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March 2, 2021
राज्य सरकार द्वारा पट्टे देकर बनाये गए मकानों को फॉरेस्ट विभाग ने बताया अवैध
गरीब परिवारों के मकानों को जेसीबी मशीन से तोड़ा, परिवारों ने लगाई कलेक्टर से मदद की गुहार
इन्द्रा आवास योजना के तहत वर्ष 1984 में राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायत बंडना तहसील किशनगढ़ जिला अजमेर को भूमि आवंटित हुई थी, जिसमें राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क पट्टे व मकान बनाकर दिये गये थे। जिसमें वर्तमान में 200 परिवार निवास कर रहे है।
लेकिन कल अचानक फॉरेस्ट विभाग ने उनको किसी भी प्रकार की सूचना दिये बगैर तथा ग्राम पंचायत हल्का पटवारी को बिना सूचना दिये व बिना ग्रामवासियों की उपस्थिति के उक्त भूमि पर बने मकानों को जे.सी.बी. की सहायता से हटाना शुरू कर दिया। जिला कलेक्टर से मदद की गुहार लगाने कलेक्ट्रेट पहुंचे
ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग द्वारा पचास वर्ष पूर्व में सीमेन्ट के पीलर बनाकर अपनी सीमा कायम की गई थी । तथा वन विभाग की सीमा पर पक्की बाउण्ड्रीवॉल सन-2008 में की गई है उसके बावजूद उस सीमा को पार करके वर्तमान में बिना ग्रामवासी को सूचना दिये बगैर व ग्रामवासी की अनुपस्थिति में सीमाज्ञान कर वन विभाग द्वारा उसकी सीमा को आगे बढ़ाकर जे.सी.बी. की सहायत से वर्तमान आबादी क्षेत्र में घुसकर बने हुये आवासीय मकानों को हटाने से ग्रामवासियों में आक्रोश है।
इस सम्बन्ध में ग्रामवासियों द्वारा पूर्व में एम.एल.ए. किशनगढ़ सुरेश टांक को भी प्रार्थना पत्र के माध्यम से अवगत करा दया गया है। लेकिन उक्त प्रार्थना पत्र पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। जबकि एम.एल.ए. साहब ने वन विभाग को दूरभाष पर भौखिक रूप से कहा गया कि उपरोक्त सम्बन्ध में किसी भी कार्यवाही करने से पहले मेरे सामने सीमाज्ञान किया जाये तब तक विभाग द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की जाये।
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