October 6, 2025
राजस्थान न्यूज़: जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज को एक करने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा और न्यायाधीश की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। सरकार की ओर से जवाब पेश करते हुए महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि याचिकाकर्ता आर.आर. तिवाड़ी कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष हैं और सक्रिय राजनीति में हैं। वह पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार भी रह चुके हैं। ऐसे में उनकी याचिका जनहित से ज्यादा राजनीतिक हित से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से याचिकाकर्ता के किसी संवैधानिक या कानूनी अधिकार का हनन नहीं हो रहा है। महाधिवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि स्थानीय निकायों का क्षेत्र बढ़ाना, घटाना या उनका विलय करना सरकार का प्रशासनिक कार्य नहीं बल्कि विधायी कार्य है। इसलिए न्यायिक समीक्षा का दायरा सीमित है। सरकार का तर्क: दो निगम से अराजकता फैली सरकार ने अदालत में कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने कई कारणों से जयपुर में दो नगर निगम बनाने का फैसला किया था, लेकिन यह निर्णय गहन अध्ययन के आधार पर नहीं लिया गया। दो निगमों के लिए न तो पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए गए और न ही आधारभूत ढांचा विकसित किया गया। इस कारण कर्मचारियों और संसाधनों के बंटवारे में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई। कामकाज की क्षमता प्रभावित हुई, दोनों निगमों के बीच सामंजस्य और जवाबदेही की कमी रही और अनावश्यक वित्तीय बोझ भी बढ़ा।
October 6, 2025
राजस्थान न्यूज़: बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। चुनाव आयोग के अनुसार 11 नवंबर को मतदान होगा और 14 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। चुनाव कार्यक्रम के अनुसार 13 अक्टूबर को गजट नोटिफिकेशन जारी होगा। उम्मीदवार 21 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 23 अक्टूबर को होगी और प्रत्याशी 27 अक्टूबर तक नामांकन वापस ले सकेंगे। कंवरलाल मीणा की विधायकी खत्म होने से खाली हुई सीट यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक और भाजपा नेता कंवरलाल मीणा की विधायकी खत्म होने से खाली हुई थी। दरअसल, कंवरलाल मीणा को 20 साल पुराने एक मामले में अदालत से सजा हुई थी, जिसमें उन्होंने एसडीएम पर पिस्टल तान दी थी। इसी सजा के बाद मई 2025 में उनकी विधायकी रद्द कर दी गई थी। संविधान के अनुसार किसी सीट के खाली होने के 6 महीने के भीतर उपचुनाव कराना जरूरी होता है। इसी प्रावधान के तहत अंता विधानसभा सीट पर यह उपचुनाव कराया जा रहा है।
October 6, 2025
राष्ट्रीय न्यूज़: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब एक वकील ने भारत के चीफ जस्टिस (CJI) बीआर गवई पर हमला करने की कोशिश की। घटना तब हुई जब सीजेआई गवई की अध्यक्षता वाली बेंच एक मामले की सुनवाई कर रही थी। सूत्रों के अनुसार, वकील अचानक मंच (डायस) की ओर बढ़ा और अपना जूता निकालकर CJI पर फेंकने का प्रयास किया। हालांकि कोर्ट में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वकील को पकड़ लिया और उसे बाहर ले गए। कोर्ट से बाहर जाते वक्त उस वकील ने नारे लगाए— “सनातन का अपमान नहीं सहेंगे।” माना जा रहा है कि वकील CJI गवई की उस टिप्पणी से नाराज़ था जो उन्होंने मध्य प्रदेश के खजुराहो में भगवान विष्णु की 7 फुट ऊंची सिर कटी मूर्ति की पुनर्स्थापना संबंधी मामले में की थी। दरअसल, सीजेआई ने याचिका खारिज करते हुए कहा था— “जाओ और भगवान से खुद करने को कहो। तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, तो उनसे प्रार्थना करो।” घटना के बाद अदालत में हलचल मच गई, लेकिन CJI गवई ने अदालती कार्यवाही को प्रभावित नहीं होने दिया। उन्होंने वहां मौजूद वकीलों से अपनी दलीलें जारी रखने को कहा और कहा— “इस सब से विचलित न हों। हम विचलित नहीं हैं। ये बातें मुझे प्रभावित नहीं करतीं।”
October 6, 2025
अजमेर न्यूज़: कांग्रेस में एकजुटता के दावों के बीच अजमेर में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक अशोक तंवर इन दिनों दौरे पर हैं और बार-बार पार्टी की एकजुटता की बात कर रहे हैं। लेकिन रविवार को शहर कांग्रेस कमेटी की बैठक में हुई कहासुनी और हंगामे के बाद अब यह विवाद सड़क पर पहुंच गया है। आरटीडीसी के पूर्व चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ के खिलाफ शहर में टॉयलेट और अन्य जगहों पर पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में उन्हें “चोर-दलाल” बताया गया है। पोस्टरों पर लिखा गया – “कांग्रेस-देश में वोट चोर, गद्दी छोड़”, “कांग्रेस-अजमेर में दलाल व चोर, अजमेर छोड़”। इनमें राठौड़ की फोटो और नाम भी लगाया गया है। धर्मेंद्र राठौड़ पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं। अजमेर में उनके हस्तक्षेप को लेकर कांग्रेसियों में लंबे समय से नाराजगी बनी हुई है। यही विवाद रविवार को हंस पैराडाइज में हुई शहर कांग्रेस कमेटी की बैठक में भी देखने को मिला। बैठक के दौरान निवर्तमान जिलाध्यक्ष विजय जैन और राठौड़ समर्थक आमने-सामने हो गए। नारेबाजी और हंगामे के चलते माहौल गर्मा गया। करीब पंद्रह मिनट बाद वरिष्ठ नेताओं ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। राठौड़ ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा— “मैं तो कांग्रेस पार्टी के काम से धरियावद में हूं। मुझे नहीं पता कि अजमेर में कोई पोस्टर लगे हैं। क्यों लगाए और किसने लगाए, इसका पता करता हूं।” गहलोत बनाम पायलट गुट की खींचतान अजमेर में विवाद की जड़ गहलोत और पायलट गुट की खींचतान से जुड़ी है। धर्मेंद्र सिंह राठौड़, गहलोत खेमे के प्रमुख नेता माने जाते हैं, जबकि निवर्तमान जिलाध्यक्ष विजय जैन पायलट गुट से जुड़े रहे हैं। दोनों नेताओं में पहले से ही आरोप-प्रत्यारोप चलते रहे हैं।
October 6, 2025
राष्ट्रीय न्यूज़: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी द्वारा दी जा रही जिम्मेदारी के सवाल पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पार्टी जो भी आदेश देती है, उसे निभाना उनका धर्म और कर्तव्य है। गहलोत ने बताया कि पार्टी के नेताओं के बीच इस विषय पर बातचीत शुरू हो गई है और बैठकें तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी की जा रही हैं। गहलोत ने कहा कि बिहार का चुनाव एक बड़ी चुनौती है। देश में जो माहौल बना हुआ है, उसे देखते हुए लोग चिंतित हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वोट चोरी और मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो चुके हैं। “65 लाख वोटरों के नाम काटे गए और कहा गया कि बाहर के लोग आ गए हैं। चुनाव आयोग यह स्पष्ट नहीं कर पा रहा कि कौन से विदेशी लोग आए थे जिनके कारण वोट काटे गए। यह चुनाव आयोग पर बड़ा प्रश्नचिह्न है।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस, आरजेडी और तमाम विपक्षी दल इस चुनाव को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं, क्योंकि सत्ता पक्ष जीत के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहा है। गहलोत ने महाराष्ट्र के हालिया चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि वहां रात 11 बजे तक मतदान हुआ, जबकि सामान्यतः 5 बजे के बाद केवल सीमित समय तक ही पोलिंग चलती है। “मैंने अपने जीवन में 10–12 चुनाव लड़े हैं, लेकिन रात 11 बजे तक मतदान पहली बार देखा। इससे भी कई सवाल खड़े हो गए हैं।” गहलोत ने चुनाव आयोग पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि यदि आयोग अपनी साख को बनाए रखना चाहता है तो उसे निष्पक्ष जांच की पहल खुद करनी चाहिए। “लोकतंत्र चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर निर्भर करता है। आयोग का फर्ज है कि लोगों के संदेह दूर करे और पारदर्शी चुनाव कराए।”
October 6, 2025
राजस्थान न्यूज़: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कफ सिरप पीने से बच्चों की हुई मौत के मामले पर राज्य सरकार को घेरा है। गहलोत ने कहा कि यह बेहद संवेदनशील मुद्दा है, लेकिन सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही। उन्होंने याद दिलाया कि पहले भी आई ड्रॉप में गड़बड़ी सामने आई थी और उस पर बैन लगाया गया था। उसी तरह अब सिरप मामले में भी तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। गहलोत ने कहा कि“आज भी पूरा प्रोसेस एडॉप्ट करना चाहिए। पहले परमिशन लो और दवाई की जांच करवाओ। आज सिरप वाली बात आई है, तो इस पर तुरंत एक्शन होना चाहिए।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि पिछली सरकार में अगर सैंपल फेल होने के बाद बैन नहीं हुआ था, तो अब की सरकार को कदम उठाना चाहिए। “गड़बड़ की है तो अब जेल भेज दो। गलती किसी भी सरकार के अंदर हुई हो, कार्रवाई जरूर होनी चाहिए।” स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के शनिवार को दिए गए बयान पर गहलोत ने कहा कि मंत्री अनुभवी हैं और पहले भी मंत्री रह चुके हैं। यदि उन्होंने कुछ कहा है, तो जरूर जांच के आधार पर कहा होगा। हालांकि गहलोत ने सुझाव दिया कि यदि राज्य की जांच रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है, तो बाहर की किसी लैबोरेटरी से भी जांच करवाई जा सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री ने दोहराया कि यह मामला बच्चों की जान से जुड़ा हुआ है, इसलिए किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए और जांच पूरी तरह पारदर्शी हो।
October 6, 2025
राष्ट्रीय न्यूज़: बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि जब तक ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं, वे वहां कथा नहीं करेंगे। शास्त्री ने बताया कि उन्हें 10, 11 और 12 अक्टूबर को कोलकाता में हनुमंत कथा करने जाना था, लेकिन बारिश के कारण आयोजन स्थल पर पानी भर गया और प्रशासन ने अनुमति रद्द कर दी। किसी अन्य स्थान पर भी परमिशन नहीं मिलने की वजह से कथा को स्थगित करना पड़ा। रविवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा – “अभी हमें पश्चिम बंगाल जाना था, लेकिन दीदी ने मना कर दिया। परमिशन कैंसिल हो गई और दूसरी जगह की भी परमिशन नहीं मिली। जब तक दीदी हैं, हम बंगाल नहीं जाएंगे। दादा जब आएंगे, तब जाएंगे। भगवान करें दीदी बनी रहें, हमें उनसे कोई व्यक्तिगत आपत्ति नहीं है, लेकिन धर्म के खिलाफ न जाएं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका बयान राजनीति के पक्ष या विरोध में नहीं है। “हम किसी राजनीति के पक्ष में नहीं हैं, न ही विरोध में हैं। हम केवल सनातन और हिंदुत्व के पक्षधर हैं और रहेंगे। धर्म के कार्यों को रोकने से हम पीछे नहीं हटेंगे।” शास्त्री के इस बयान के बाद पश्चिम बंगाल की सियासत में हलचल तेज हो गई है। जहां आयोजन स्थगित होने से श्रद्धालु निराश हैं, वहीं अब इसे लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी भी शुरू हो गई है।
October 6, 2025
राजस्थान न्यूज़: राजस्थान विश्वविद्यालय में हुए विवाद के बाद गिरफ्तार किए गए NSUI नेताओं को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। न्यायालय ने सोमवार को सुनवाई के दौरान छह NSUI कार्यकर्ताओं की जमानत याचिका स्वीकार कर ली है। हालांकि, NSUI प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़, महेश चौधरी और किशोर चौधरी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है।गौरतलब है कि आरएसएस के शस्त्र पूजन कार्यक्रम का विरोध करने के बाद पुलिस ने कई NSUI नेताओं को गिरफ्तार कर जयपुर सेंट्रल जेल भेजा था। इसके खिलाफ NSUI लगातार विरोध कर रही है और नेताओं की रिहाई की मांग कर रही है। जमानत मिलने से छह नेताओं के परिजनों और कार्यकर्ताओं में राहत की भावना है, लेकिन संगठन का शीर्ष नेतृत्व अभी जेल में ही रहेगा। इससे NSUI का आंदोलन और तेज हो सकता है। कांग्रेस नेताओं ने पहले ही आरोप लगाया था कि सरकार विरोध की आवाज दबाने के लिए NSUI नेताओं को गलत तरीके से फंसा रही है।अब अदालत से आंशिक राहत मिलने के बाद NSUI और कांग्रेस की रणनीति पर सबकी निगाहें हैं।
October 6, 2025
अजमेर न्यूज़: उत्तर पश्चिम रेलवे अजमेर मंडल पर मनाए जा रहे स्वच्छता पखवाड़ा के क्रम में रविवार व सोमवार को स्वच्छ रेलगाड़ी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मंडल के विभिन्न स्टेशनों पर ट्रेनों की गहन सफाई का विशेष अभियान चलाया गया।अभियान के तहत रेलगाडिय़ों के कोचों की अंदरूनी एवं बाहरी हिस्सों की सफाई की गई। फर्श, सीटें, खिड़कियां, दरवाजे, शौचालय, वॉश बेसिन एवं पैंट्री क्षेत्र की धुलाई के साथ कीटाणुनाशक दवाओं से स्वच्छता सुनिश्चित की गई। ट्रेनों के भीतर और स्टेशनों पर यात्रियों को स्वच्छता बनाए रखने हेतु स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत का संदेश दिया गया तथा उद्घोषणाओं के माध्यम से जन-जागरूकता बढ़ाई गई। इस अवसर पर मंडल के प्रमुख स्टेशनों पर विशेष सफाई दलों द्वारा रेलगाडिय़ों में स्वच्छता अभियान चलाया गया। सफाई कर्मियों ने समर्पण भाव से ट्रेनों के शौचालयों, कोचों एवं अन्य क्षेत्रों की सफाई कर यात्रियों के लिए स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित किया। यात्रियों से भी अनुरोध किया गया कि वे रेल यात्रा के दौरान स्वच्छता बनाए रखने में सहयोग करें।
October 6, 2025
अजमेर न्यूज़: सोमवार को धर्मांतरण विरोधी बिल 2025 को रोल बेक करने की मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया गया। भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी, अजमेर क्रिश्चियन एसोसिएशन सहित मिशनरी से जुड़े सैकड़ों महिला पुरुषों ने हसबैंड स्कूल से हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियों के साथ नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंच कर काफी देर तक प्रदर्शन किया। जिसके बाद प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर को राज्यपाल,राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। बड़ी संख्या में रैली में शामिल महिला पुरुषों ने कलेक्टर कार्यालय स्थित डाकघर में राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम लिखे पोस्टकार्ड भी डाले। आजाद समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष लालचंद हिनूनीया के नेतृत्व में किए गए प्रदर्शन की जानकारी देते हुए पूर्व प्रदेश महासचिव चंद्रशेखर मौर्य ने बताया कि यह बिल धार्मिक स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों को नुकसान पहुंचाने ओर संविधान को कमजोर करने वाला है। बिल में सभी धर्मों के लोगों को लाभ देने को अवैध माना गया है, जो गलत है। यह बिल मानवता, दया और सेवा जैसे कार्यों को रोकता है, जो पुण्य के लिए किए जाते हैं। बिल में प्रलोभन के संबंध में कानून बनाया वह असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि बिल का कानून अस्पष्ट और असंवैधानिक है, जिसके दुरुपयोग की आशंका है। इसे बिना पूरी बहस और विपक्ष की अनुपस्थिति में जल्दबाजी में पास किया गया। कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के जिला प्रभारी सेम डेविडसन ने बताया कि धर्मांतरण विरोधी बिल अभी पूरी तरह लागू नहीं हुआ है, लेकिन कुछ जगहों पर धर्मांतरण के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। भविष्य में ऐसी घटनाएं बढ़ सकती हैं। यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी भी धर्म को अपनाता है तो भी कुछ कट्टर संगठन उसके खिलाफ प्रोपेगंडा चला कर उसे गलत साबित करेंगे जिससे इस कानून के दुरूपयोग की संभावना बनी रहेगी। इसलिए इस बिल को लागू करने से पहले पूरे देश में व्यापक चर्चा होनी चाहिये। प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल,राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से इस बिल को तुरंत रद्द करने की मांग की है।
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