राजस्थान न्यूज़: बीकानेर। राजस्थान की राजनीति में शुक्रवार को नया घटनाक्रम सामने आया, जब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की अचानक मुलाकात बीकानेर के नाल एयरपोर्ट पर हुई। इस दौरान कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के कई विधायक भी मौजूद रहे। मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। राजनीतिक हलचल तेज राजे और डोटासरा की यह मुलाकात महज संयोग थी या इसके पीछे कोई सियासी संकेत छिपे हैं, इसे लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। दोनों नेताओं ने हालांकि मुलाकात को औपचारिक बताया है, लेकिन एक ही मंच पर दोनों दलों के नेताओं की मौजूदगी ने राजनीतिक समीकरणों पर बहस छेड़ दी है। विधायकों की मौजूदगी बनी चर्चा का विषय एयरपोर्ट पर इस दौरान भाजपा और कांग्रेस, दोनों दलों के विधायक मौजूद रहे। सूत्रों के अनुसार, मुलाकात के दौरान हल्की-फुल्की बातचीत हुई और सभी नेताओं ने एक-दूसरे का अभिवादन किया। हालांकि किसी भी पक्ष ने राजनीतिक विषयों पर खुलकर टिप्पणी नहीं की, लेकिन यह मुलाकात आगामी उपचुनावों और राज्य की बदलती राजनीति के संदर्भ में अहम मानी जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस मुलाकात को राजस्थान की बदलती राजनीतिक परिस्थितियों से जोड़कर देखा जाएगा। विधानसभा उपचुनाव और 2028 के आम चुनावों को लेकर दोनों दल अपनी रणनीति बना रहे हैं। ऐसे में बड़े नेताओं की आकस्मिक मुलाकातें अक्सर नए राजनीतिक समीकरणों की ओर संकेत करती हैं।
Read more 10th Oct 2025
राजस्थान न्यूज़: जयपुर। राजस्थान एटीएस (Anti-Terrorist Squad) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सेना के 28 फर्जी जवानों को पकड़ा है। इस खुलासे की जानकारी एटीएस के एडीजी वीके सिंह ने प्रेस वार्ता में दी। इस दौरान आईजी विकास कुमार भी मौजूद रहे। ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा इनपुट एडीजी वीके सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद एटीएस को लगातार सूचनाएं मिल रही थीं। इन्हीं इनपुट्स को डवलप करते हुए कार्रवाई की गई। जांच में सामने आया कि कई लोग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सेना के भूतपूर्व सैनिक बनकर सुरक्षा की नौकरी कर रहे थे। 31 FCI संस्थानों पर दबिश एटीएस की टीमों ने 31 एफसीआई (Food Corporation of India) संस्थानों पर एक साथ दबिश दी। कार्रवाई के दौरान 28 ऐसे फर्जी जवान पकड़े गए, जो भूतपूर्व सैनिक बनकर काम कर रहे थे। कैसे होता है घोटाला? एफसीआई में नियम है कि 90% सुरक्षा कर्मियों की भर्ती भूतपूर्व सैनिकों से होती है। इसी प्रावधान का फायदा उठाकर गिरोह ने नकली दस्तावेज बनाकर नौकरी हासिल की। जांच में सामने आया कि इनके पास न तो असली सेवा प्रमाण पत्र है और न ही डिफेंस से जुड़ा रिकॉर्ड। तीन मामले दर्ज एटीएस ने अब तक तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। आगे भी इस तरह की जांच और गिरफ्तारियां जारी रहेंगी। अधिकारियों ने कहा कि पूरे नेटवर्क की गहन जांच की जाएगी ताकि फर्जीवाड़े को जड़ से खत्म किया जा सके।
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राजस्थान न्यूज़: जयपुर अंता विधानसभा उपचुनाव-2025 को स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त वातावरण में संपन्न कराने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने गुरुवार को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को सतर्क रहते हुए चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी बनाने और मतदाताओं की सुविधा के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। एआई और डीपफेक वीडियो पर सख्ती निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव प्रचार के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित टूल्स और डीपफेक वीडियो का उपयोग आदर्श आचार संहिता के तहत ही किया जाए। किसी भी प्रकार की भ्रामक सामग्री या प्रतिद्वंद्वी को लक्षित करने वाले वीडियो पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। 100% वेबकास्टिंग और अतिरिक्त सुरक्षा मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि अंता विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग अनिवार्य होगी। जिन स्थानों पर 3 या अधिक मतदान केंद्र होंगे, वहां अतिरिक्त कैमरे लगाए जाएंगे। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सेक्टर ऑफिसर और माइक्रो ऑब्जर्वर तैनात किए जाएंगे। राज्य पुलिस नोडल अधिकारी अनिल कुमार टांक ने बताया कि बारां जिले की सीमाएं पड़ोसी राज्यों से लगी होने के कारण विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है। आवश्यकता पड़ने पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की भी तैनाती होगी।
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अजमेर न्यूज़: 1100 वर्ष पूर्व स्थापित मंदिर की बड़ी है मान्यता, दूर दराज से पहुंचते हैं हजारों श्रद्धालु
Read more 31st Aug 2022
अजमेर न्यूज़: 1968 से कस्बे की धार्मिक संस्था श्री ब्रह्म पुष्कर सेवा संघ कर रही है इस अनूठी परंपरा का निर्वहन
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अजमेर न्यूज़: 10 टीमें 8 - 8 वार्डो में जाकर घूम रही गायों का करेंगीं प्राथमिक उपचार
Read more 31st Aug 2022
राष्ट्रीय न्यूज़: नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण संवैधानिक सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से जेल में बंद कैदियों के वोटिंग अधिकार पर जवाब मांगा है। यह मामला उन करीब 4.5 लाख अंडरट्रायल कैदियों से जुड़ा है, जो जेलों में बंद हैं लेकिन अभी दोषी साबित नहीं हुए। क्या है मामला? यह जनहित याचिका (PIL) पंजाब के पटियाला निवासी सुनीता शर्मा ने दायर की है। इसमें जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of People’s Act) 1951 की धारा 62(5) को चुनौती दी गई है। इस धारा के तहत जेल में बंद कोई भी व्यक्ति, चाहे वह सजा काट रहा हो या ट्रायल का इंतजार कर रहा हो, चुनाव में वोट नहीं दे सकता। याचिकाकर्ता का तर्क है कि यह प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 326 (वयस्क मताधिकार) का उल्लंघन करता है। याचिकाकर्ता की दलील अंडरट्रायल कैदी कानूनन निर्दोष माने जाते हैं, जब तक कोर्ट दोष सिद्ध न करे। ऐसे में उन्हें वोटिंग से वंचित करना अन्याय है। खासकर वे कैदी, जिन पर कोई चुनावी अपराध या भ्रष्टाचार का आरोप भी नहीं है। याचिका में मांग की गई है कि जेलों में वोटिंग बूथ बनाए जाएं या डाक मतपत्र (Postal Ballot) की व्यवस्था की जाए। सुप्रीम कोर्ट का रुख चीफ जस्टिस बी.आर. गवई की अगुवाई वाली बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। वकील प्रशांत भूषण ने याचिका का पक्ष रखा और कहा कि यह पूर्ण प्रतिबंध संवैधानिक अधिकारों का हनन है। कोर्ट ने इसे गंभीर मामला बताते हुए केंद्र और चुनाव आयोग से जल्द जवाब मांगा है और अगली सुनवाई की तारीख तय कर दी है। भारत की जेलों में कुल कैदियों का एक बड़ा हिस्सा अंडरट्रायल का है। अनुमान के मुताबिक करीब 4.5 लाख कैदी ऐसे हैं, जो दोषी साबित नहीं हुए हैं। अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आता है तो यह भारतीय लोकतंत्र में मताधिकार को और मजबूत करने वाला ऐतिहासिक कदम होगा।
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राष्ट्रीय न्यूज़: 1961 बैच के आईपीएस अधिकारी निर्मल कुमार सिंह (एन.के. सिंह) का 7 अक्टूबर को निधन हो गया. इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी से लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ, एन.के. सिंह ने हमेशा सत्य का साथ निभाया. बीते 7 अक्टूबर को भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के दिग्गज अधिकारी, निर्मल कुमार सिंह (एनके सिंह) का निधन हो गया. वे 1961 बैच के आईपीएस (ओडिशा कैडर) अधिकारी थे. बिहार के मधेपुरा जिले में जन्मे एन.के सिंह ने अपनी पूरी जिंदगी अनुशासन, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के सिद्धांतों पर जिया. राजनीतिक दबावों के बावजूद सच्चाई का साथ नहीं छोड़ा, जिसकी वजह से उन्हें व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों स्तरों पर भारी कीमत चुकानी पड़ी. उनकी कहानी न केवल पुलिस सेवा की चुनौतियों को उजागर करती है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र में ईमानदार अधिकारियों की भूमिका को भी रेखांकित करती है. उनकी किताब The Plain Truth (हिंदी में ‘खरा सत्य’ ) उनके जीवन के उतार-चढ़ावों का जीवंत चित्रण हैं, जो राजनीतिक हस्तक्षेप और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई को दर्शाती हैं सबसे बड़ी चुनौती एन.के सिंह का प्रारंभिक जीवन बिहार के ग्रामीण इलाके में बीता, जहां उनके परिवार की स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी ने उन्हें नैतिक मूल्यों से जोड़ा. राजनीति विज्ञान में शिक्षा प्राप्त करने के बाद कुछ समय तक रांची विश्वविद्यालय में अध्यापन किया. भारतीय पुलिस सेवा में शामिल होने के बाद उनकी पहली नियुक्ति सीबीआई में 1972 से 1980 तक रही, जो उनके करियर का सबसे चुनौतीपूर्ण दौर था. 1977 में मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली जनता पार्टी सरकार ने उन्हें एक ऐतिहासिक जिम्मेदारी सौंपी. उस समय जीप खरीद घोटाले में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी होनी थी. कई अधिकारी इससे पीछे हट रहे थे, लेकिन एन.के सिंह ने बिना हिचकिचाहट के यह दायित्व स्वीकार किया. पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी 3 अक्टूबर 1977 को एन.के सिंह ने सीबीआई के संयुक्त निदेशक वी.आर. लक्ष्मीनारायणन के निर्देश पर इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया. मामला चुनावी उद्देश्यों के लिए जीपों की खरीद में पद का दुरुपयोग करने का था. गिरफ्तारी की प्रक्रिया काफी नाटकीय रही. इंदिरा गांधी ने जमानत लेने से इनकार कर दिया और हथकड़ी लगाने की मांग की. उनके समर्थकों ने भीड़ जुटाई, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई. सिंह ने दृढ़ता से स्थिति संभाली और गांधी को हरियाणा ले जाने की योजना बनाई, लेकिन रेलवे क्रॉसिंग पर रुकावट के कारण उन्हें दिल्ली के किंग्सवे कैंप पुलिस लाइंस में रखा गया. अगले दिन अदालत में पेशी के दौरान भगदड़ मच गई. अंततः श्रीमती गांधी को रिहा कर दिया गया. इस घटना ने एन.के सिंह को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित बना दिया, लेकिन यह उनके लिए मुसीबतों की शुरुआत भी थी
Read more 9th Oct 2025
अग्निवीर सेना भर्ती रैली, 20 जून के अभ्यर्थी देंगे 26 जून को रिपोर्ट
अग्निवीर सेना भर्ती रैली, 0 जून के अभ्यर्थी देंगे 26 जून को रिपोर्ट अजमेर, 19 जून। सेना भर्ती कार्यालय जोधपुर के निदेशक (भर्ती) कर्नल दीपांकर बसु ने बताया कि अजमेर में चक्रवात के कारण हुई अतिवृष्टि से अग्निवीर सेना भर्ती रैली के कार्यक्रम में परिवर्तन किया गया है। इसके कारण 20 जून को कायड़ विश्राम स्थली में रिपोर्ट करने वाले अभ्यर्थी अब 26 जून को प्रातः 2 बजे कायड़ विश्राम स्थली पर रिपोर्ट करेंगे।
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