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July 29, 2021
उदयपुर। इलाज के बाद मेरे पैर काटने की नौबत आ गई है, अब मुझसे पैसे लो और डॉक्टर का पैर काटने दो। ये शब्द हैं उस मरीज के जो मेवाड़ हॉस्पिटल में इलाज में लापरवाही का शिकार बना। मरीज ने एसपी और कलेक्टर को भी शिकायत की है। हॉस्पिटल पर यह भी आरोप है कि इस मरीज से 54 हजार लेकर भी इलाज में लापरवाही तो बरती ही, साथ ही बिना डिस्चार्ज टिकट दिए ही मरीज को बाहर निकाल दिया गया।
दरअसल, यह शिकायत गोगुंदा निवासी लक्ष्मीलाल तेली ने की। शिकायत के अनुसार लक्ष्मीलाल को पैर में हल्की सूजन थी। गांव के डॉक्टर से इलाज के बाद भी जब सूजन ठीक नहीं हुई तो वह उदयपुर आया और यहां दो बड़े हॉस्पिटल में जांच कराई, दोनों हॉस्पिटल में एक्सरे कराया, जिसमें फ्रेक्चर जैसी कोई बात नहीं थी। लेकिन मेवाड़ हॉस्पिटल में उससे ऑपरेशन करने की बात कही गई। यही नहीं लक्ष्मीलाल के अनुसार उसका कोई ऑपेरशन नहीं किया गया, फिर भी 54 हजार रुपए ले लिए गए और पैर भी बेकार कर दिया। अब पैर काटने की नौबत आ गई है।
लक्ष्मीलाल ने पत्रकारों को बताया कि श्रीनाथ और जेके हॉस्पिटल में पहले दिखाया था, उन्होंने फ्रेक्चर से मना किया था और कहा था कि केवल सूजन है। उसके बात अपने रिश्तेदारों के कहने पर मैं मेवाड़ हॉस्पिटल में इलाज के लिए आया। यहां ऑपरेशन के लिए कहा गया, लेकिन आपरेशन नहीं करके केवल ग्लूकोज की बोतलें चढ़ाई और दवाई देते गए, इससे मेरा पैर और बिगड़ गया। मुझसे इलाज के नाम पर 54 हजार रुपए ले लिए। उन्होंने कहा कि अब मैं इन पर कार्रवाई करूंगा। इलाज के बाद मेरे पैर काटने की नौबत आ गई है। अब मैं डॉक्टर को बोलता हूं कि 54 हजार तो क्या मुझसे 3 लाख रुपए लो, लेकिन मुझे डॉक्टर के पैर काटने दो।
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