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June 15, 2024
17 जून 2022 को दरगाह के निजाम गेट पर मौन जुलूस के दौरान भड़काऊ भाषण और आपत्तिजनक नारेबाजी के मामले में अदालत में बहस और सुनवाई हुई पूरी
माननीय न्यायालय 12 जुलाई को सुनायेगा फाइनल फैसला
अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के बाहर आयोजित मोन जुलूस के दौरान भड़काऊ नारे लगाने के मामले में आज जिला एवं सेशन न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण में सुनवाई और बहस पूरी हो गई है। माननीय न्यायालय इस मुकदमें का फैसला 12 जुलाई को सुनाएगा।
गौरतलब है कि 17 जून 2022 को दोपहर 3 बजे दरगाह के निजाम गेट पर खादिमों सहित दरगाह की अन्य संस्था द्वारा मोन जुलूस रखा गया था जहां कुछ लोगों द्वारा भडकाऊ भाषण बाजी की गई और आपत्तिजनक नारे लगाए थे।
इस घटना का पुलिस ने वीडियो बनाया और उसी आधार पर दरगाह थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। सरकार की ओर से प्रकरण की पैरवी कर रहे एडवोकेट गुलाम नजमी फारूकी ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में आज फाइनल सुनवाई हुई और इसमें 22 गवाह और 32 दस्तावेज पेश किए गए। सभी सुनवाई और बहस पूरी हो चुकी है अब फैसला 12 जुलाई को सुनाया जाएगा। गौहर चिश्ती को हैदराबाद में शरण देने वाला अहसानूल्लाह फरार चल रहा है और ऐसे में इनकी अलग से ट्राइल चलेगी।
गौरतलब है कि दरगाह थाने के कॉन्स्टेबल जयनारायण जाट ने दी रिपोर्ट में बताया कि 17 जून 2022 को दोपहर 3 बजे उसकी ड्यूटी निजाम गेट पर थी। इसी दौरान कुछ खादिमों द्वारा गेट पर पूर्व से निर्धारित मौन जुलूस की शर्तों का उल्लंघन करते हुए वहां भाषण दिया। इसके लिए रिक्शे पर लाउड स्पीकर लगाया। कॉन्स्टेबल ने रिपोर्ट में बताया कि इस दौरान 2500-3000 व्यक्तियों की भीड़ दरगाह के सामने थी, जबकि गौहर चिश्ती को पूर्व में समझाइश कर दी गई थी। इसी दौरान भड़काऊ भाषण के साथ नारेबाजी की गई। ऐसे में उस पर धार्मिक स्थल से हिंसा के लिए भीड़ को उकसाने और हत्या की अपील करने पर मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस ने वीडियो के आधार पर पहले अजमेर के रहने वाले चार आरोपियों ताजिम सिद्धिकी पुत्र नईम खान, फखर जमाली पुत्र सैयद मोहम्मद जुबेर जमाली, रियाज हसन दल पुत्र हसन और मोईन खान पुत्र स्व. शमशूदीन खान को गिरफ्तार किया। इसके बाद फरार आरोपी गौहर चिश्ती व अहसानुल्लाह को पुलिस ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया था।
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