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October 23, 2020
पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल ने जबरदस्त झटका दिया। एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला लिया। दरअसल, पाकिस्तान एफएटीएफ की कार्य योजना के 27 लक्ष्यों में से छह का अनुपालन करने में असफल रहा है। आतंकवाद के वित्तपोषण और धन शोधन को रोकने एवं निगरानी करने वाली पेरिस से संचालित संस्था की डिजिटल माध्यम से वार्षिक बैठक हुई। जिसमें 27 बिंदुओं की कार्य योजना की समीक्षा की गई। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे सूची में डाला था और इस्लामाबाद को धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने की 27 बिंदुओं की कार्य योजना को वर्ष 2019 के अंत तक लागू करने को कहा था। कोविड महामारी की वजह से यह आवधि बढा दी गई है। कर्ज से दबे पाकिस्तान ने एफएटीएफ की ग्रे सूची से निकलने की कोशिश के तहत अगस्त महीने में 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके नेताओं पर वित्तीय पाबंदी लगाई थी। इनमें मुंबई हमले का सरगना और जमात-उद दावा प्रमुख हाफिज सईद, जैश-ए-मुहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम भी शामिल है। पाकिस्तान के ग्रे सूची में बने रहने से उसके लिए विश्व मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से वित्तीय मदद हासिल करना और मुश्किल हो जाएगा।
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