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February 25, 2021
सवाल लगाया और सदन से गायब हो गए भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल,
सदन में भेदभाव के आरोप पर खड़ा किया था चिट्ठी विवाद
भाजपा में चल रहे चिट्ठी विवाद के दो अहम किरदारों में कैलाश मेघवाल और प्रतापसिंह सिंघवी का गुरुवार को सदन में अलग स्टैंड दिखा। मेघवाल सवाल लगाकर सदन से गायब हो गए, जबकि प्रतापसिंह सिंघवी ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए अतिक्रमण का मुद्दा उठाया। तीन दिन पहले ही भाजपा के 20 विधायकों ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेशाध्यक्ष को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने विधानसभा में वरिष्ठ विधायकों की अनदेखी और भेदभाव की शिकायत की थी। इनमें मेघवाल और सिंघवी का नाम प्रमुख था।
सिर्फ इतना ही नहीं, बुधवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में इसी चिट्ठी को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और कैलाश मेघवाल में बहस हुई थी। ऐसे में गुरुवार को बजट भाषण में होने वाली बहस को लेकर सबकी निगाह मेघवाल पर टिकी थी। कैलाश मेघवाल आज प्रश्नकाल में सदन में आए और न शून्यकाल में और न बजट बहस में दिखे। मेघवाल के सदन से गायब रहने को कल भाजपा विधायक दल की बैठक में हुए विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है।
कैलाश मेघवाल ने आज प्रश्नकाल में सातवें नंबर पर भीलवाड़ा में वन स्टॉप शॉप योजना में उद्यमियों को मिली सहायता से जुड़ा सवाल लगाया था। जब उनकी बारी आई तो मेघवाल सदन में मौजूद ही नहीं थे। मेघवाल ने सवाल पूछने के लिए किसी दूसरे विधायक को भी अधिकृत नहीं किया। इसकी वजह से उस सवाल पर सदन में कोई जवाब नहीं आया।
दूसरी तरफ चिट्ठी पर विधायकों के हस्ताक्षर करवाने वाले वसुंधरा राजे खेमे के विधायक प्रतापसिंह सिंघवी ने सदन में स्थगन प्रस्ताव के जरिए जयपुर के रामगढ बांध के कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण का मुद्दा उठाया।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने शुरू की बहस
विधानसभा में आज से बजट पर बहस शुरू हो गई है। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने बजट बहस की शुरुआत की। बहस में भाजपा से बोलने वाले विधायकों पर सबकी निगाह टिकी हुई थी। क्योंकि, कल विधायक दल की बैठक के बाद उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने चिट्ठी लिखने वाले विधायकों को बजट बहस में बोलने और कैलाश मेघवाल से बहस की शुरुआत करवाने की बात कही थी।
4 मार्च को बजट बहस का विधानसभा में जवाब देंगे गहलोत
मुख्य सचेतक महेश जोशी ने विधानसभा में कार्य सलाहकार समिति (बीएसी) का प्रतिवेदन रखा। कल बीएसी की बैठक में 4 मार्च तक का सदन का कामकाज तय हुआ है। 4 मार्च को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट बहस का जवाब देंगे। अब तक बीएसी में तय हुए कामकाज के हिसाब से बजट बहस पर 3 दिन का वक्त मिल रहा है। 26 से 28 फरवरी और 2 मार्च को विधानसभा की कार्यवाही नहीं चलेगी। 1 मार्च, 3 मार्च और 4 मार्च को विधानसभा में बजट पर बहस होगी। 4 मार्च को शाम 5 बजे मुख्यमंत्री बजट बहस का जवाब देंगे।
राठौड़ बोले- कृषि क्षेत्र का बजट केवल 40 फीसदी खर्च
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा, गहलोत सरकार का पूरा बजट हवा हवाई और इंद्रजाल का जादू है, जो केवल दो घंटे टिकता है। सरकार पर मेरा आरोप है कि गहलोत सरकार ने प्लान साइज को 40 फीसदी काटा। कोई ऐसा दिन नहीं जाता जब मुख्यमंत्री तीन केंद्रीय कानूनों भाषण नहीं देते हों। किसानों के लिए बड़ी—बड़ी बातें करने वालों ने कृषि क्षेत्र के बजट का क्या किया है, पिछले बजट मेंं कृषि क्षेत्र के लिए 11490 करोड़ का प्रावधान रखा था, 31 दिसंबर तक केवल 6612 करोड़ का ही बजट खर्च किया, 40 फीसदी खर्च करके किसान की बात कह रहे हैं। राठौड़ ने कहा, 22 सितंबर 2015 में आर्थिक आधार पर आरक्षण की नींव पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने रखी। मौजूदा सीएम ने आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग बनाने और विप्र कल्याण बोर्ड बनाने की घोषणा की , आज तक उनका गठन नहीं हुआ। सारी घोषणाएं हवा हवाई हैं।
विधानसभा में रखे गए 5 विधेयक, इसी सत्र में पारित होंगे
विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने गुरुवार को 5 विधेयक रखे। इन पांचों विधयेकों को बजट सत्र के दौरान ही बहस के बाद पारित करवाया जाएगा। धारीवाल ने राजस्थान विवाह का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण संशोधन विधेयक 2021, राजस्थान पंचायती राज संशोधन विधेयक 2021, रजिस्ट्रीकरण राजस्थान संशोधन विधेयक 2021, राजस्थान नगर पालिका संशोधन विधेयक 2021 और राजस्थान विधियां संशोधन विधेयक 2021 विधानसभा में रखे हैं।
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