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August 15, 2020
15 अगस्त 2020, यानी 1947 को आजाद हुआ हमारा देश आज 74 साल का हो गया। इन सात दशकों में ना सिर्फ भारत का नक्शा, बल्कि काफी कुछ बदल गया है। पढ़े-लिखे लोगों की संख्या चार गुना बढ़ी है और प्रति व्यक्ति आय में भी काफी इजाफा हुआ है। समय के साथ देश में कई बदलाव आए हैं। आइए जानते हैं इन सबके बारे में-
साल 1947 में प्रति व्यक्ति की सालाना आय 274 रुपये थी, जो साल 2020 में 1.35 लाख रुपये हो गई है।
1947 में जनसंख्या घनत्व (प्रति इकाई क्षेत्रफल पर निवास करने वाले लोगों की संख्या) 114 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर थी, जो अब 410 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर है।
फर्टिलिटी रेट (प्रजनन क्षमता) की बात करें, तो आजादी के समय में एक महिला के औसत 5.9 बच्चे, यानी छह बच्चे होते थे। जबकि अब 2020 में ये आंकड़ा 2.2 रह गया है, यानी अब एक महिला के दो बच्चे होते हैं।
भारत के महानगरों की बात करें, तो अभी कोलकाता की आबादी 46 लाख है, और दिल्ली की 303 लाख।
1947 में भारतीयों की आय औसत 37 साल थी। 74 सालों में इस आंकड़ा में काफी सुधार आया है। अब लोगों की आय औसत 69 साल है।
शहरी जनसंख्या की बात करें, तो आजादी के समय में कुल जनसंख्या में इसका योगदान 17 फीसदी था, जो अब 35 फीसदी हो गया है।
इस बीच भारतीयों में गाड़ियों की मांग भी काफी बढ़ी है। 1947 में जहां एक लाख लोगों में से 41 के नाम पर कार रजिस्टर्ड थी, वहीं 2020 में 2,275 भारतीयों के नाम कार या जीप रजिस्टर्ड है।
इतना ही नहीं, 74 सालों में देश में बिजली की खपत भी काफी बढ़ी है। पहले प्रति व्यक्ति 16 kwh बिजली की खपत थी, जो अब बढ़कर 1,181 kwh हो गई है।
लोगों ने पढ़ने-लिखने के महत्व को समझा। पहले देश में साक्षरता दर 18 फीसदी थी, जो अब 78 फीसदी हो गई है।
आजादी के बाद हर गांव तक बिजली पहुंचे, इसका प्रयास सरकार करती आई है। अब हालात ये हैं, कि पहले जहां सिर्फ 3,061 गांव में बिजली थी, वहीं अब भारत के 5,94,464 गांव तक बिजली मुहैया होती है।
पहले प्रति लाख लोगों में से आईपीसी के तहत संज्ञेय अपराध करने वाले 152 थे, जो अब बढ़कर 232 हो गए हैं।
देश में बॉलीवुड इंडस्ट्री भी काफी बढ़ी है। 1947 में दिलीप कुमार की फिल्म जुगनू सबसे हिट फिल्म थी। इस साल अजय देवगन की तानाजी- द अनसंग वॉरियर ने धूम मचाई।
भारत के नक्शे और उसकी सीमाओं की बात करें तो सात दशक के सफर में काफी कुछ बदला है। समय के साथ लगातार इसमें बदलाव आते रहे। हालांकि अंतरराष्ट्रीय सीमा की बात करें तो भारतीय मानचित्र में बहुत बदलाव नहीं आया, लेकिन देश के भीतर राज्यों की सीमाओं में परिवर्तन की प्रक्रिया आजादी के बाद से ही चलती रही।
जरूरत और मांग के हिसाब से नए-नए राज्यों का गठन होता रहा। हाल ही में जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग कर उन्हें केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया। वर्तमान में देश में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं।
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