For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 106408424
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: जिला पर्यावरण समिति की बैठक शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला कलक्टर लोक बन्धु की अध्यक्षता में आयोजित हुई। |  Ajmer Breaking News: विश्व जनसंख्या दिवस,अजमेर जिले को मिला राज्य स्तर पर सम्मान |  Ajmer Breaking News: पण्डित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय सम्बल पखवाड़ा, 298 बालिकाओं के मनाए जन्मोत्सव |  Ajmer Breaking News: गुरु गोलवलकर आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना, ब्लॉक विकास रणनीति (बीडीएस) के अनुमोदन की बैठक आयोजित |  Ajmer Breaking News: एलिवेटेड रोड राम सेतु ब्रिज पर अदालत की आदेश से फिर से शुरू हुआ आवागमन आरएसआरडीसी द्वारा दिया गया शपथ पत्र, |  Ajmer Breaking News: श्री खाटू श्याम यात्रा सेवा समिति की ओर से सांवरिया सेठ धार्मिक यात्रा शनिवार सुबह अजमेर जोन्सगंज से होगी रवाना |  Ajmer Breaking News: एनएसयूआई छात्र संगठन से जुड़े छात्रों ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के बाहर छात्र संघ चुनाव जल्द करने की मांग को लेकर किया प्रदर्शन, |  Ajmer Breaking News: श्री अजमेर व्यापारिक महासंघ से संबंधित पनी ग्राम चौक व्यापारिक संगठन और डिग्गी बाजार जनरल मर्चेंट के व्यापारियों ने रोष प्रकट किया और नगर निगम के विरोध में प्रदर्शन करके नारे लगाए |  Ajmer Breaking News: दयानंद महाविद्यालय में गुरु वंदन कार्यक्रम का आयोजन  |  Ajmer Breaking News: युवक का अपहरण कर मारपीट करने वाला गैंगस्टर जसवीर सिंह खरवा गिरफ्तार | 

हेल्थ न्यूज़: दिल की बीमारी से रहना है दूर, तो अपनी लाइफस्टाइल को बनाएं हेल्दी

Post Views 31

September 29, 2017

ह्रदय, जिसे आम बोलचाल की भाषा में दिल कहते हैं, जो जीवों के लिए जीवित रहने के लिए बहुत जरूरी है। अगर आपका दिल दुरूस्‍त है तो मानो आप भी स्‍वस्‍थ हैं। मानव ह्रदय एक मिनट में 72 बार धड़कता है, जो (लगभग 66 वर्ष) एक जीवन काल में 2.5 बिलियन बार धड़कता है। यह रक्‍त को शुद्ध कर धमनियों के माध्‍यम से पूरे शरीर में पहुंचाता है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि ह्रदय को स्‍वस्‍थ कैसे रखा जाए, क्‍योंकि बदलते परिवेश में यह एक बड़ी चुनौती है। हालांकि, जीवनशैली को बेहतर बनाकर काफी हद तक हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है। आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्‍स बता रहे हैं, जिसके माध्‍यम से आपको अपने दिल को स्‍वस्‍थ रखने में मदद मिलेगी।

समय-समय पर कराएं जांच

आमतौर पर हृदय रोग से ग्रसित व्‍यक्तियों को सामान्‍य लक्षणों के बारे में ही जानकारी नहीं होती। बीमारी बड़ा रूप न ले ले, ऐसे में अच्‍छा होगा कि 20 की उम्र तक पहुंचते ही आप हर पांच वर्षों में कोलेस्‍ट्रॉल की पूरी जांच करवायें। हर दो वर्ष में बीपी और डॉक्‍टर के पास जाते समय अपना बीएमआई जरूर जांचें। और 45 का होने के बाद हर तीन वर्ष में रक्‍त शर्करा की जांच करवायें।

दांतों का रखें ध्‍यान

दांतों का दिल की सेहत से सीधा संबंध होता है। दरअसल, शोध में यह बात सामने आई है कि दांतों का खराब स्‍वास्‍थ्‍य और जिंजिविटस के कारण हृदय रोग हो सकता है। मसूड़ों और मुंह में सूजन होने पर पूरे शरीर में उसके बैक्‍टीरिया फैलने का खतरा होता है और बैक्‍टीरिया के ये अंश रक्‍त प्रवाह का भी हिस्‍सा बन सकते हैं। जो लोग नियमित रूप से ब्रश और फ्लॉस करते हैं, न केवल उनके दांत साफ रहते हैं, बल्कि उन्‍हें दिल का दौरा पड़ने का खतरा भी कम होता है।

विटामिन डी जरूरी

आपके शरीर को सूरज की रोशनी की जरूरत होती है। इससे आपके शरीर को जरूरी मात्रा में विटामिन डी मिलता है। एक हालिया शोध में यह बात साबित हुई है कि जिन लोगों में विटामिन डी का स्‍तर कम होता है, उनकी रक्‍तवाहिनियों में प्‍लॉर्क जमने की आशंका अधिक होती है। डॉक्‍टरों की सलाह है कि आपको रोजाना पांच से तीस मिनट तक बिना सनस्‍क्रीन लगाये सूरज की रोशनी में जरूर रहना चाहिये। और अगर आप सुबह दस से दोपहर तीन बजे तक यह समय निकाल पायें, तो और अच्‍छा। इससे आपके शरीर को पर्याप्‍त मात्रा में विटामिन डी का निर्माण करने में मदद मिलती है।

सुबह की सैर

कोशिश करें कि सुर्य निकलने से पहले सोकर उठें, और सुबह की सैर जरूर करें। किसी पार्क में या हरी-भरी जगह प्रदूषण से दूर शुद्ध हवा में टहलना ह्रदय के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अगर आप सुबह तेज गति से टहलते हैं या रनिंग करते हैं तो इससे शरीर का रक्‍त प्रवाह तेज होता है, और ह्रदय को मजबूती मिलती है।

भरपूर नींद और हेल्‍दी खानपान

दिनभर के काम के बाद बॉडी को आराम की जरूरत भी होती है। पर्याप्‍त नींद लेना जरूरी है। इसके अलावा खानपान को भी बेहतर रखें। फाइबर, प्रोटीन, मिनरल और एंटीऑक्‍सीडेंट्स के साथ ही फलों और सब्जियों में पोटेशियम भी होता है। बात जब रक्‍तचाप को नियंत्रित करने की होती है, तो आहार में पो‍टेशियम की मात्रा बढ़ाना उतना ही जरूरी होता है, जितना कि सोडियम की मात्रा कम करना। पोटेशियम सोडियम के असर को कम करने में भी मदद करता है, जिससे रक्‍तचाप को कम किया जा सकता है। खट्टे फल, केला, आलू, टमाटर और बीन्‍स पोटेशियम के उच्‍च स्रोत होते हैं। इसके साथ ही सेब, नाशपाती, खीरा और फूल गोभी आदि का सेवन स्‍ट्रोक के खतरे को 52 फीसदी कम कर देता है।


© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved