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December 2, 2025
CID इंटेलिजेंस द्वारा श्रीगंगानगर में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस को मंगलवार दोपहर कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ अदालत ने आरोपी को 10 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। आरोपी प्रकाश सिंह उर्फ बादल (34), मूल रूप से फिरोजपुर (पंजाब) का रहने वाला है और सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में था। वह राजस्थान, पंजाब और गुजरात से भारतीय सेना से जुड़ी सामरिक गोपनीय सूचनाएँ एकत्रित कर पाकिस्तान भेजता था।
डीजी (इंटेलिजेंस) प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि आरोपी को शासकीय गुप्त बात अधिनियम-1923 के तहत गिरफ्तार किया गया है। CID ने अदालत से आरोपी का 15 दिन का रिमांड मांगा था, जिसके जवाब में कोर्ट ने उसे 10 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजने के आदेश दिए।
विदेशी वॉट्सऐप नंबरों से लगातार संपर्क
27 नवंबर को संदिग्ध को श्रीगंगानगर के साधूवाली सैन्य क्षेत्र के निकट घूमते देखा गया। बॉर्डर इंटेलिजेंस टीम ने तत्काल कार्रवाई कर उसे हिरासत में लिया। प्रारंभिक जांच में उसके मोबाइल फोन में विदेशी और पाकिस्तानी वॉट्सऐप नंबरों से लगातार हुई चैटिंग और संपर्क के प्रमाण मिले।
ऑपरेशन सिंदूर से ISI के संपर्क में
ज्वाइंट इंटरोगेशन सेंटर में सभी खुफिया एजेंसियों ने संदिग्ध से गहन पूछताछ की। पूछताछ में सामने आया कि वह ऑपरेशन सिंदूर के समय से ISI के निरंतर संपर्क में था। वह इंडियन आर्मी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ पाकिस्तान भेजता था, जिनमें शामिल थीं—
सेना के वाहन मूवमेंट
सैन्य प्रतिष्ठानों का विवरण
सीमावर्ती भू-स्थिति
पुल, सड़कें और रेलवे लाइनें
नए निर्माण कार्य
इन सभी सूचनाओं को वह नियमित रूप से पाक हैंडलर्स तक पहुँचाता था।
OTP सप्लाई और फंडिंग का नेटवर्क
जासूसी से आगे बढ़कर आरोपी एक राष्ट्रविरोधी OTP सप्लाई नेटवर्क में भी शामिल था। वह भारतीय नागरिकों के नाम पर जारी मोबाइल नंबरों के OTP पाकिस्तानी एजेंटों को उपलब्ध कराता था।
पाक एजेंट इन OTP का उपयोग भारतीय नंबरों से वॉट्सऐप चलाकर जासूसी व अन्य गतिविधियों के लिए करते थे। इस काम के बदले आरोपी को धनराशि भी प्राप्त होती थी।
FIR दर्ज, तकनीकी जांच में सभी आरोप पुष्ट
जांच को आगे बढ़ाते हुए आरोपी को जयपुर के केंद्रीय पूछताछ केंद्र में लाया गया। यहाँ मोबाइल के तकनीकी परीक्षण और डिजिटल डाटा की फॉरेंसिक जांच से यह पुष्टि हुई कि आरोपी पाकिस्तान के खुफिया नेटवर्क का सक्रिय हिस्सा था। इसके बाद स्पेशल पुलिस स्टेशन जयपुर में आरोपी के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम-1923 के तहत FIR दर्ज कर उसे सोमवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया। CID इंटेलिजेंस को उम्मीद है कि 10 दिन के रिमांड के दौरान आरोपी से कई और अहम खुलासे हो सकते हैं, जिनसे सीमा सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी उजागर होने की संभावना है।
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