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December 19, 2017
कृषि में नवाचार के लिए पूरे भारत में अपनी साख बना चुके राजस्थान में अब कृषि विभाग एक और नवाचार करते हुए एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा देने को लेकर तेज़ी से अपने कदम बढ़ा रहा है. जैसलमेर जिले में सग्रा भोजका में खजूर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में टेंट लगाकर सैलानियों को आकर्षित किए जाने के सफल प्रयोग के बाद अब कृषि विभाग टोंक व माउंट आबू में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के तीन अलग-अलग एग्रो टूरिज्म सेंटर विकसित करने जा रहा है. कृषि में नवाचार के लिए राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार से नवाज़े गए प्रदेश के कृषि विभाग ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपना को ज़मीनी हक़ीक़त में बदलने के लिए तेजी से काम शुरू कर दिया है.
कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी की मानें तो इसको लेकर विदेश की तर्ज पर प्रदेश में भी एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने को लेकर तैयार की गई कार्य योजना पर अब तेज़ी से काम शुरू कर दिया गया है. जैसलमेर के सग्रा भोजका के बालुई टीलों के बीच विकसित किए गए ख़जूर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में लगाए गए तंबुओं में देशी-विदेशी पर्यटकों द्वारा रूचि दिखाए जाने के बाद अब टोंक जिले के देवड़ावास व थडोली में दो अलग एग्रो टूरिज्म सेंटरों को विकसित किए जाने की कवायद तेज़ कर दी गई है.
ख़ासतौर से बीसलपुर बांध के किनारे बसे थडोली में सुपारी व नारीयल के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में विकसित किए जाने वाले एग्रो टूरिज्म सेंटर को गोवा की तर्ज पर विकसित किए जाने की योजना तैयार कर ली गई है.
मंत्री सैनी कहते हैं कि उन्हें सर्वाधिक उम्मीद माउंट आबू में फ्लोरिकल्चर को लेकर तैयार किए जाने वाले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के बीच विकसित किए जाने वाले एग्रो टूरिज्म सेंटर से है . मंत्री सैनी के अनुसार यहां पर्यटकों को लुभाने के लिए अकेले ऑर्किड किस्म के फूल की 150 विभिन्न किस्मों के अलावा अन्य कई विदेशी प्रजातियों को फूलों की उन्नत किस्में कुछ ही दिनों बाद खिली नज़र आने लगेंगी.
कृषि मंत्री सैनी यह भी बताते हैं कि इनके अलावा भी राजस्थान के बूंदी, झालावाड़, सवाई माधोपुर, धौलपुर, कोटा व बस्सी में स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में एग्रो टूरिज्म को विकसित किए जाने की व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं.
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