकर विदा करें 

​​​​​​​

  • करवा माता की आरती

ऊँ जय करवा मइया, माता जय करवा मइया ।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया ।। ऊँ जय करवा मइया।

सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।
यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी ।। ऊँ जय करवा मइया।

कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।
दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती ।। ऊँ जय करवा मइया।

होए सुहागिन नारी,  सुख सम्पत्ति पावे।
गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।। ऊँ जय करवा मइया।

करवा मइया की आरती, व्रत कर जो गावे।
व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।  ऊँ जय करवा मइया।









© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved