203 views | November 9, 2022
जयपुर ग्रेटर नगर निगम में मेयर पद के चुनाव से 1 दिन पहले भाजपा की मेयर प्रत्याशी रश्मि सैनी के पति का वीडियो वायरल होने से हंगामे की स्थिति बन गई है। भाजपा वायरल वीडियो से बनी स्थिति को लेकर अपने पार्षदों को एक ही दिलासा दे रही है कि यह सत्ताधारी पार्टी भाजपा को बदनाम करने के लिए यह वीडियो लाई है। लेकिन यह बात भी सही है वीडियो 1 साल पुराना है लेकिन जिस तरह से बातचीत हो रही है उसे लगता है कि मेयर पद कि भाजपा प्रत्याशी रश्मि सैनी के पति ठेकेदारों से जो कुछ बातचीत कर रहे हैं उसे भ्रष्टाचार की बू आती है। अव्यक्त है कि अगर रश्मि सैनी मेयर बनती हैं तो उनके पति ही पूरा काम का संभालेंगे। ऐसा होने पर फिर से भ्रष्टाचार की बात सामने आएगी ।
इस वीडियो के बारे में होने के बाद कांग्रेस दावा कर रही है कि इसकी जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की होगी। वहीं कांग्रेस के पार्षदों के पास बुधवार को कृषि मंत्री लालचंद कटारिया अपने पार्षदों के पास पहुंचे और उन्होंने कहा कि जीत हमारी होगी। इस बार कांग्रेस ने जाट प्रत्याशी हेमा सिंघानिया को प्रत्याशी बनाया है।
पिछले दो दिन से लगातार होटल चौमूं पैलेस में विधायकों की बाड़ाबंदी के बीच बड़े नेताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है।वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा ने स्थिति को संभालने के लिए बाड़ाबंदी में मंगलवार को संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ.अरूण चतुर्वेदी सहित कई विधायक और नेता पहुंचे। । इसी तरह गुरुवार को प्रदेशाध्यक्ष डॉ.सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी बाड़ाबंदी में पहुंचेंगे।पार्षदों को कहा जा रहा है कि वह अपनी रणनीति के तहत ही वोट दें।
मेयर का टिकट तय होने के बाद कई पार्षदों के बीच नाराजगी की जानकारी सामने आई। ऐसे में भाजपा ने नाराज पार्षदों को मनाने की कोशिश चल रही है। माना जा रहा है कि कुछ पार्षदों को महापौर चुनाव के बाद समिति अध्यक्ष बनाया जा सकता है। मेयर चुनाव के बाद समितियां रीशफल होने की संभावना है। ऐसे में कोशिश होगी कि कुछ नाराज पार्षदों को समिति अध्यक्ष बनाकर उनकी नाराजगी दूर की जाए।
मेयर के टिकट के लिए जो दावेदार थे उनकी नजर विधानसभा चुनाव पर है। माना जा रहा है कि शील धाभााई, सुखप्रीत बंसल सहित अन्य प्रत्याशियों ने विधानसभा टिकट पर नजर लगाई है। अंदरखाने कुछ नेताओं से उन्हें आश्वासन मिलने की जानकारी भी सामने आई है। शील धाभाई पहले भी कोटपूतली से चुनाव लड़ चुकी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मेयर का टिकट नहीं पाने वाले प्रत्याशियों की नाराजगी पार्टी इस तरह भी दूर कर सकती है।