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October 24, 2021
सुहाग की दीर्घायु और परिवार की खुशहाली के लिए विवाहिताओं ने रखा करवाचौथ का व्रत शहर भर में विभिन्न समाजों में महिलाओं ने धूमधाम से मनाया करवाचौथ का पर्व साल में एक बार अपने सुहाग की दीर्घायु व परिवार में खुशहाली के लिए रखा जाने वाला करवा चौथ का व्रत रविवार को सुहागिन महिलाओं ने रखकर चौथ माता की पूजा की। अजमेर में ऋषि घाटी घाटी वाले बालाजी मंदिर के पास लगभग डेढ़ सौ साल पुराने चौथ माता के मंदिर में शहर भर के अलग-अलग इलाकों की महिलाओं ने पहुंचकर चौथ माता की पूजा अर्चना करते हुए अपने परिवार और पति की दीर्घायु की कामना की। विवाहिताओं ने बताया कि साल में एक बार करवा चौथ का कठिन व्रत होता है जिसमें निर्जला और निराहार रहकर पूरे दिन व्रत किया जाता है। रात को चंद्र भगवान के दर्शन कर अर्घ देने के बाद पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोला जाता है। इसके बाद ही आहार ग्रहण करते हैं। सुहागिनों द्वारा इस पर्व पर व्रत रखना और पति की दीर्घायु होने की कामना करना, शाम को चौथ माता की पूजा-अर्चना और चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित कर व्रत खोलना यह पर्व सचमुच में महिलाओं को आनंद से सराबोर कर देता है। इसी तरह अजयनगर पिपलेश्वर महादेव मंदिर के उपासक पंडित राजू महाराज ने बताया कि करवाचौथ के पावन पर्व पर महिलाएं पूरे दिन ‘निर्जला’ (बिना पानी) और ‘निराहार’ (बिना भोजन) व्रत रखती हैं। व्रत रखने वाली महिलाएं चंद्रमा को देखकर अर्घ्य देकर पूजन करने के बाद अपने पति का दर्शन कर उसके हाथों से पानी पीकर व्रत खोलती हैं। करवाचौथ का व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए करती है। करवा चौथ व्रत में चंद्रमा का दर्शन का अति महत्वपूर्ण होता है। बिना चंद्र दर्शन के यह व्रत अधूरा माना जाता है।
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