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November 23, 2020
दिल्ली मेें कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते हाईकोर्ट में याचिका दायर कर तुरंत लॉकडाउन लगाने की मांग की गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने सवाल किया कि, क्या लॉकडाउन लगाना ही एकमात्र विकल्प है? वहीं सुप्रीम कोर्ट में भी आज दिल्ली में कोरोना के बिगड़ते हालात पर सुनवाई हुई, जिसे लेकर अदालत ने दिल्ली सरकार की जमकर क्लास ली।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से सवाल किया क्या लॉकडाउन लगाना ही कोरोना को रोकने का एकमात्र विकल्प है। वहीं सुप्रीम कोर्ट में भी आज दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सुनवाई हुई जिसमें अदालत ने सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार को पड़ी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में कोरोना के बिगड़ रहे हालात को लेकर केजरीवाल सरकार को जमकर लताड़ लगाते हुई कहा कि आप कोरोना को रोकने के लिए क्या-क्या कर रहे हैं, इसका एक विस्तृत ब्योरा कोर्ट को दें।
अदालत ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि आप स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए क्या-क्या कर रहे हैं, उसे कैसे संभाल रहे हैं। पिछली सुनवाई में तो कोर्ट ने दिल्ली सरकार से ये तक कह दिया था कि, मरने वालों के परिजनों को क्या जवाब देंगे?
अदालत ने दिल्ली सरकार को पिछले दो सप्ताह के दौरान कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को रोकने, उनकी देखभाल करने के लिए क्या-क्या कदम उठाए हैं उनका ब्योरा देने को कहा है। इस पर दिल्ली सरकार ने कोर्ट में जवाब दिया कि राजधानी के सभी अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए बेड भी आरक्षित कर दिए हैं। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हां अभी दिल्ली में बहुत कुछ किया जाना बाकी है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृहंत्री अमित शाह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ 13 नवंबर को बैठक की थी और कई दिशा-निर्देश दिए थे।
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