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February 23, 2021
जैसा कहा !! हुआ न वैसा ही!! उर्स के बाद कोरोना होगा भयावह! कह तो दिया था! अब देखते जाओ
अब तक 23 हज़ार 413 लोग संक्रमित, 499 मरे
वार्ड से भागे जेबकतरे और उसके सम्पर्क में आये पुलिस वालों से ख़तरा बढ़ा
स्मार्ट सिटी के चिकित्सा विभाग और ज़िला प्रशासन को स्मार्ट होने की ज़रूरत
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
मैं कोई वाह वाही लूटने के लिए यह नहीं कह रहा कि कोरोना के अजमेर में विस्फोट होने की आशंका को मैंने पहले ही बता दिया था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रशासन को सब कुछ बता दिया गया था । उसे सब कुछ मालूम भी था। चिकित्सा विभाग की आंखों पर चढ़ी लापरवाही की पट्टी फिर भी नहीं उतरी।
जिला प्रशासन सिटी को स्मार्ट बनाने की दिशा में लगा रहा ! व्यापारी एलिवेटेड रोड के नक्शे में तब्दीली लाने के लिए लगे रहे और कोरोना भयावह रूप में अजमेर आ गया।
मैंने बहुत पहले अपने ब्लॉग में लिख दिया था कि उर्स और राहुल गांधी की किसान पंचायत इस जिले के लिए कोरोना का भयावह रूप लेकर आएंगे ।ख़ास तौर से उर्स में भाग लेने के लिए केरल और महाराष्ट्र से जायरीन की शक्ल में हिंदू मुस्लिम सभी लोग आएंगे ।ऐसे में दिल्ली में जमातियों द्वारा पैदा की गई स्थिति फिर से बन सकती है।
उस समय जब मैंने ब्लॉग लिखा था और ब्लॉग से तक़लीफ़ में आए जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने मुझे फोन करके कहा मिस्टर सुरेंद्र चतुर्वेदी !! शहर में दहशत मत फैलाओ !! कोरोना के हालात इतने भयावह नहीं कि लोगों को भयभीत किया जाए !! आप ज़रा लिखने में संयम बरतें!
मैंने उन महान अधिकारी को तब भी जवाब में कह दिया था कि आप हो सकता है कोरोना से बचने के सारे उपाय जानते हों या सावधानियां बरत रहे हों,मगर मेरे लिए तो अजमेर की आम जनता को गुमराह होने से बचाने के लिए जागरूक करना ज़रूरी है।
उर्स में शिरक़त करने देश भर से लोग आ रहे हैं और उनकी सेम्पलिंग नाटक के लिए भी तो नहीं हो रही !
ऐसे में पूरी जिम्मेदारी से मैं अपने ब्लॉग लिख रहा हूं ! यदि आप सोचते हैं कि मैं शहर में दहशत फैला रहा हूं तो आपके हाथ में सत्ता है ,आप मुझे जेल भिजवा सकते हैं।
उन्होंने पद के मद में कह दिया था कि ज़रूरत पड़ी तो यह भी कर देंगे।
अब मैं उन महान अधिकारी से पूछना चाहता हूँ कि क्या उन्हें समय पर कार्रवाई नहीं करने के लिए जेल भिजवा दिया जाए
महाराष्ट्र के अमरावती में जहां लॉकडाउन लगा हुआ है। हर तीसरा चौथा व्यक्ति कोरोना की चपेट में है या आने वाला है। वहां से जेब कतरे अजमेर आ चुके हैं ।पुलिस ने एक शातिर गिरोह को पकड़ा भी है ।एक जेबकतरा जो कोरोना पॉजिटिव था,अस्पताल के वार्ड से फरार हो चुका है ।सुपर स्प्रेडर रफीक़ शहर में क्या गुल खिलाएगा ,यह सोच जिला प्रशासन के चेहरे पर पसीने की बूंदें चमक रही हैं।
जिन पुलिसकर्मियों ने इनको पकड़ा ,उनकी जांच भी हो जानी चाहिए थी मगर अब तक तो वह भी नहीं हुई है ।ये पुलिस वाले निश्चित रूप से जेब कतरों के संपर्क में आने से पॉजिटिव हो चुके होंगे। उनका शहर में खुलेआम घूमना कितना खतरनाक है यह बात जिला प्रशासन नहीं समझ पा रहा।
मैंने पहले भी अपने ब्लॉग में लिखा था कि अजमेर जिले के सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर बंद कर दिए गए हैं। और तो और कोविड वार्ड भी खाली करवा दिए गए हैं।
अब कोरोना के मरीजों को जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में आम मरीजों के साथ रखा जा रहा है।
मैंने पहले भी जिला चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को चेताया था कि सैंपलिंग फिर से शुरू कर दी जाए। आज भी मेरा दावा है कि यदि सैंपलिंग की रफ्तार कोरोना काल जितनी रफ्तार से शुरू कर दी जाए तो अजमेर जिले के आंकड़े ज्यादा नहीं तो कोरोना काल जितने तो आने ही लगेंगे।
अभी हाल में ही एक टीचर ने मुझे बताया कि उनके स्कूल में बहुत से बच्चों को बुखार है और उनके लक्षण कोरोना जैसे ही हैं मगर जांच नहीं होने से उन्हें पॉजिटिव नहीं माना जा रहा । यही हाल जिले के अन्य स्कूलों का है।
ज़िले में कई लोग तो ऐसे हैं जिनको कोरोना होकर जा भी चुका है।
अख़बार बता रहे हैं कि दरगाह बाज़ार में तीन संदिग्ध व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है ।दरगाह बाज़ार का एक रेस्टोरेंट मालिक कोरोना पॉजिटिव है। एक महिला भी कोरोना पॉजिटिव हो गई है ।
अब तक जिले में 23 हज़ार 413 लोग संक्रमित मिल चुके हैं। 499 की मौत हो चुकी है।
मांगलियावास स्कूल के 3 विद्यार्थी संक्रमित हैं तो नागौर जिले के स्कूलों में ऐसे बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा है ।
जिला प्रशासन के जिस अधिकारी ने मुझे शहर में दहशत फैलाने के लिए लगभग धमकाया था अब मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि पहले से बता देने के बावजूद उन्होंने क्यों नहीं सावधानियां बरतीं
क्यों नहीं पर्याप्त जिम्मेदारियां निभाई उनके विरुद्ध क्यों न कोई कार्यवाही की जाए
दोस्तों आने वाले 10 दिनों में जिले में स्थिति और विकट होने वाली है ।आने वाले पखवाड़े में अजमेर जिला बुरे दिनों से गुज़र सकता है।साफ़ कह रहा हूँ। चाहे तो मुझ पर दहशत फैलाने की कार्रवाई की जा सकती है मगर मैं दावे के साथ कह रहा हूं कि यदि पर्याप्त सावधानी नहीं बरती गई तो हालात बद से बदतर हो जाएंगे ।
विभाग सेम्पलिंग पर ध्यान दें! हर रोज़ 3 से 5 हज़ार सैंपलिंग हों! लोग बिना मास्क लगाए घर से बाहर न निकलें ! ज़रूरी हो तभी घर से निकलें! हाथ साबुन से धोते रहें! सांस लेने में ज़रा भी तक़लीफ़ हो तो भाप लें या नेबोलाइज़िंग करवाएं! काढ़े का उपयोग करें!
श्री राधे फाउंडेशन से आग्रह है कि वे पुनः काढ़ा वितरण शुरू करें! वैक्सीनेशन से दूरी ना बनाएं ! अपना पूरा ध्यान रखें ! सावधानी हटी कि दुर्घटना घटी !
मैं तो पूरे एक साल से आपके बारे में सोचता रहा हूं ,आगे भी सोचता रहूँगा, समय रहते समझाता भी रहूंगा। कृपया इसे दहशत फैलाने वाली कार्रवाई ना समझें।
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