Post Views 11
September 9, 2020
मधुकर कहिन
कांग्रेस के झंडे हाथ में लेकर नकली कांग्रेसियों ने फाड़े कांग्रेस के पोस्टर।
पायलट समर्थकों ने डॉ रघु शर्मा के खिलाफ लगाए नारे।
क्या ऐसे जीतेगी आने वाले चुनावों में कांग्रेस पार्टी
नरेश राघानी
आज का दिन अजमेर की कांग्रेस हुड़दंग के हवाले हो गई। आप पूछेंगे कैसा हुड़दंग भाई तो साहब बिल्कुल वैसा ही जैसा सचिन पायलट और उनके समर्थकों ने कुछ समय पूर्व ,कभी जयपुर तो कभी दिल्ली और कभी हरियाणा के होटल में बैठकर मचाया था।
बिल्कुल उसी तर्ज पर जब आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राजस्थान प्रभारी अजय माकन अजमेर आये , तो माकन के सामने अपना वर्चस्व साबित करने के लिए, सैकड़ों ऐसे चेहरे जो कांग्रेस में कभी दिखाई ही नहीं दिए। हाथों में झंडे लिए डॉ रघु शर्मा और अशोक गहलोत विरोधी नारे लगाते हुए दिखाई दिए। देख कर लग रहा था कि ये लोग कांग्रेसी है भी या नहीं
ये गुमनाम चेहरे अशोक गहलोत मुर्दाबाद और रघु शर्मा मुर्दाबाद के साथ सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगाते हुए दिखाई दिए। इन्हीं लोगों ने क्षेत्र में एक भी होर्डिंग या पोस्टर बैनर ऐसा नहीं बख्शा , जिस पर अशोक गहलोत और रघु शर्मा की तस्वीर लगी हो । वह तस्वीर चाहे डॉ श्रीगोपाल बाहेती ने लगाई हो चाहे डॉ राजकुमार जयपाल ने। जहाँ भी गहलोत और डॉ शर्मा की तस्वीर दिखाई दी , उसको उतार फेंका गया। कई जगह इस भीड़ ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की भी की। जिसके फलस्वरूप परेशान होकर पुलिस को कुछ लोगों को खदेड़ कर गिरफ्तार भी करना पड़ा।हैरत की बात देखिए !!! अशोक गहलोत और रघु शर्मा की तस्वीरें लगी होर्डिंग और पोस्टर फाड़ने और उधम मचाने वाले लोगों को, जब पुलिस उठाकर ले गई तो उन्हें छुड़ाने भी कौन पहुंचा छुड़ाने पहुंचे कांग्रेस पार्टी के ही विधायक और पायलट समर्थक राकेश पारीक और अजमेर दक्षिण से चुनाव हारे हुए कांग्रेस प्रत्याशी हेमंत भाटी।
यह सब देख कर मेरे पास हाल ही में, बतौर स्क्रिप्ट राइटर ज्वाइन किए एक नए ट्रेनी ने पूछा - भैया !!! यह कांग्रेसी होकर कांग्रेस के पोस्टर क्यूँ फाड़ रहे हैं इन लोगों को ऐसा करते हुए शर्म नहीं आती क्या देखने वाले आम लोग क्या सोचेंगे उनमें क्या संदेश जाएगा
उस नए के सादे और सरल दिमाग की यह बात सुनकर मां कसम खोपड़े में छेद हो गया
आम आदमी यकीनन ऐसा ही सोचता होगा , जब कांग्रेस का झंडा हाथ में लिए कोई व्यक्ति कांग्रेस का ही पोस्टर या होर्डिंग लाठी और डंडों से छीलते हुए देख कर।
वाकई यह बात सोचने लायक है ,कि सचिन पायलट और उनके समर्थक सत्ता के लोभवश जब पूरे राजस्थान भर में तमाशा करके दिल्ली तक मूँह की खाकर वापस आ गए। उसके बाद जब पायलट खुद की सबकुछ स्वीकार कर अशोक गहलोत के साथ वापस आकर बैठ गए , और समझौता कर लिया । ऐसे में उनके समर्थकों को इस तरह से उधम मचाने की आवश्यकता क्या है
मैंने मेरे पिछले ब्लॉग में लिखा था कि यह सब खेल राजस्थान के नए कांग्रेस प्रभारी अजय माकन को दिखाने के लिए खेला जाएग। ताकि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से आए पर्यवेक्षकों को भ्रमित किया जा सके और दर्शाया जा सके कि अजमेर आज भी सचिन पायलट का गढ़ है। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है ।
अक्सर देखा गया है कि बात जब भी सचिन पायलट के वर्चस्व की आती है, तब ऐसे कई अनजान चेहरे सड़कों पर हाथ में कांग्रेस का झंडा लिए दिखाई देते हैं , जिनका कांग्रेस से कोई लेना देना नहीं है। इस किराए की भीड़ के आगे वही पायलट गुट के गिने-चुने दो-चार चेहरे आकर खड़े हो जाते हैं । ताकि भीड़ का भ्रम पैदा किया जा सके।
अब देखना यह है कि ऐसा छदम भ्रम अजय माकन पकड़ पाते है या नहींया फिर यह धोखा पायलट समर्थक केंद्र से आए पर्यवेक्षक को दे रहे हैं , या अपने आप को
खैर !!! आज के इस नाटक ने यह बात साफ कर दी है कि, कम से कम अजमेर में अब आने वाले सालों साल कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं है। और आने वाले निगम चुनावों में भी कांग्रेस की हार तय है।
क्योंकि साहब !!! यहां तो कांग्रेस को चुनाव भाजपा या किसी अन्य पार्टी के सामने नहीं बल्कि अपने ही लोगों के सामने ही लड़ना है ।
जय श्री कृष्ण
नरेश राघानी
www.horizonhind.com
9829070307
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved