Post Views 11
January 17, 2021
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर व्हाट्सएप की नई पॉलिसी को चुनौती दी गई है। याचिका व्यापारियों के एक बड़े संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने दायर की है।
कैट ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाना चाहिए कि व्हाट्सएप सहित अन्य इंटरनेट मैसेजिंग सर्विसेज से लोगों की निजता व राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई आंच नहीं आए।
याचिका में कहा गया है कि व्हाट्सएप की प्रस्तावित निजता नीति संविधान के तहत नागरिकों को मिले विभिन्न मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। सरकार को व्हाट्सएप जैसी कंपनियों पर निगरानी रखने के लिए व्यापक दिशानिर्देश बनाने की जरूरत है,
जिससे कि नागरिकों और व्यवसायों की गोपनीयता की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। लोगों के मैसेज, फोटो, वीडियो सहित कोई अन्य जानकारी का दुरुपयोग न हो।
दरअसल, व्हाट्सएप की नई नीति के तहत लोगों के लिए अपने डाटा को फेसबुक और उसकी समूह कंपनी से साझा करने की सहमति अनिवार्य रूप से देना अनिवार्य कर दिया गया है। लोगों के लिए दो ही विकल्प है। या तो वह इस शर्त के लिए तैयार हो जाएं या प्लेटफार्म को छोड़ दें।
याचिका में कहा गया है कि व्हाट्सएप की नई नीति पब्लिक लॉ और सरकार की नीतियों के खिलाफ है। याचिकाकर्ता संगठन ने कहा है कि व्हाट्सएप की नीतियां यूरोप के देशों में अलग है और भारत में अलग।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि व्हाट्सएप की नई नीति माई वे या हाई वे वाली है।
उनका कहना है कि नई नीति मनमाना, अनुचित और असंवैधानिक है। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में इसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है। व्हाट्सएप लोगों के डाटा को धोखे से इकट्ठा कर रहा है।
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved