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December 5, 2021
अजमेर शहर में पिछले कुछ दिनों से लाल मुंह के बंदरों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि क्षेत्रवासी खासे परेशान हो चुके हैं। क्षेत्र के लोगों की समस्या जब शासन प्रशासन और नगर निगम तक पहुंची तो नगर निगम ने बंदर पकड़ने के लिए ठेकेदार फर्म को ठेका दिया। नगर निगम के नाकेदार बृजमोहन सेन ने बताया कि प्रति बंदर उन्नीस सौ रुपए के हिसाब से निविदा राशि तय की गई और 1 साल में 12 सौ बंदर पकड़ने का ठेका निगम द्वारा ठेकेदार फर्म को 21 लाख रुपए में दिया गया। 6 अगस्त से ठेका प्रभावी है तब से काफी बंदर पकड़े जा चुके हैं। वार्ड नंबर 76 में ही 175 बंदर पकड़कर शहर से दूर छोड़े जा चुके हैं। फ़िलहाल बंदरों को कांजी हाउस में बनाए गए पिंजरे में रखा गया है जहां खाने पीने की सुविधा के साथ उन्हें इकठ्ठा किया जा रहा है और लगभग 45 बंदरों को एक साथ शहर से 50 किलोमीटर दूर बांदनवाड़ा के जंगलों में छोड़े जाने की कवायद शुरू कर दी गई है। वार्ड 76 के पार्षद अतीश माथुर ने बताया कि पंचशील नगर, रातिडांग, वैशाली नगर, शास्त्री नगर सहित शहर के अनेक इलाकों में लाल मुंह के बंदरों ने उत्पात मचा रखा है। ऐसे में क्षेत्र के लोग बंदरों के आतंक से खासे परेशान थे, जिन्हें पकड़ने के लिए नगर निगम ने ठेकेदार फर्म को जिम्मेदारी सौंपी है और ठेकेदार पर लगातार बंदरों को पकड़कर शहर से दूर छोड़ रही है। उन्होंने बताया कि लोगों की शिकायत थी कि बंदरों को ठेकेदार पकड़ कर वापस यहीं छोड़ देता है, जिससे बंदर पुनः आकर उत्पात मचाते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए पकड़े गए बंदरों पर बेटाडिन सॉल्यूशन का छिड़काव किया गया है। ताकि कुछ दिनों तक उन पर उसके निशान बने रहे और क्षेत्र में दोबारा आने पर उनकी पहचान हो सके। उन्होंने बताया कि जिस तरह से बंदरों की तादाद लगातार बढ़ रही है उस पर राज्य सरकार को भी संज्ञान लेकर कोई प्रभावी कदम उठाने चाहिए ताकि बंदरों की लगातार बढ़ रही जनसंख्या पर लगाम लगाई जा सके। यह बड़ा अहम और ज्वलंत विषय है जिस पर सरकार को संज्ञान लेना होगा।
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