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October 23, 2020
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीडीपी चीफ और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने टेबल पर रखे जम्मू कश्मीर के झंडे की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जब यह झंडा वापस आ जाएगा तो हम वह झंडा यानी तिरंगा भी उठा लेंगे। जब तक हमें हमारा झंडा वापस नहीं मिल जाता हम दूसरा कोई झंडा नहीं उठाएंगे। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि तिरंगे के साथ हमारा रिश्ता हमारै झंडे से अलग नहीं है। जब यह झंडा यानी जम्मू कश्मीर हमारे हाथों में आ जाएगा हम वह झंडा अर्थात् तिरंगा उठा लेंगे। महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि जब तक हमारा झंडा वापस नही आ जाता हम चुनाव नही लड़ेंगे। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को 14 महीने की हिरासत के बाद 13 अक्टूबर को रिहा किया गया था। मोदी सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का एलान किया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस इस फैसले का विरोध कर रही है। हाल ही में फारूक अब्दुल्ला ने भी अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था, 'हमारी लड़ाई जारी रहेगी। चाहे फारूक अब्दुल्ला जिंदा रहे या नहीं। चाहे मंच पर रहे या नहीं रहे। अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए लड़ाई जारी रहेगी। चाहे मैं फांसी पर चढ़ा दिया जाऊं।' 15 अक्टूबर को नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के आवास पर बैठक हुई और इसमें पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, पीपल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन, पीपल्स मूवमेंट के नेता जावेद मीर और माकपा नेता मोहम्मद युसूफ तारिगामी ने भी हिस्सा लिया। करीब दो घंटे चली बैठक के बाद अब्दुल्ला ने कहा कि नेताओं ने गठबंधन बनाने का निर्णय किया, जिसका नाम ‘पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन’ रखा गया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा कि गठबंधन जम्मू-कश्मीर के संबंध में संवैधानिक स्थिति बहाल करने के लिए प्रयास करेगा, जैसा पिछले वर्ष पांच अगस्त से पहले था.
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