राजस्थान न्यूज़: राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन (आरपीएससी) की सदस्य संगीता आर्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल अक्टूबर 2026 तक था, लेकिन हाल ही में भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताओं और एसीबीकी संभावित पूछताछ को लेकर उनका नाम विवादों में आ गया था। EO-RO भर्ती परीक्षा गड़बड़ी से जुड़े एसीबी ट्रैप प्रकरण में उनका नाम सामने आने के बाद एजेंसी को उनसे पूछताछ करनी थी। बताया जा रहा है कि 10 नवंबर को एसीबी द्वारा जारी नोटिस के बावजूद संगीता आर्य पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हो सकी थीं। इसके बाद उन्होंने एसीबी को पत्र लिखकर एक पखवाड़े का समय मांगा था, ताकि वह अपनी तैयारी कर सकें। मामले के तूल पकड़ने और लगातार बढ़ते दबाव के बीच संगीता आर्य ने आखिरकार अपने पद से इस्तीफा सौंप दिया है। उनका इस्तीफा आयोग और राज्य प्रशासन दोनों के स्तर पर महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है, क्योंकि आरपीएससी इन दिनों कई भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ियों, पेपर लीक और एसीबी जांच के चलते लगातार विवादों के घेरे में है। संगीता आर्य का नाम EO-RO परीक्षा अनियमितताओं में जुड़ने के बाद से ही उनकी भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे थे।आरपीएससी में विश्वसनीयता और पारदर्शिता को लेकर उठ रही चर्चाओं के बीच यह इस्तीफा आयोग में नई हलचल का कारण बन गया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में ईओ–आरओ भर्ती मामले की जांच और तेज की जाएगी।
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राजस्थान न्यूज़: जयपुर में उस समय बड़ा प्रशासनिक और राजनीतिक हड़कंप मच गया, जब जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के एक प्रवर्तन अधिकारी द्वारा भगवान शिव को नोटिस जारी करने की घटना सामने आई। मामला मुख्यमंत्री कार्यालय के संज्ञान में आते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस पर तुरंत और सख्त कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन अधिकारी अरुण कुमार पूनिया को निलंबित करने के निर्देश जारी कर दिए। राज्य सरकार ने इस घटना को न केवल असंवेदनशील बताया, बल्कि इसे सरकारी कार्यप्रणाली में गंभीर चूक और जानबूझकर की गई लापरवाही करार दिया। आदेश में स्पष्ट लिखा गया कि अधिकारी का यह कृत्य राजकाज में घोर लापरवाही तथा कर्तव्य विमुखता का परिचायक है, जो पूर्णतः स्वेच्छाचारिता का द्योतक है। ऐसी हरकत न केवल प्रशासनिक अनुशासन का उल्लंघन करती है, बल्कि सरकारी सेवा आचरण नियमों के भी विपरीत है। मुख्यमंत्री शर्मा के इस त्वरित प्रहार से यह संदेश स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार किसी भी प्रकार की अनियमितता, मनमानी या संवेदनहीन प्रशासनिक रवैये को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी। खासकर ऐसे मामलों में जहां धार्मिक भावनाएँ और सरकारी जिम्मेदारियाँ जुड़ी हों, वहां अधिकारी से सर्वोच्च अनुशासन और संवेदनशीलता की अपेक्षा की जाती है। इस कार्रवाई के बाद प्रशासनिक हलकों में चर्चा है कि सरकार इस मामले को एक उदाहरण के रूप में आगे रखेगी, ताकि कोई भी अधिकारी अपने दायित्वों से विमुख होकर गैरजिम्मेदाराना तरीके से कार्य न करे।
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राजस्थान न्यूज़: राजस्थान सरकार ने राज्य की महत्वाकांक्षी राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) में चल रही अनियमितताओं और रेवेन्यू लॉस के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने बीते तीन महीनों में 34 निजी हॉस्पिटलों, 431 फार्मा स्टोरों और 28 सरकारी कर्मचारियों को योजना के दुरुपयोग और गड़बड़ियों के मामलों में निलंबित कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने बताया कि विभाग को कई शिकायतें मिली थीं कि योजना का गलत फायदा उठाकर कुछ हॉस्पिटल और फार्मा स्टोर अधिक मुनाफा कमा रहे हैं और सरकार को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके बाद विशेष ऑडिट और गहन जांच करवाई गई। जांच में सामने आए कि कई अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स ने योजना का दुरुपयोग सुनियोजित तरीके से किया है। जांच रिपोर्ट के अनुसार, सस्पेंड किए गए कई हॉस्पिटलों ने एक ही मरीज की एक ही सर्जरी पर दोहरा क्लेम उठाया, अनावश्यक जांचें करवाईं और कम कीमत पर उपलब्ध जांचों को महंगे पैकेज के रूप में क्लेम किया। इन अनियमितताओं के कारण विभाग ने ऐसे अस्पतालों से अब तक लगभग 36 करोड़ रुपये की पेनल्टी वसूल की है। वहीं 431 फार्मा स्टोरों पर कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने या तो दवा उपलब्ध नहीं कराई, बिल जारी नहीं किया या गलत बिल प्रस्तुत किए। कई मामलों में फार्मासिस्टों, मरीजों और डॉक्टरों के बीच मिलीभगत सामने आई, जिसके चलते योजना का गलत लाभ उठाया गया। विभाग ने इन फार्मा स्टोरों से 4.64 करोड़ रुपये की पेनल्टी वसूली है। सरकारी कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई में वे कार्मिक शामिल हैं जिन्होंने योजना का गलत उपयोग करते हुए अनियमित क्लेम करवाए या ग़लत जानकारी देकर योजना का दुरुपयोग कराया। सरकार की इस बड़ी कार्रवाई का संदेश साफ है—(आरजीएचएस) में भ्रष्टाचार और दुरुपयोग किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग का कहना है कि आगे भी सतत निगरानी जारी रहेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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अजमेर न्यूज़: 1100 वर्ष पूर्व स्थापित मंदिर की बड़ी है मान्यता, दूर दराज से पहुंचते हैं हजारों श्रद्धालु
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अजमेर न्यूज़: 1968 से कस्बे की धार्मिक संस्था श्री ब्रह्म पुष्कर सेवा संघ कर रही है इस अनूठी परंपरा का निर्वहन
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अजमेर न्यूज़: 10 टीमें 8 - 8 वार्डो में जाकर घूम रही गायों का करेंगीं प्राथमिक उपचार
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राष्ट्रीय न्यूज़: अजमेर, 27 नवंबर। राजस्थान के लिए अतिमहत्वपूर्ण अपर यमुना रिव्यू कमेटी की 9वीं बैठक गुरुवार को नोएडा के यमुना भवन में हुई। इसमें राजस्थान से जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत शामिल हुए। बैठक में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल, राजस्थान मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा और हरियाणा मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के भागीरथ प्रयासों से वर्षों से लंबित यमुना जल अपवर्तन कार्य को धरातल पर लाने का मार्गप्रशस्त हुआ है। श्री रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्वमें राज्य सरकार प्रदेश में अंतिम छोर तक जल उपलब्धता की दिशा में महत्वपूर्ण फैसले ले रही हैं। यमुना जल की यह परियोजना राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। उन्होंने बताया कि फरवरी, 2024 में यमुना जल के सम्बंध में एक ऐतिहासिक एमओयू के अनुरूप हरियाणा और राजस्थान सरकार द्वारा संयुक्त टास्क फॉर्स का गठन किया गया। इस फॉर्स द्वारा ही डीपीआर को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के शेखावाटी अंचल सीकर, चूरू, झुंझुनूं सहित आसपास के क्षेत्रों की जल सुरक्षाके लिए यमुना जल बेहद आवश्यक है। जल संसाधन मंत्री ने केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री श्री सी.आर.पाटिल और हरियाणा मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी को धन्यवाद दिया, जिनके अथकप्रयासों से यमुना जल शेखावटी अंचल तक लाने के कार्यों को गति मिली हैं। श्रीरावत ने बताया कि हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड में यमुना एवं इसकी सहायक नदियों पर तीन परियोजनाएं-रेणुकाजी, लखवार और किशाऊ का निर्माण किया जा रहा है। राज्य सरकार ने तीनों परियोजनाओं में अपनी हिस्सेदारी की राशि स्वीकृत कर दी है, ताकि समयबद्ध कार्य पूरे हो सकें। श्री रावत ने बताया कि इन प्रगतिरत परियोजनाओं केसाथ-साथ मानसून में यमुना नदी के व्यर्थ बहकर जा रहे जल में से आंशिक जल राशि राजस्थान में अपवर्तित करने के लिए परिवहन तंत्र का निर्माण किया जाना आवश्यक है। राजस्थान सरकार द्वारा इस तंत्र की डीपीआर तैयार करने के लिए कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं। यह डीपीआर दोनों राज्यों की संयुक्त टास्क फॉर्स के समन्वय से तैयार हो रही है। इसे शीघ्र ही केन्द्रीय जल आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। जल संसाधन मंत्री ने बताया कि इस तंत्र से न केवल बाढ़ में व्यर्थ बहकर जा रहे जल का सदुपयोग संभव होगा, बल्कि भविष्य की इन परियोजनाओं के जल को राजस्थान में लाकर विभिन्न जिलों में जल सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। श्री रावत ने हथिनी कुण्ड बैराज से राजस्थान में यमुना जल अपवर्तन के लिए रेणुकाजी, लखवार और किशाऊ को राष्ट्रीय परियोजनाओं काअभिन्न अंग मानकर वित्तीय सहायता प्रदान कराने का आग्रह किया। साथ ही, ओखला हैड से गुड़गांव नहर प्रणाली के जीर्णोद्धार कराने को भी अत्यन्त आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि नहर की क्षमता बढ़ने से राजस्थान को आवंटित जल भी प्राप्त हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि कमेटी की बैठक केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली सरकार के मंत्रीगण और उच्चाधिकारी शामिल हुए। राजस्थान से मुख्य अभियंता व अतिरिक्त सचिव जल संसाधन श्री भुवन भास्कर सहित अन्य उच्चाधिकारी शामिल हुए।
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राष्ट्रीय न्यूज़: अजमेर, 26 नवम्बर। राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि देश का संविधान सुरक्षित है। इसे किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान भारत की आत्मा, भविष्य और वर्तमान है। दुनिया में भारत का संविधान ही ऐसा मजबूत संविधान है जिसके माध्यम से सत्ता का हस्तान्तरण शांतिपूर्ण तरीके से होता है। भारतीय संविधान की यह सबसे बड़ी विशेषता है। श्री देवनानी ने कहा कि वन्दे मातरम् केवल गीत ही नहीं है, यह मातृभूमि के प्रति समर्पण, औपनिवेशिक दमन के विरुध प्रतिरोध और स्वाधीनता की सामूहिक चेतना का प्रभावी प्रतीक है। समय के साथ यह गीत जन सभाओं और सांस्कृतिक आयोजनों में भारत के स्वतन्त्रता संग्राम की प्रेरणा शाक्ति बन गया है। देश की विधान सभाओं में राजस्थान विधान सभा कदाचित ऐसी विधान सभा बन गई है, जहाँ वंदे मातरम् दीर्घा का निर्माण किया गया है स्पीकर श्री देवनानी राजस्थान विधान सभा में बुधवार को संविधान दिवस पर आयोजित युवा संवाद समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। श्री देवनानी ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारम्भ किया। श्री देवनानी ने इस मौके पर विधान सभा के डिजिटल म्यूजियम में उनकी पहल से निर्मित वंदे मातरम दीर्घा का उद्घाटन किया। देश की विधान सभाओं में राजस्थान विधान सभा कदाचित ऐसी विधान सभा बन गई है, जहाँ वंदे मातरम् दीर्घा का निर्माण किया गया है। वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी की सोच व परिकल्पना के अनुरूप राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के ऐतिहासिक पहलुओं को चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष संविधान दिवस पर अध्यक्ष श्री देवनानी की पहल पर विधान सभा के राजनैतिक आख्यान संग्रहालय में संविधान दीर्घा का लोकार्पण किया गया। साथ ही विधान सभा परिसर में शौर्य वाटिका भी बनाई गई है। युवा पीढी इसे जीवन शैली में अपनाकर ही संविधान निर्माताओं के प्रति सच्चा नमन कर सकते है श्री देवनानी ने कहा कि संविधान दिवस राष्ट्रीय चेतना को आलौकित करने वाला ऐतिहासिक पर्व है। उन्होंने कहा कि यह दिवस केवल स्मृति दिवस नहीं है बल्कि जीवंत संकल्प, प्रतिज्ञा और प्रतिबद्धता का दिवस है। यह न्याय, स्वतन्त्रता, समानता और बन्धुत्व के मूल्यों को दृढ करने वाला दिवस है। श्री देवनानी ने युवाओं का आव्हान किया कि वे संविधान के मूल्यों को आत्मसात करें। युवा पीढी इसे जीवन शैली में अपनाकर ही संविधान निर्माताओं के प्रति सच्चा नमन कर सकते है। श्री देवनानी ने कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि है। राष्ट्र है तो हम है। देश के प्रति विश्वास और श्रद्धा रखे। देश के लिए जिए। अधिकारों को मांगे लेकिन कर्तव्यों के निर्वहन के दायित्व से भी मुँह ना मोडे। पूरी क्षमता के साथ राष्ट्र हित का कार्य करें। भारत विश्व की महान शक्ति है। भारत विश्व गुरु है। यह सब भारतीय संविधान के कारण ही सम्भव है। इस मौके पर उपस्थित संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल ने कहा कि संविधान की मूल भावना में न्याय है। न्याय सभी को मिले। न्याय व्यवस्था में विश्वास करें। इसका स्वयं पालन करें और फिर दूसरों को कहे। समारोह में मौजूद नेता प्रतिपक्ष श्री टीकाराम जूली ने कहा कि संविधान की मजबूती बनाने की जिम्मेदारी प्रत्येक नागरिक की है। अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री जीएस गिल ने कहा कि संविधान राष्ट्र के लोगों की भावना है। वन्दे मातरम दीर्घा स्पीकर श्री देवनानी ने बताया कि सैंतीस पैनलों के माध्यम से वंदे मातरम के इतिहास और इससे सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारियों का दीर्घा में समावेश किया गया है। उन्होंने कहा कि सन् 1875 में अक्षय नवमी के दिन वंदे मातरम की रचना, बंकिमचन्द्र ने इसे पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के लालगोला में लिखा, संस्कृतनिष्ठ बंगाली में लिखे गए मूल गीत के चित्र सहित विभिन्न जानकारियां आमजन, युवा, शोधार्थी और छात्र-छात्राओं के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। दीर्घा लोगों के लिए प्रेरणादायी पहल श्री देवनानी ने बताया कि राजस्थान विधानसभा स्थित राजनैतिक आख्यान संग्रहालय में वंदे मातरम् दीर्घा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्रीय चेतना के इतिहास को नई दृष्टि से प्रस्तुत करने वाली एक प्रेरणादायी पहल है। दीर्घा बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित "वंदे मातरम्' की मूल भावना को केंद्र में रखते हुए स्वदेशी आंदोलन, जन-आंदोलनों तथा क्रांतिकारियों की भूमिका को सजीव रूप में दर्शाती प्रतीत हो रही है। दीर्घा में गीत की मूल पंक्तियों, पांडुलिपि की प्रतिकृति और उस समय के राजनीतिक-सांस्कृतिक परिवेश का सुव्यवस्थित प्रदर्शन किया गया है। इससे आगंतुकों को स्वतंत्रता संग्राम के दौर की भावनाओं का अनुभव हो सकेगा। वंदे मातरम् के भावपूर्ण संगीत तथा आंदोलन से जुड़े दुर्लभ फोटोग्राफ़, पत्र, भाषण और वीडियो सामग्री भी दीर्घा में शामिल की गई है। श्री देवनानी ने बताया कि वंदे मातरम् दीर्घा का उद्देश्य नई पीढ़ी को यह संदेश देना है कि मातृभूमि के प्रति प्रेम, कर्तव्य और संवैधानिक निष्ठा ही भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति है। यह दीर्घा इतिहास, संस्कृति और संसदीय मूल्यों का एक अद्वितीय संगम बनकर राजस्थान विधानसभा की गरिमा को और अधिक समृद्ध करेगी।
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अग्निवीर सेना भर्ती रैली, 20 जून के अभ्यर्थी देंगे 26 जून को रिपोर्ट
अग्निवीर सेना भर्ती रैली, 0 जून के अभ्यर्थी देंगे 26 जून को रिपोर्ट अजमेर, 19 जून। सेना भर्ती कार्यालय जोधपुर के निदेशक (भर्ती) कर्नल दीपांकर बसु ने बताया कि अजमेर में चक्रवात के कारण हुई अतिवृष्टि से अग्निवीर सेना भर्ती रैली के कार्यक्रम में परिवर्तन किया गया है। इसके कारण 20 जून को कायड़ विश्राम स्थली में रिपोर्ट करने वाले अभ्यर्थी अब 26 जून को प्रातः 2 बजे कायड़ विश्राम स्थली पर रिपोर्ट करेंगे।
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