For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 113847098
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: रसद विभाग द्वारा घरेलू एलपीजी सिलेण्डरों के अवैध उपयोग को रोकने के लिए घरेलू गैस सिलेण्डरों की धरपकड़ का अभियान ,जांच दल द्वारा 6 घरेलू एलपीजी सिलेण्डर जब्त |  Ajmer Breaking News: जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु ने पशुपालन विभाग अजमेर के बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय का गुरूवार को औचक निरीक्षण किया। |  Ajmer Breaking News: पिछली रात हज़रत ख़्वाजा मुईनुद्दीन हसन चिश्ती (रहमतुल्लाह अलैह) के मुक़द्दस आस्ताने पर ब्राज़ील से आए हुए १०८ ज़ाएरिन का रूह परवर इज्तिमा हुआ। |  Ajmer Breaking News: जयपुर के बाद अब अजमेर में जिला कलेक्ट्रेट और ख्वाजा साहब की दरगाह को बम से उड़ने की धमकी का मिला ईमेल, |  Ajmer Breaking News: हरिभाऊ उपाध्याय नगर थाना अंतर्गत युवती से अश्लील हरकतें,छेड़छाड़, पीछा करने ओर वीडियो वायरल करने का मामला आया सामने,  |  Ajmer Breaking News: रामगंज थाना अंतर्गत ब्यावर रोड़ कृषि मंडी के पास सूखी झाड़ियों में लगी भीषण आग, |  Ajmer Breaking News: माखूपुरा इंडस्ट्रियल एरिया स्थित फैक्ट्री में लेथ मशीन पर काम रहे कर्मचारी के साथ हुआ हादसा,  |  Ajmer Breaking News: पुष्कर में 2026 से शुरू होगा भव्य 200 कुंडीय शत गायत्री पुरश्चरण महायज्ञ, तैयारियाँ हुई तेज |  Ajmer Breaking News: राजगढ़ धाम पर स्तम्भ की 23वीं वर्षगांठ को लेकर प्रशासनिक बैठक सम्पन्न , तहसीलदार नसीराबाद कार्यपालक मजिस्ट्रेट नियुक्त |  Ajmer Breaking News: राजकीय उच्च माध्यमिक अंध विद्यालय आदर्श नगर में अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस जिला कलक्टर लोक बन्धु की अध्यक्षता में मनाया गया। | 

क़लमकार: ज़िन्दा हूँ मैं हिलता डुलता रहता हूँ, दीवारों से बातें करता रहता हूँ।

Post Views 71

October 11, 2021

हिंदी की मैं रूह से ज़िन्दा हूँ लेकिन, उर्दू से भी मिलता जुलता रहता हूँ।

ज़िन्दा हूँ मैं हिलता डुलता रहता हूँ,

दीवारों से बातें करता रहता हूँ।

हिंदी की मैं रूह से ज़िन्दा हूँ लेकिन,

उर्दू से भी मिलता जुलता रहता हूँ।

लहू के हर कतरे से मेरा रिश्ता है,

जिस्म के अंदर चलता फिरता रहता हूँ।

ख़ुद पर इतरा ले सूरज चाहे जितना,

अपनी आग में मैं भी जलता रहता हूँ।

बाहर से पुख़्ता दिखने की ख़ातिर ही,

अंदर से मैं हर पल ढहता रहता हूँ।

मिल जाएं बादल तो लगता हूँ उड़ने,

यूँ दरिया के साथ में बहता रहता हूँ।

इश्क़ की ख़ुश्बू से वाकिफ़ हूँ तभी तो मैं,

रूहानी ग़ज़लें ही कहता रहता हूँ।

सुरेन्द्र चतुर्वेदी


© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved