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April 23, 2024
लोकसभा आम चुनाव-2024, अंतिम 72 घण्टों की एसओपी के संबंध में बैठक आयोजित
अजमेर, 23 अप्रेल। लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर अंतिम 72 घण्टों की एसओपी के संबंध में मंगलवार को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त सामान्य पर्यवेक्षक सुश्री के. मन्जू लक्ष्मी, पुलिस पर्यवेक्षक श्री डी. नरसिम्हा किशोर एवं व्यय पर्यवेक्षक श्री आर. भूपति की उपस्थिति में जिले के अधिकारियों एवं राजनैतिक दलों तथा अभ्यर्थियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया। इसमें कानून व्यवस्था, आदर्श आचार संहिता, निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण, एकल खिडकी एवं वेबकास्टिंग के सम्बन्ध में चर्चा की गई।
जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. भारती दीक्षित ने बैठक में कहा कि भयमुक्त, निष्पक्ष एवं शान्तिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए कानून एवं शान्ति व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। आदर्श आचार संहिता की कड़ाई से पालना की जाए। जिले के 1986 मतदान केन्द्रों में से 993 की वेबकास्टिंग की जाएगी। अन्तिम 48 घण्टों में लाउड स्पीकर की अनुमति नहीं दी जाएगी। मतदान केन्द्र से 200 मीटर की दूरी के बाहर ही पर्ची वितरण केन्द्र स्थापित होगा। यहां टेन्ट रहित एक टेबल एवं दो कुर्सी ही होगी। इस पर 3 गुणा 1.5 फीट का बैनर ही बिना वोट अपील के लगेगा।
उन्होंने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि के अभ्यर्थियों द्वारा नाम वापसी दिवस से मतदान दिवस के दो दिन पूर्व तक न्यूनतम तीन बार समाचार पत्रा एवं न्यूज चैनल पर आपराधिक पूर्ववृत का प्रकाशन एवं प्रसारण करवाया जाना अनिवार्य है। तृतीय प्रकाशन 9वें दिवस से मतदान दिवस के दो दिवस पूर्व तक अर्थात् 16 अप्रेल से 23 अप्रेल तक आवश्यक है। प्रत्येक अभ्यर्थी को अपने निर्वाचन व्यय लेखों का निरीक्षण कम से कम तीन बार कराना होगा। व्यय पे्रक्षक की निगरानी में सहायक व्यय पे्रक्षक द्वारा लेखादल की सहायता से यह निरीक्षण संबंधित रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय परिसर में किया जा रहा है। तृतीय निरीक्षण 24 अप्रेल को किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों द्वारा मतदान समाप्त होने के 48 घंटे तक प्रचार तेज होता है इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसी कोई धार्मिक या भाषाई गतिविधि शामिल नहीं करेगा जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकती है या आपसी नफरत पैदा कर सकती है या विभिन्न जातियों और समुदायों के बीच तनाव पैदा कर सकती है। अन्य राजनीतिक दलों की आलोचना, जब की जाएगी तो उनकी नीतियों और कार्यक्रम पिछले रिकाॅर्ड और कार्य तक ही सीमित रहेगी।
उन्होंने कहा कि वोट हासिल करने के लिए जाति या साम्प्रदायिक भावनाओं की अपील नहीं की जाएगी। मस्ज़िदांे, चर्चो, मंदिरों या अन्य पूजा स्थलों का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए मंच के रूप में नहीं किया जाएगा। किसी को भी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए या ऐसी कोई बयान नहीं देना चाहिए जो किसी व्यक्ति के निजी जीवन पर हमला हो या ऐसे बयान न दें जो दुर्भावनापूर्व हों या शालीनता और नैतिकता को ठेस पहुंचाने वाले हों। राजनीतिक प्रचार में बल्क एसएमएस एवं वाॅईस मैसेज का उपयोग नहीं हो।
उन्होंने कहा कि आम चुनाव में प्रचार के दौरान राजनीतिक दल अभियान को बढ़ावा देने के लिए चुनाव क्षेत्रा के बाहर से भी अपने समर्थकों को जुटाते हैं। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि प्रचार अवधि समाप्त होने के बाद, निर्वाचन क्षेत्रा के भीतर कोई भी प्रचार नहीं हो सकता है। राजनीतिक पदाधिकारियों, पार्टी कार्यकताओं, जुलूस पदाधिकारियों एवं अभियान-पदाधिकारियों आदि की उपस्थिति, जो निर्वाचन क्षेत्रा के बाहर से लाए गए है और जो अपने निर्वाचन क्षेत्रा के मतदाता नहीं हैं, उन्हे निर्वाचन क्षेत्रा में मौजूद नहीं रहना चाहिए। अभियान समाप्त होने के बाद भी उनकी निरन्तर उपस्थिति स्वतंत्रा और निष्पक्ष मतदान के माहौल को कमजोर कर सकती है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसे सभी पदाधिकारी प्रचार अवधि समाप्त होने के तुरन्त बाद निर्वाचन क्षेत्रा छोड़ दें।
उन्होंने कहा कि आमचुनावों के दौरान राज्य के प्रभारी राजनीतिक दल के पदाधिकारी को राज्य मुख्यालय में अपने रहने के स्थान की घोषणा करनी होगी और प्रश्नाधीन अवधि के दौरान उनका आवागमन सामान्य रूप से उनके पार्टी कार्यालय और उनके रहने के स्थान के बीच ही सीमित रहेगा। इसे सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और उनके एजेंटों, जिला निर्वाचन अधिकारियों एवं रिटर्निंग अधिकारियों सहायक रिटर्निंग अधिकारियों के ध्यान में लाया जाएगा ताकि वे इसका अनुपालन कर सकें।
उन्होंने कहा कि इस अवधि में लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति नहीं होगी। उम्मीदवार, चुनाव एजेंट और उम्मीदवार के कार्यकर्ताओं पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए प्रत्येक के लिए एक वाहन को अनुमति होगी। एक वाहन में ड्राइवर सहित 5 से अधिक व्यक्तियों को अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि उम्मीदवार निर्वाचन क्षेत्रा से अनुपस्थित है, तो किसी अन्य व्यक्ति को अनुमति नहीं दी जाएगी कि कोई अन्य उसे आवंटित वाहन का उपयोग करें। किसी भी नेता को किसी अन्य वाहन का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। जारी किए गये परमिट वाहनों की स्क्रीन पर प्रदर्शित किए जाएं। इन वाहनों को मतदाताओं को ले जाने के लिए उपयोग में नहीं लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक आने-जाने के लिए निःशुल्क वाहन उपलब्ध कराना उम्मीदवार अथवा उसके एजेंट का भ्रष्ट आचरण है और इसकी सख्त मनाही है। मतदाता पर्चियाँ सादे सफेद कागज पर होंगी। इन पर उम्मीदवार अथवा पार्टी का नाम और प्रतीक अंकित नहीं होगा। मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में कोई भी प्रचार संबंधी पोस्टर या बैनर नहीं लगेगा।
उन्होंने कहा कि मतदान दिवस के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल से अनुरोध प्राप्त होने पर अभ्यर्थी के लिए एक वाहन सम्पूर्ण लोकसभा संसदीय क्षेेत्रा के लिए, एक वाहन निर्वाचन अभिकर्ता के लिए सम्पूर्ण लोकसभा संसदीय क्षेेत्रा के लिए तथा एक वाहन सहायक कार्यकर्ता के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेेत्रा के लिए स्वीकृति जारी की जा सकेगी।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री देवेन्द्र कुमार, अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारी श्री लोकेश कुमार गौतम, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट श्री गजेन्द्र सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के निर्वाचन अभिकर्ता श्री शैलेन्द्र अग्रवाल, भारतीय जनता पार्टी के निर्वाचन अभिकर्ता श्री महेन्द्र चैधरी, प्रतिनिधि श्री रचित कच्छावा सहित अधिकारी एवं प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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