For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 113723335
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: विभागीय समन्वय बैठक आयोजित, फ्लैगशिप योजनाओं, विकास कार्यों और जनशिकायतों की विभागवार हुई विस्तृत समीक्षा |  Ajmer Breaking News: जिला कलक्टर ने सड़क सुरक्षा, आवारा श्वानों एवं अतिक्रमण पर की समीक्षा,प्रभावी कार्यवाही के दिए निर्देश |  Ajmer Breaking News: अजमेर मंडल पर खानपान इकाइयों पर ओवरचार्जिंग और अवैध वेंडिंग को पूर्णतया रोकने के लिए विशेष अभियान |  Ajmer Breaking News: श्यामा प्रसाद मुखर्जी नगर आवासीय योजना का हुआ शुभारम्भ, योजना के साथ सीसी रोड निर्माण, स्ट्रीट लाइट स्थापना और अन्य विकास कार्य- खर्रा |  Ajmer Breaking News: विधानसभा अध्यक्ष ने दी गीता जयंती की शुभकामनाएँ, निवास पर सभी प्रमुख मंदिरों के पुजारियों के साथ विशेष आयोजन, पुस्तक व शॉल भेंटकर किया सम्मान |  Ajmer Breaking News: विश्व एड्स दिवस पर जेएलएन अस्पताल के एआरटी एवं मेडिसन विभाग द्वारा जागरूकता रैली का आयोजन  |  Ajmer Breaking News: विश्व एड्स दिवस पर  जेएलएन अस्पताल के एआरटी एवं मेडिसन विभाग द्वारा जागरूकता रैली का आयोजन  |  Ajmer Breaking News: केकड़ी विधानसभा से आए ग्रामीणों ने गाँव को वापस ग्राम पंचायत में जोड़ने सहित विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को  सौंपा ज्ञापन |  Ajmer Breaking News: 38 वी अंतर महाविद्यालय एथेलेटिक प्रतियोगिता का शुभारंभ |  Ajmer Breaking News: ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स से पूर्व दरगाह के आसपास के बाजारों में किए गए स्थाई और अस्थाई अतिक्रमण पर चला पीला पंजा, | 

विशेष: श्री गोवर्धन कथा ,महत्व एवं पूजन विधि

Post Views 11

October 30, 2020

इस दिन गाय की पूजा करने से सभी पाप उतर जाते हैं और मोक्ष प्राप्त होता है।

 गोर्वधन पूजा 
 

कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोर्वधन पूजा  (Govardhan Puja) की जाती है। हिन्दू मान्यतानुसार महाभारत काल में इसी दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। तभी से यह परंपरा कायम है। साल 2020 में गोवर्धन पूजा 15 नवंबर को की जाएगी। 


पूजन विधि 


इस दिन भगवान को तरह−तरह के व्यंजनों के भोग लगाये जाते हैं और उनके प्रसाद का लंगर लगाया जाता है। इस दिन गाय−बैल आदि पशुओं को स्नान कराकर फूलमाला, धूप, चंदन आदि से उनका पूजन किया जाता है। गायों को मिठाई खिलाकर उनकी आरती उतारी जाती है तथा प्रदक्षिणा की जाती है। गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर जल, मौली, रोली चावल लगाकर पूजा करते हैं तथा परिक्रमा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन गाय की पूजा करने से सभी पाप उतर जाते हैं और मोक्ष प्राप्त होता है।


गोवर्धन पूजा कथा 


एक बार की बात है इंद्र को अपनी शक्तियों पर घमंड हो गया। तब भगवान कृष्ण ने उनके घमंड को चूर करने के लिए एक लीला रची। इसमें उन्होंने सभी ब्रजवासियों और अपनी माता को एक पूजा की तैयारी करते हुए देखा तो, यशोदा मां से पूछने लगे, मईया आप सब किसकी पूजा की तैयारी कर रहे हैं तब माता ने उन्हें बताया कि वह इन्द्रदेव की पूजा की तैयारी कर रही हैं
फिर भगवान कृष्ण ने पूछा मैइया हम सब इंद्र की पूजा क्यों करते है? तब मईया ने बताया कि इंद्र वर्षा करते हैं और उसी से हमें अन्न और हमारी गाय के घास मिलता है। यह सुनकर कृष्ण जी ने तुरंत कहा  मैइया हमारी गाय तो अन्न गोवर्धन पर्वत पर चरती है, तो हमारे लिए वही पूजनीय होना चाहिए। इंद्र देव तो घमंडी हैं वह कभी दर्शन नहीं देते हैं। 
कृष्ण की बात मानते हुए सभी ब्रजवासियों ने इन्द्रदेव के स्थान पर गोवर्धन पर्वत की पूजा की। इस पर क्रोधित होकर भगवान इंद्र ने मूसलाधार बारिश शुरू कर दी। वर्षा को बाढ़ का रूप लेते देख सभी  ब्रज के निवासी भगवान कृष्ण को कोसने लगें। तब कृष्ण जी ने वर्षा से लोगों की रक्षा करने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी कानी उंगली पर उठा लिया। 
इसके बाद सब को अपने गाय सहित पर्वत के नीचे शरण लेने को कहा। इससे इंद्र देव और अधिक क्रोधित हो गए तथा वर्षा की गति और तेज कर दी। इन्द्र का अभिमान चूर करने के लिए तब श्री कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से कहा कि आप पर्वत के ऊपर रहकर वर्षा की गति को नियंत्रित करने को और शेषनाग से मेंड़ बनाकर पर्वत की ओर पानी आने से रोकने को कहा। 
इंद्र देव लगातार रात- दिन मूसलाधार वर्षा करते रहे। काफी समय बीत जाने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि कृष्ण कोई साधारण मनुष्य नहीं हैं। तब वह ब्रह्मा जी के पास गए तब उन्हें ज्ञात हुआ की श्रीकृष्ण कोई और नहीं स्वयं श्री हरि विष्णु के अवतार हैं। इतना सुनते ही वह श्री कृष्ण के पास जाकर उनसे क्षमा याचना करने लगें। इसके बाद देवराज इन्द्र ने कृष्ण की पूजा की और उन्हें भोग लगाया। तभी से गोवर्धन पूजा की परंपरा कायम है। मान्यता है कि इस दिन गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं। 
 


© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved