For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 115540211
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने किए विभिन्न विकास कार्यों का शुभारम्भ |  Ajmer Breaking News: क्रिश्चियन गंज थाना अंतर्गत श्याम कॉलोनी कबीर नगर में दिनदहाड़े तीन बदमाशों ने मकान में चोरी की वारदात को दिया अंजाम, सोने चांदी के जेवरात सहित नग़दी लेकर हुए फरार |  Ajmer Breaking News: महर्षि दयानंद सरस्वती के कुलगुरु प्रोफेसर सुरेश कुमार अग्रवाल को धमकाने और अभद्र भाषा से संबोधित करने के मामले में सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज पुलिस तथ्यों के आधार पर कर रही है जांच |  Ajmer Breaking News: सनातन संस्कृति संरक्षण प्रन्यास के तत्वावधान में आगामी 14 जनवरी 2026 को दयानंद महाविद्यालय खेल मैदान पर 5151 आसनों पर होगा भव्य संगीतमय सुंदरकांड पथ का आयोजन  |  Ajmer Breaking News: अजमेर शहर जिला कांग्रेस की उत्तर विधानसभा और दक्षिण विधानसभा के दोनों ब्लाकों द्वारा निकाली गई अलग-अलग अरावली बचाओ पैदल मार्च, वक्ताओं ने केंद्र की सरकार को जमकर कोसा |  Ajmer Breaking News: भारत ने दुबई में 14 से 18 दिसंबर तक आयोजित 7 वाँ रोलबॉल वर्ल्ड कप जीत लिया। |  Ajmer Breaking News: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की चादर ख्वाजा के दर पेश, वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष खानु खान बुधवाली ने अजमेर कांग्रेस जनों के साथ पेश की चादर |  Ajmer Breaking News: छठी ओर कुल की रस्म में शिरकत करने देश के अलग अलग राज्यों से अजमेर पहुंचे जायरीनों के लौटने का सिलसिला भी तेजी से शुरू हो गया। |  Ajmer Breaking News: केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ तथा पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से अरावली बचाओ अभियान एवं मनरेगा को लेकर आंदोलन चलाया जा रहा है। |  Ajmer Breaking News: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की जमादार पदों पर भर्ती के लिए शनिवार को परीक्षा का आयोजन किया गया। | 

क़लमकार: अजमेर की एलीवेटेड रोड़ , एक पत्रकार की ज़िद ,कमज़र्फ अधिकारियों और कुछ नाम चमकाने वाले व्यापारी नेताओं के बीच फंसी

Post Views 11

March 2, 2021

जब धर्मेश जैन और अरविन्द शर्मा इनको जगा रहे थे, ये व्यापारी नेता सो रहे थे अब अख़बारों में विरोध का ड्रामा कर रहे हैं 

अजमेर की एलीवेटेड रोड़ , एक पत्रकार की ज़िद ,कमज़र्फ अधिकारियों और कुछ नाम चमकाने वाले व्यापारी नेताओं के बीच फंसी



जब धर्मेश जैन और अरविन्द शर्मा इनको जगा रहे थे, ये व्यापारी नेता सो रहे थे अब अख़बारों में विरोध का ड्रामा कर रहे हैं 



दो सौ साल पुराना बाटा तिराहा पोस्टर चिपकाने से नहीं, ख़ुद को सड़क पर चिपकाने से बचेगा 



व्यापारी भाईयों!! मैं साथ हूँ, मीडिया साथ है,जनता साथ है! नेतागिरी चमकाने की जगह विरोध चमकाओ



इस विरोध का हल निकलेगा,



आज नहीं तो कल निकलेगा 



सुरेन्द्र चतुर्वेदी




शहर में भाजपा के एक नेता हैं धर्मेश जैन! दूसरे हैं अरविंद शर्मा! दोनों कभी नगर सुधार न्यास के क्रमशः चेयरमैन और ट्रस्टी हुआ करते थे! दोनों ने अजमेर शहर को स्मार्ट बनाने के लिए उस समय प्रयास किए थे जब शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की न तो घोषणा की गई थी, न योजना बनाई गई थी ,न सरकारी ख़ज़ाने का मुंह खोला गया था !




इन दोनों नेताओं ने शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए युद्धस्तर पर काम किए! जवाहरलाल नेहरू अस्पताल से गैर मामूली सरकारी ज़मीन लेकर बजरंगगढ़ के चौराहे का विस्तार किया! गौरव पथ जैसी परिकल्पना की!




परिकल्पना के पहले सी डी कांड सुनियोजित तरीके से रचित हुआ और स्मार्ट सिटी की परिकल्पना को कुचल दिया गया ! यह दोनों ही नेता जितना अल्प समय में कर सकते थे करने के बाद बर्फ़ में लगा दिए गए।




उनके बाद स्मार्ट सिटी की कार्य योजना पैदा हुई! दिमाग़दार अधिकारियों और इंजीनियरों ने मिलकर काग़ज़ों पर कल्पनाओं को साकार करने की दिशा में घोड़े दौड़ाए। घोड़े अंधे थे ! बेलगाम थे! बेकाबू हो गए!




बेहिसाब रिश्वतखोरी चली ! कई अधिकारी निहाल हो गए! कई नगर निगमी मालामाल हो गए ! कई मंत्रियों के कमीशन बन्ध गए !




इस बीच अन्य योजनाओं के साथ एलिवेटेड रोड की आसमानी योजना पृथ्वीराज की ऐतिहासिक ज़मीन पर उतारी गई! ठीक उसी तुग़लकी अंदाज़ में जिस तरह रेलवे स्टेशन के बाहर निकलते ही एक ओवर ब्रिज तत्कालीन संभागीय आयुक्त ने मदार गेट बाज़ार के तिराहे पर उतार दिया था। दावा किया गया था कि इस ओवर ब्रिज़ से रेलवे स्टेशन रोड पर यातायात का दबाव कम हो जाएगा! कितना हुआ ख़ुदा जाने मगर स्थानीय व्यापारियों का इस ब्रिज़ के कारण जीना हराम हो गया। इस ब्रिज़ के नीचे नशेड़ियों , जुआरियों,सट्टेबाज़ों ,वेश्याओं ,छक्कों का कब्जा हो गया। अब ये तुग़लकी ब्रिज़ ग़ायब कर दिया गया है।




इस ओवर ब्रिज़ की ही तर्ज़ पर एलिवेटेड रोड के नाम पर जो करोड़ों का खेल शुरू हुआ, वह देखने लायक रहा ।शहर के सीने पर कंकरीट और सरिए तैनात कर दिए गए ! बुलडोज़र और जेसीबी ने रात दिन की खुदाई शुरू कर दी। लोगों का जीना हराम हो गया।जब ये सब हो रहा था तब आज के ये व्यापारी नेता प्रशासनिक अधिकारियों को बुके भेंट कर अपनी तस्वीरें फेस बुक पर अपलोड कर रहे थे।




शहर की यातायात व्यवस्था के दबाव को एलिवेटेड रोड बनाए बग़ैर भी खत्म किया जा सकता था। कचहरी रोड से तोपदड़ा ,पाल बीछला वाले पहले से बने रास्ते को चौड़ा कर दिए जाने से यह समस्या हल हो सकती थी। एलिवेटेड रोड बनाने की कुछ लोगों की खुजली फिर भी शांत न होने पर पाल बीछला वाले रास्ते पर एलीवेटेड रोड़ बनाई जा सकती थी, मगर ऐसा नहीं हुआ ।




धर्मेश जैन ने ऊपर से नीचे तक के अधिकारियों से मिलकर भविष्य में होने वाली समस्याओं का जिक्र किया मगर उनकी एक नहीं सुनी गई।




शहर के व्यापारी नेता जो आजकल बड़ी बड़ी ऊंची आवाज़ में शहर की चिंता व्यक्त कर दुबले हुए जा रहे हैं, उनसे मैं पूछना चाहता हूं कि वे उस समय कहां थे जब एलिवेटेड रोड की योजनाओं की सिर्फ़ ख़बरें अख़बारों में छापी जा रहीं थी।सारा काम काग़ज़ों पर हो रहा था। बताया जा रहा था कि यह रोड शहर के सीने पर कहां से शुरू होकर कहां उतारी जाएगी तब अकेला धर्मेश जैन मीडिया से कह रहा था ! इन अधिकारियों को बता रहा था कि व्यवहारिक समस्याओं को समझो ! वरना बड़ा अनर्थ हो जाएगा! तब किसी व्यापारी नेता ने उनका साथ नहीं दिया! अब अनर्थ हो चुका है!





व्यापारियों को अब 200 साल पुराना बाटा तिराहा याद आ रहा है! शहर के ख़त्म होने वाले फुटपाथ याद आ रहे हैं! पहाड़ों से बह कर आने वाले नाले याद आ रहे हैं! पैदल चलने वालों का दर्द याद आ रहा है! वाहनों के खड़े होने वाले स्थान याद आ रहे हैं!





सच तो यह है कि पिछले एक दशक से एलिवेटेड रोड बनाई जाने की लंबी कवायद चल रही थी। एक महत्वाकांक्षी उच्च स्तरीय पत्रकार की ज़िद इस योजना का पीछा कर रही थी। उसी की ज़िद ने योजना को बाटा तिराहे तक पहुंचा दिया है।





पर चलिए जो हुआ हो गया ! जो होने वाला है वो न हो! इसके लिए मैं व्यापारियों के साथ हूँ! उनकी नींद खुल गई है इसके लिए मैं शहर वासियों की तरफ़ से उनका आभार प्रदर्शित करता हूँ





....मगर मेरे व्यापारी भाईयों! सिर्फ़ विरोध के लिए हर रोज़ अख़बारों में विज्ञप्ति देने से कुछ नहीं होगा! पोस्टर लगाकर सिर्फ़ हंगामा खड़ा करना ही अगर इन व्यापारी नेताओं , विभिन्न प्रवक्ताओं , पदाधिकारियों का मक़सद है तो मुझे उनके विरोध से कोई विरोध नहीं ! मगर यदि शहर की सेहत के प्रति ज़रा भी वे गंभीर हैं तो उन्हें नेतागिरी चमकाने से बाज़ आकर ज़मीनी हक़ीक़त के साथ विरोध करना पड़ेगा।





चाहूं तो मैं यहां कई बाजीगर नेताओं के नाम भी लिख सकता हूँ मगर मैं उन्हें एक बात नसीहत देकर छोड़ना चाहता हूँ ताकि उनका जोश बना रहे और जनहित में उनकी ऊर्जा लगाई जा सके। वे विरोध की सकारात्मक दिशा तय कर सकें।





शहर वासियों !! आपको शायद पता नहीं कि इस एलिवेटेड रोड का बाटा तिराहे पर उतरना शहर को किन-किन खतरों से जूझने को मजबूर कर देगा ! बाटा तिराहे पर ही नहीं आगरा गेट ,सब्ज़ी मंडी पर भी इसी तरह की तबाही मचेगी।





समय रहते हमें जाग जाना है ।ये राजनीतिक दल के गूँगे नेता इस शहर के लिए कुछ नहीं करने वाले! सब इलायची बाई के पूजक हैं।इस बार जागो और व्यापारियों का साथ दो!





जाग जाओ! बाटा चौराहा रो रो कर तुमको पुकार रहा है! इसे बचाने के लिए अब पोस्टरों की जगह खुद को सड़क पर चिपकना पड़ेगा! दीवारों पर लटकना पड़ेगा।अब नहीं तो कभी नहीं का नारा लगाना पड़ेगा।इशारा कर दिया है।आगे आप समझदार हैं।


© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved