For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 109163013
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: अग्रसेन जयंती महोत्सव के दूसरे दिन महाराजा अग्रसेन क्रिकेट प्रतियोगिता व कैरम प्रतियोगिता का हुआ आयोजन |  Ajmer Breaking News: RTE दाखिला विवाद पर संयुक्त अभिभावक संघ का आरोप : अजमेर के निजी स्कूलों की मनमानी जारी |  Ajmer Breaking News: सरकार द्वारा घोषित लैटरल एंट्री के विरोध में राजस्थान मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन का धरना पांचवें दिन भी जारी,  |  Ajmer Breaking News: विधानसभा में लगवाए गए कैमरों को लेकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के बयान से भाजपा हुई आक्रामक, |  Ajmer Breaking News: अजमेर के बोराज गांव में पैंथर न गाय के बच्चे पर किया हमला, रविवार रात जानवरो के बाड़े में घुसा पैंथर |  Ajmer Breaking News: सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में हिंदी विभाग द्वारा हिंदी दिवस समारोह का आयोजन  |  Ajmer Breaking News: सदर कोतवाली थाना अंतर्गत चूड़ी बाजार में ज्वेलर्स की दुकान से 10 लाख रुपए कीमत का हार चुराने वाली बुर्कापोश दो महिलाएं औरंगाबाद महाराष्ट्र से गिरफ्तार, |  Ajmer Breaking News: बेटा, पोता, बहू सब से प्रताड़ित बुजुर्ग मां ने अजमेर जिला एसपी ओर कलेक्टर से लगाई फरियाद, |  Ajmer Breaking News: शिक्षा मंदिरों में आर्थिक शुचिता एवं पारदर्शिता अनिवार्य : माननीय राज्यपाल   |  Ajmer Breaking News: श्रद्धांजलि एवं समावेशी उत्सव: विशेष शिक्षा के पथप्रदर्शक को समर्पित कार्यक्रम | 

#Being Positive: अजमेर लोकसभा उप चुनाव सचिन पायलट चुनाव जीते तो अगले मुख्यमंत्री भी हो सकते हैं 

Post Views 51

October 5, 2017

अजमेर लोकसभा उप चुनाव सचिन पायलट चुनाव जीते तो अगले मुख्यमंत्री भी हो सकते हैं 
रजनीश रोहिल्ला। अजमेर 
अजमेर लोक सभा उप चुनाव से पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निश्चित तौर पर इस समय सबसे अधिक चिंता के दौर से गुजर रहे हैं। उनका राजनैतिक कॅरियर पूरा दव पर लगा है। इसके साथ यह भी सच है कि अगर पायलट अजमेर से लोकसभा का उप चुनाव लउ़ते हैं और जीत जाते हैं तो राजस्थान में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बनने के सबसे प्रबल दावेदार हो जाएंगे। यानि अगर पायलट यह चुनाव जीतते हैं और विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को बहुमत मिल जाता है तो उनकी राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने की राह खुल जाएगी। जो लोग यह कह रहे हैं कि पायलट चुनाव जीते तो केंद्र की राजनीति का रूख करना पड़ जाएगा। वो शायद ये नहीं समझ रहे कि यदि पायलट लड़े और जीते तो मुख्यमंत्री के दौड़ में सबसे आगे हो जाएंगे। 
सवाल यह भी बना हुआ है कि क्या सचिन पायलट अपने पिता राजेश पायलट के बनाए हुए इतिहास को दोहरा पाएंगे। स्वर्गीय राजेश पायलट ने भी एक बार दौसा सीट को छोडक़र भरतपुर से चुनाव लड़ा और हार गए। उस समय भी कांग्रेस का राजस्थान में सफाया हुआ था। इसके बाद राजेश पायलट लगातार दौसा से जीते। पिछली बार मोदी लहर में भी लगभग वैसा ही कुछ हुआ। सचिन पायलट को सांवरलाल जाट के सामने हार का मुंह देखना पड़ा। सचिन पायलट के लिए यह इतिहास दोहराने का समय है। 
सांवरलाल जाट के बेटे रामस्वरूप लांबा जाट समाज से हैं। उनके साथ ही एक नाम और चल रहा है वह है भंवरसिंह पलाड़ा का। पलाड़ा राजपूत समाज से हैं। राजपूत समाज इस समय वसुंधरा सरकार से भारी नाराज चल रहा है। यह समजा भाजपा का बड़ा वोट बैंक है। वहीं रामस्वरूप लांबा के लिए पिता का बड़ा नाम और उनके निधन के बाद की सहानुभूति महत्वपूर्ण रोल निभाएगी। 
सचिन पायलट एक ऐसा नाम है जो कांग्रेस के सबसे जिताउ चेहरे के रूप में देखा जा रहा है। सचिन पायलट अजमेर से सांसद भी रह चुके हैं। खास बात यह है कि अजमेर से 5 बार सांसद रहे रासासिंह रावत के विजयी भाजपा रथ को सचिन पाचयलट ने ही रोका था। पायलट अजमेर से जीतकर केंद्र में मंत्री बने। मोदी लहर में अजमेर की जनता ने पायलट को संसद में जाने से रोक दिया। उन चुनावों में कुल 68.73 प्रतिशत वोट गिरे थे। इनमें भाजपा को 55 प्रतिशत और कांग्रेस को 40 प्रतिशत वोट मिले थे। वो चुनाव भी जाट वर्सेस गुर्जर के बीच ही था। उस समय नरेंद्र मोदी की जर्बदस्त लहर चल रही थी। ऐसी लहर में भी सचिन पायलट भाजपा से केवल 15 प्रतिशत वोट ही पीछे रहे। कांग्रेस से सचिन पायलट के अलावा, रघुश शर्मा और भूपेंद्र राठौड़ का भी नाम चल रहा है। लेकिन दोनों चेहरे सचिन पायलट के नाम के आगे विराट नहीं है। 
सचिन पायलट इस समय आगे कुआ और पीछे खाई वाले समय से गुजर रहे हैं। पायलट अगर चुनाव नहीं लड़ते हैं तो माना जाएगा कि उन्हें हार का डर सता रहा है और यदि लउक़र हार जाते हैं तो उनके राजनैतिक कॅरियर को बहुत बड़ा नुकसान होगा। अब इसे दूसरे रूप से देखना जरुरी है। अगर सचिन पायलट चुनाव लड़ते हैं तो पूरी कांग्रेस में जर्बदस्त संदेश जाएगा। पिछले चुनावों के बाद निराशा में आई कांग्रेस उत्साहित हो जाएगी। यदि पायलट भाजपा प्रत्याशी से जीत जाते हैं तो सचिन पायलट का कद और बड़ा हो जाएगा। वो राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के अशोक गहलोत के बराबर के प्रमुख दावेदार हो जाएंगे। 
चूंकि प्रदेश कांग्रेस की कमान सचिन पायलट के हाथ में है। इसलिए अब सचिन पायलट को एक रणनीति कार के तौर पर अपने आपको साबित करना होगा। गुर्जर, मुस्लिम, वाल्मििकी समाज और भाजपा से नाराज चल रहे राजपूतों का सही समीकरण बनाकर सचिन पायलट भाजपा की गाडी को पटरी से उतार सकते हैं। अजमेर लोकसभा का उप चुनाव जितना कांग्रेस और सचिन पायलट के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। उतना ही भाजपा और वसुंधरा राजे के लिए भी है। वसुंधरा राजे की प्रतिष्ठा और राजनैतिक कॅरियर इस चुनाव से सीधा जुड़ा है। केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है। दोनों सरकारों द्वारा विकास की गंगा बहाने का दावा किया जा रहा है। लेकिन यह बात साफ है कि लोकसभा के 2014 के चुनाव की तरह इस चुनाव से पहले मोदी जैसी कोई विराट लहर नजर नहीं आ रही जो कांग्रेस को आंधी की तरह ले उड़े। इतना जरुर है कि मोदी और वसुंधरा सरकार ने विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। दोनों पार्टियों से ज्यादा लोगों को इस चुनाव का इंतजार ज्यादा नजर आ रहा है। यही कारण है कि हर गली, माहेल्ले और चाय की दुकानों पर लोकसभा उप चुनावों की चर्चा जोरों पर है। 
हॉरइजन हिंद के लिए रजनीश रोहिल्ला की रिपोर्ट।  


© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved