202 views | August 31, 2022
तीर्थ नगरी पुष्कर में गणेश चतुर्थी पर बीते 54 वर्षो से एक अनोखी परम्परा का निर्वाह किया जा रहा है । जहाँ प्रथम पूज्य गणेश भगवान अपने भक्तों के घरों में जाकर उन्हें दर्शन देते है । गाजे बाजो के साथ घर पधारे गणेश भगवान का स्वागत करने में श्रद्धालु फलक पावडे बिछाते हैं । भगवान गणेश को तिलक कर लड्डू का भोग लगाकर आरती उतारते है । दरअसल 1968 से कस्बे की धार्मिक संस्था श्री ब्रह्म पुष्कर सेवा संघ ने इस आयोजन की शुरुआत की । आयोजन के दौरान कस्बे के बच्चे को गणेश भगवान के स्वरूप में सजा कर प्राचीन भगवान गणेश का मुखोटा पहनाया जाता है । और उसे क्षेत्र के हर घर मे ढोल ओर बैंड के साथ ले जाया जाता है । जहा कस्बेवासी भगवान गणेश के प्रतीकत्मक स्वरूप की श्रद्धा के साथ पूजा करते है । बुधवार गणेश चतुर्थी के अवसर पर कस्बे के वराह घाट चौक पर कार्यकर्ताओं ने वैदिक मंत्रों के बीच कस्बे के जामुन शर्मा को गणेश भगवान के स्वरुप में सजा कर पुराना मुखौटा पहनाया । इसके बाद कार्यकर्ताओं ने वराह घाट क्षेत्र के घरों में गणेश के प्रतीकात्मक स्वरूप को भ्रमण करवाया । यह भ्रमण वराह घाट, इमली मोहल्ला, वराह मंदिर, मेलु गवाड़ी, करीठ गवाड़ी, गुजराती , मिश्रो का मोहल्ला,पटवारी गली होते हुए पुनः वराह घाट पहुचा । इस दौरान श्री ब्रह्म पुष्कर सेवा संघ के सुरेंद्र राजोरिया, आशुतोष शर्मा, रविकांत शर्मा, गणेश जोशी , मोनीशर्मा , पार्थ शर्मा मौजूद रहे ।