For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 113753259
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: विभागीय समन्वय बैठक आयोजित, फ्लैगशिप योजनाओं, विकास कार्यों और जनशिकायतों की विभागवार हुई विस्तृत समीक्षा |  Ajmer Breaking News: जिला कलक्टर ने सड़क सुरक्षा, आवारा श्वानों एवं अतिक्रमण पर की समीक्षा,प्रभावी कार्यवाही के दिए निर्देश |  Ajmer Breaking News: अजमेर मंडल पर खानपान इकाइयों पर ओवरचार्जिंग और अवैध वेंडिंग को पूर्णतया रोकने के लिए विशेष अभियान |  Ajmer Breaking News: श्यामा प्रसाद मुखर्जी नगर आवासीय योजना का हुआ शुभारम्भ, योजना के साथ सीसी रोड निर्माण, स्ट्रीट लाइट स्थापना और अन्य विकास कार्य- खर्रा |  Ajmer Breaking News: विधानसभा अध्यक्ष ने दी गीता जयंती की शुभकामनाएँ, निवास पर सभी प्रमुख मंदिरों के पुजारियों के साथ विशेष आयोजन, पुस्तक व शॉल भेंटकर किया सम्मान |  Ajmer Breaking News: विश्व एड्स दिवस पर जेएलएन अस्पताल के एआरटी एवं मेडिसन विभाग द्वारा जागरूकता रैली का आयोजन  |  Ajmer Breaking News: विश्व एड्स दिवस पर  जेएलएन अस्पताल के एआरटी एवं मेडिसन विभाग द्वारा जागरूकता रैली का आयोजन  |  Ajmer Breaking News: केकड़ी विधानसभा से आए ग्रामीणों ने गाँव को वापस ग्राम पंचायत में जोड़ने सहित विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को  सौंपा ज्ञापन |  Ajmer Breaking News: 38 वी अंतर महाविद्यालय एथेलेटिक प्रतियोगिता का शुभारंभ |  Ajmer Breaking News: ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स से पूर्व दरगाह के आसपास के बाजारों में किए गए स्थाई और अस्थाई अतिक्रमण पर चला पीला पंजा, | 

अंदाजे बयां: पूरा जंगल बाहों में भर कर देखूँ

Post Views 11

January 6, 2021

एक बार तो मैं भी अपना घर देखूँ

पूरा जंगल बाहों में भर कर देखूँ,

एक बार तो मैं भी अपना घर देखूँ।



कट जाए न उम्र धूप में चलते हुए,

कभी तो चाँद सितारों का मंज़र देखूँ।



किसी हाथ में कभी तो देखूँ गुलदस्ता,

हर इक हाथ में कब तक मैं पत्थर देखूँ।



कभी तो मुझको पढ़ना लिखना आ जाए,

कभी तो तेरा नाम कहीं लिखकर देखूँ।



मंदिर मस्जिद मयखाने सब एक से हैं,

अमृत ,ज़मज़म,या शराब चख कर देखूँ।



अपनी उड़ानों पर यक़ीन भी आ जाए,

आसमान के क्या है जब ऊपर देखूँ।



करता हूँ ईमान की बातें दिन भर ही,

कभी तो मैं नेज़े पे अपना सर देखूँ।



सुरेन्द्र चतुर्वेदी


© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved